अब मथुरा के सहारे चुनावी नैया पार करेगी भाजपा!
गरमाया जा रहा मथुरा का मुद्दा, 4पीएम की परिचर्चा में उठे कई सवाल
प्रदेश में फिर सांप्रदायिक कार्ड खेल रही पार्टी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी विधान सभा चुनाव के करीब आते ही भाजपा ने फिर धर्म और जाति की राजनीति शुरू कर दी है। नारा उछाला जा रहा है कि अब मथुरा की बारी है। मथुरा को गरमाने की कोशिश क्यों की जा रही है? ऐसे कई सवाल उठे वरिष्ठï पत्रकार अशोक वानखेड़े, शीतल पी सिंह, हरजिंदर, ममता त्रिपाठी, चिंतक रविकांत और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के बीच चली लंबी परिचर्चा में।
रविकांत ने कहा, भाजपा और आरएसस ने इससे बहुत कुछ हासिल कर लिया। भाजपा धर्म और जाति के राजनीतिक समीकरण को साधकर यूपी चुनाव को जीतने की कोशिश कर रही है। सांप्रदायिकता भाजपा का बाहरी आवरण है और इसको काउंटर करने में विपक्ष लगा रहता है। हरजिंदर ने कहा, भाजपा के लिए राम मंदिर उपलब्धि है। अब वह नया मुद्दा खड़ा करना चाहती है। मथुरा उसके लिए बढिय़ा मुद्दा हो सकता है। इसकी प्लॉनिंग की गई। भाजपा चुनाव को उसी दिशा में लेकर जा रही है जैसा वह चाहती है। भाजपा इसको 2024 तक पीक पर ले जाएगी। शीतल पी सिंह ने कहा, महंगाई, बेरोजगारी समेत तमाम मुद्दों को दरकिनार करने के लिए भाजपा यह दांव चल रही है। किसान आंदोलन से भी भाजपा सरकार बैकफुट पर है। ममता त्रिपाठी ने कहा, मथुरा का भाजपा का शो फ्लाप रहा है। भाजपा आईटी सेल सांप्रदायिकता को फैलाने में जुटी है। खुद योगी ही दंगों की बात कर रहे हैं। जनता समझ चुकी है कि इनके पास आम हितों की चिंता नहीं है। अशोक वानखेड़े ने कहा, भाजपा डर पैदा करना चाहती है। वे मथुरा और काशी को जिंदा रखना चाहती है। इसका कारण यह है कि इनके पास कहने को कुछ नहीं है। विकास की बात कर सत्ता में आए थे लेकिन कुछ नहीं किया।