अब अहिमामऊ उजाडऩे की तैयारी!
150 मकानों पर आवास विकास ने चस्पा की नोटिस
मो. शारिक/4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी में एकबार फिर बुलडोजर ने लोगों को डरा दिया है। अबकि बार ये बुलडोजर लखनऊ के अहिमामऊ इलाके में पहुंचा था। दरअसल, शनिवार को अचानक आवास विकास की टीम बुलडोजर लेकर वहां पहुंच गई। ज्ञात हो यहां 150 मकान पर आवास विकास ने नोटिस चस्पा की थी। बताया गया कि यह जमीन आवास विकास अपने कब्जे में लेगा।
टीम जैसे ही इलाके में पहुंची बड़ी संख्या में महिलाएं बुलडोजर के सामने आए गई। उनके साथ इलाके के लोग भी एकत्र हो गए। आवास विकास, पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। स्थिति यह थी कि करीब डेढ़ घंटे के विरोध के बाद टीम को वापस जाना पड़ा। हालांकि इस दौरान आवास विकास के इंजीनियरों ने 7 दिन बाद फिर से कार्रवाई की बात की है।
निजी प्रॉपर्टी डीलर ने जमीन बेची है
यहां निजी प्रॉपर्टी डीलर आलोक यादव ने प्लाटिंग कर जमीन बेची है। वैसे तो यह सोसाइटी रेरा और बाकी मानक के खिलाफ है लेकिन लोगों के पास रजिस्ट्री और दाखिल खारिज के पर्याप्त कागज मौजूद है। दावा किया जा रहा है कि जिन 150 मकानों को नोटिस दी गई है। उसमें सभी के पास नोटिस है।
बिना महिला पुलिस के पहुंची थी टीम
अभियान के दौरान पुलिस की टीम में महिला कर्मचारी नहीं थी। ऐसे में जब महिलाएं बुलडोजर के सामने आई तो उनको हटाने वाला भी कोई नहीं था। इलाके के करीब 300 लोग आवास विकास और पुलिस प्रशासन पर भारी पड़े। लोगों ने इस स्तर पर विरोध किया कि आवास विकास की टीम के पास पीछे हटने के अलावा कोई चारा नहीं था।
तंदूर वाले होटलों पर गिरेगी गाज
यहां निजी प्रॉपर्टी डीलर आलोक यादव ने प्लाटिंग कर जमीन बेची है। वैसे तो यह सोसाइटी रेरा और बाकी मानक के खिलाफ है लेकिन लोगों के पास रजिस्ट्री और दाखिल खारिज के पर्याप्त कागज मौजूद है। दावा किया जा रहा है कि जिन 150 मकानों को नोटिस दी गई है। उसमें सभी के पास नोटिस है।
बिना महिला पुलिस के पहुंची थी टीम
अभियान के दौरान पुलिस की टीम में महिला कर्मचारी नहीं थी। ऐसे में जब महिलाएं बुलडोजर के सामने आई तो उनको हटाने वाला भी कोई नहीं था। इलाके के करीब 300 लोग आवास विकास और पुलिस प्रशासन पर भारी पड़े। लोगों ने इस स्तर पर विरोध किया कि आवास विकास की टीम के पास पीछे हटने के अलावा कोई चारा नहीं था।
तंदूर वाले होटलों पर गिरेगी गाज
प्रदूषण रोकने के लिए नगर निगम ने शुरू की तैयारी
गैस आधारित तंदूर बांटने की है योजना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सर्दी आते ही शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब हो जाता है। इससे राजधानी का प्रदूषण लेवल भी बढ़ जाता है। इसी को रोकने के लिए नगर निगम ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। लखनऊ नगर निगम शहर के होटल और रेस्टोरेंट में कोयला वाले तंदूर पर रोक लगाने जा रहा है।
वायु प्रदूषण के नियंत्रण व एनजीटी की सख्ती के बाद होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों में चलने वाले तंदूर की भट्टियों पर रोक लगाया जाएगा। इसके लिए नगर निगम तंदूर का इस्तेमाल करने वाले होटल व रेस्टोरेंट का सर्वे करा रहा है। इसके बाद होटलों के मालिकों को नोटिस जारी कर लकड़ी और कोयला आधारित तंदूर का उपयोग बंद कर इलेक्ट्रिक या एलपीजी वाले तंदूर का इस्तेमाल किए जाने के निर्देश दिए जाएंगे। पहले चरण में लालबाग व आस-पास के क्षेत्र में इसकी शुरुआत की जाएगी।
ऊर्जा और संसाधन संस्थान (टेरी) की ओर से लखनऊ शहर के वायु प्रदूषण स्रोत पर होटल और रेस्टोरेंट की 44 इकाइयों का सर्वेक्षण किया गया। संस्था के अध्ययन में सामने आया है कि वायु प्रदूषण में प्रमुख स्रोतों के अलावा, होटल और रेस्टोरेंट क्षेत्रों और सडक़ के किनारे भोजनालयों से वातावरण में पीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ रही है। असल में होटल और रेस्टोरेंट में पारंपरिक या कोयला आधारित तंदूर का उपयोग किया जाता है। इसकी वजह से धुआं उत्पन्न होता है, जिससे वायु प्रदूषण होता है। नगर निगम को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार तंदूर में इस्तेमाल होने वाले कोयला और लकड़ी के धुएं से प्रदूषण तो फैलता ही है, साथ ही तंदूर की रोटियों मे कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा भी ज्यादा होती है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है लिहाजा तंदूर के बजाय अब इलेक्ट्रिक या एलपीजी आधारित गैस का उपयोग किया जाना जरूरी है।
200 गैस तंदूर फ्री देगी टेरी
होटल और रेस्टोरेंट में पारंपरिक कोयले से चलने वाले तंदूर के लिए शहर के लालबाग और सेंट्रल स्कूल क्षेत्र को बेसलाइन सर्वेक्षण करने के लिए चुना गया है। संस्था की ओर से प्रारंभिक चरण में 200 होटल व रेस्टोरेंट को निशुल्क गैस व इलेक्ट्रिक आधारित तंदूर का वितरण किया जाएगा। इसके लिए कार्यक्रम
