अब पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे घोटाले में आया अवनीश अवस्थी का नाम प्रधानमंत्री मोदी से की गयी शिकायत

बंगले में पचास करोड़ की चोरी का सवाल भी चर्चा में

पहले भी लगे थे पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में करोड़ों का घोटाला करने के आरोप
दागी अवनीश अवस्थी को सलाहकार बनाने पर योगी पर भी हमला
योगी के सलाहकार अवनीश अवस्थी पर लगे करोड़ों की हेराफेरी के आरोप

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी के चर्चित आइएएस अफ़सर रहे और वर्तमान में योगी के सलाहकार अवनीश अवस्थी एक के बाद एक विवादों में घिरते जा रहे हैं। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुआ कि उत्तराखंड के भीमताल के एक बंगले से 50 करोड़ की नक़दी चोरी हो गई।
सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा कि यह बंगला अवनीश अवस्थी का है जो उन्होंने अपने दामाद को गिफ़्ट किया है। इस चोरी की चर्चा के बीच अविनाश अवस्थी ने ट्वीट किया कि उन पर आरोप लगाने वालों पर वे कार्रवाई करेंगे है मगर इस बंगले की चोरी की शिकायत प्रधानमंत्री से भी की गयी है।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे में 535 करोड़ की अनियमितता की जांच हो : अमिताभ

आजाद अधिकार सेना के राष्टï्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे अथॉरिटी द्वारा बनाए गए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे में समय पूर्व बोनस भुगतान में 535 करोड़ की अनियमितता के आरोपों की जांच की मांग की है। भारत के प्रधानमंत्री तथा यूपी के मुख्यमंत्री को भेजी अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वस्त सूत्रों से कतिपय ऑडिट रिपोर्ट प्राप्त हुए हैं। अमिताभ ठाकुर ने इस पूरे प्रकरण की जांच कराते हुए उत्तरदायित्व तय कराए जाने और अधिक किए गए भुगतान की वसूली किए जाने की मांग की है।

ठाकुर ने ऑडिट रिपोर्ट का दिया हवाला

आजाद अधिकार सेना अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर के अनुसार जून से जुलाई 2022 में अकाउंटेंट जनरल ऑडिट दो, लखनऊ उत्तर प्रदेश कार्यालय द्वारा तत्कालीन अध्यक्ष अवनीश अवस्थी के नेतृत्व में कार्यरत एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के लेखा परीक्षा में पाया गया कि जहां सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समय पूर्व बोनस भुगतान हेतु अधिकतम पांच प्रतिशत की धनराशि तय की गई है। वहीं पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे प्रकरण में उसकी जगह मनमाने ढंग से छह प्रतिशत भुगतान किया गया। इस कारण 6 ठेकेदारों को 104.10 करोड़ रुपए का अधिक भुगतान हुआ। इसी प्रकार ऑडिट रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि जहां यह भुगतान अंतिम पूर्णता प्रमाणपत्र के बाद दिया जाना होता है, वहीं इन मामलों में अनंतिम पूर्णता प्रमाणपत्र के बाद ही भुगतान कर दिया गया, जिसके कारण 438.8 करोड़ रूपए राजस्व की हानि हुई। इस प्रकार ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार गलत ढंग से समय पूर्व बोनस भुगतान देने से 535.5 करोड़ रूपए की राजस्व की हानि हुई, जो एक गंभीर अनियमितता है।

Related Articles

Back to top button