अब लोक जनशक्ति पार्टी भी उत्तर प्रदेश में लड़ेगी विधान सभा चुनाव

चिराग पासवान ने किया ऐलान पर नहीं खोले सियासी पत्ते

तैयारी के लिए स्थानीय पार्टी संगठन को मजबूत करने में जुटे

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ। अब उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी भी ताल ठोकेगी। लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने इसका ऐलान किया है। हालांकि उन्होंने अपनी सियासी रणनीति के पत्ते अभी नहीं खोले हैं।
चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी पहले भी प्रदेश में विधान सभा चुनाव न सिर्फ लड़ चुकी है बल्कि विधान सभा में अपनी उपस्थिति भी दर्ज करा चुकी है। अब उत्तर प्रदेश में चुनाव लडऩे का निर्णय पार्टी की राज्य इकाई ने लिया है। हम अपने प्रत्याशी उतारेंगे। हम अकेले चुनाव लड़ेंगे या किसी क्षेत्रीय दल के साथ मिलकर इसका फैसला राज्य इकाई के अनुमोदन के जरिए केंद्रीय संगठन करेगा।

हालांकि तय है कि इस बार चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन हर बार से बेहतर होगा। प्रदेश को किस तरह विकास की राह पर और मजबूती से ले जाएं, युवाओं को रोजगार दें, इसके लिए विजन डाक्यूमेंट पर काम कर रहे हैं। प्रदेश के युवा शिक्षा व रोजगार के लिए दूसरे राज्य में जाते हैं तो कई बार उन्हें अपमान का सामना करना पड़ता है। ऐसे में देश के बेहद महत्वपूर्ण प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है। उन्होंने प्रदेश में सत्तारूढ़ रहीं पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि अपनी-अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के लिए किसी पार्टी को राम तो किसी को जिन्ना सूट करते हैं।

जनता बताएगी प्रदेश में कैसा हुआ काम

केंद्र या राज्य सरकार के वर्तमान कामकाज पर चिराग ने इसे बेहतर बताया। हालांकि उन्होंने कहा कि इसमें और बेहतर होने की गुंजाइश थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिस तरह का जनादेश मिला है, उसमें कई काम हुए हैं। लेकिन युवाओं को अपने ही प्रदेश, जिले या गांव में रोजगार कैसे मिले, इस पर काम बाकी है। जनता इस पर फैसला लेगी कि कामकाज कैसा हुआ।

गठबंधन अभी तय नहीं

किस पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेंगे, इस सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि सभी पार्टी की विचारधारा कुछ न कुछ अलग होती है। लोक जनशक्ति पार्टी के अपने मुद्दे हैं, चाहे दलितों को लेकर हों, अल्पसंख्यक या फिर समाज के गरीब वर्ग के लिए। पार्टी के नेता दिवंगत राम विलास पासवान ने समाज के पिछड़े वर्ग को मुख्यधारा में लाने के लिए पांच दशक तक संघर्ष किया। प्रदेश में अभी तय नहीं है कि चुुुुुनाव अकेले लड़ेंगे या किसी के साथ गठबंधन होगा।

Related Articles

Back to top button