गैस तंदूर से 95 प्रतिशत कम होगा पीएम 2.5
सर्वेक्षण विश्लेषण के अनुसार, कोयले से चलने वाले तंदूर के उपयोग से पीएम 2.5 उत्सर्जन क्रमश: 15, 35 और 35 से अधिक बैठने की क्षमता वाले रेस्टोरेंट के लिए 101, 141 और 202 ग्राम प्रति दिन होने का अनुमान लगाया गया है। सर्वे में सामने आया कि पारंपरिक कोयले से चलने वाले तंदूर को गैस तंदूर से बदलने पर पीएम 2.5 के उत्सर्जन में 95त्न की भारी कमी आने की उम्मीद है, जिससे महत्वपूर्ण वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।
पेरिस नहीं जा सकेंगे सीएम भगवंत मान
हॉकी टीम की हौसलाअफजाई करने जाना चाहते थे सीएम
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को पंजाब के सीएम भगवंत मान को पेरिस जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। विदेश मंत्रालय ने अनुमति देने से इनकार करने के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय को शुक्रवार देर शाम यात्रा की अनुमति नहीं मिलने की सूचना मिली।
गौरतलब है कि भगवंत मान भारतीय हॉकी टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए पेरिस ओलंपिक जाना चाहते थे। उन्हें आज रवाना होना था, लेकिन अनुमति नहीं मिलने के कारण वे पेरिस नहीं जा पाएंगे। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का समर्थन करने के लिए पेरिस जाने की योजना के लिए मंजूरी नहीं दी है।
सीएम मान, जिनके पास लाल रंग का राजनयिक पासपोर्ट है, जो आमतौर पर वीजा प्रक्रिया में तेजी लाने की अनुमति देता है, ने हॉकी टीम का उत्साह बढ़ाने के लिए पेरिस की अपनी यात्रा के लिए गृह मंत्रालय से राजनीतिक मंजूरी मांगी थी, जो 4 अगस्त को चल रहे ओलंपिक में अपना पहला क्वार्टर फाइनल मैच खेलने के लिए तैयार है। पंजाब से बड़ी संख्या में खिलाडिय़ों के होने के कारण, मान व्यक्तिगत रूप से अपना समर्थन दिखाने के लिए उत्सुक थे, लेकिन केंद्र ने जेड+ सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के रूप में उनकी स्थिति से संबंधित सुरक्षा चिंताओं का हवाला दिया।
विदेश मंत्रालय ने सुरक्षा कारणों का दिया हवाला
केंद्रीय मंत्रालय का निर्णय अंतरराष्टï्रीय यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े सुरक्षा उपायों को दर्शाता है, जिसने अंतत: उन्हें यात्रा करने से रोक दिया। पंजाब के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर पुष्टि की। उन्होनें कहा “पेरिस में बहुत अधिक भीड़ है क्योंकि कई लोग ओलंपिक के लिए शहर में उमड़ पड़े हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री को विभिन्न खतरों के मद्देनजर अधिकतम सुरक्षा की आवश्यकता है, इसलिए गृह मंत्रालय ने यात्रा के लिए मंजूरी नहीं दी है। गृह मंत्रालय के अनुसार कम समय में जेड+ सुरक्षा की व्यवस्था करना संभव नहीं था।
वायनाड भूस्खलन में मृतकों का आंकड़ा पहुंचा 300 पार
शवों को दफनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
तिरुवनंतपुरम। केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन के बाद राहत और बचाव कार्यों का आज पांचवां दिन है। अब तक मृतकों का आंकड़ा 308 हो चुका है। अभी भी शवों की तलाश जारी है।
भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल विकास राणा ने बताया कि आज भी कल की ही तरह विभिन्न जोन्स के लिए अलग-अलग टीमें बनाई जाएंगी। टीमों के साथ वैज्ञानिक और स्निफर डॉग्स भी मौजूद रहेंगे। सेना के अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोग भी राहत और बचाव कार्य में मदद कर रहे हैं।
पिछले दो दिनों से हम नदी क्षेत्र पर केंद्रित हैं। पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ वन, अग्निशमन और तट रक्षक अपना काम कर रहे हैं। हमारे पुलिस हेलीकॉप्टर और ड्रोन का इस्तेमाल सर्वेक्षण करने के लिए किया जा रहा है। आज हमें उस सर्च में एक शव मिला है। अभी तक जिला प्रशासन के अनुसार, उन्हें करीब 400 लोगों के लापता होने की सूचना मिली है, हमारे पास ज्यादा डेटा नहीं है।
हिमाचल में भयंकर बाढ़ में बहे 36 लोगों का सुराग नहीं
बादल फटने से बुधवार आधी रात को रामपुर बुशहर के समेज खड्ड में आई भयंकर बाढ़ में बहे 36 लोगों का दूसरे दिन भी सुराग नहीं लग पाया। शुक्रवार तडक़े पांच बजे से स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, आपदा प्रबंधन टीम, होमगार्ड, आईटीबीपी, बायल से आए भारतीय सेना के जवान बारिश में भी खड्ड के आसपास और मलबे में लापता लोगों को खोजते रहे पर शाम तक कोई कामयाबी नहीं मिली। वहीं लापता लोगों के परिजन और उनके रिश्तेदार भी अपने लोगों को तलाश करते रहे।