अब सरकार गठन की कवायद दिल्ली दरबार के इशारे का इंतजार

प्रदेश के भाजपा नेताओं को आज बुलाया जा सकता है दिल्ली

  • कैबिनेट में सहयोगी दलों के कुछ विधायकों को भी किया जा सकता है शामिल
  • उपमुख्यमंत्री का नाम तय कर सकता है केंद्रीय नेतृत्व, कैबिनेट बैठक आज

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत मिलने से गदगद भाजपा नेतृत्व ने अब नयी सरकार के गठन की कवायद तेज कर दी है। प्रदेश में भाजपा की नई सरकार के मंत्रिमंडल के सदस्यों पर दिल्ली में मुहर लगेगी। लिहाजा प्रदेश भाजपा नेतृत्व को दिल्ली दरबार के इशारे का इंतजार है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली दरबार का इशारा मिलते ही कोर कमेटी के सभी सदस्य आज दिल्ली जा सकते हैं। प्रदेश में उपमुख्यमंत्री बनाए जाएंगे या नहीं, यह भी दिल्ली में तय होगा। वहीं भाजपा अपने गठबंधन साथियों के कुछ विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है।

विधान सभा चुनाव के नतीजों में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं और आरएसएस के बीच यूपी में भाजपा की नई सरकार के गठन को लेकर बातचीत शुरू हो गई है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल के नए सदस्यों के नामों पर भाजपा और आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों की सहमति से ही मुहर लगेगी। प्रदेश सरकार के नए मंत्रिमंडल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, आगरा ग्रामीण से नवनिर्वाचित विधायक और उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य, कन्नौज से नवनिर्वाचित विधायक और पूर्व एडीजी असीम अरुण और सरोजनीनगर से नवनिर्वाचित विधायक राजेश्वर सिंह को अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी अरविंद कुमार शर्मा को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के साथ अपना दल के विधायकों को भी जगह मिल सकती है। माना जा रहा है कि दोनों सहयोगी दलों से एक से दो मंत्री भी बनाए जा सकते है। वहीं सिराथू विधान सभा सीट से लड़े उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य चुनाव हार चुके हैं जबकि उपमुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा चुनाव नहीं लड़े हैं। ऐसे में संभावना है कि अब उपमुख्यमंत्री के लिए नए चेहरे तलाशे जाएं और इसका निर्णय दिल्ली दरबार कर सकता है।


मंत्रिमंडल गठन में क्षेत्रीय और जातीय समीकरण पर भी रहेगा फोकस

लखनऊ। मंत्रिमंडल के गठन में क्षेत्रीय तथा जातीय संतुलन साधने पर भी फोकस रहेगा। इस बार चुनाव में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ 11 मंत्री चुनाव हारे हैं। इनकी खाली जगह भरने के लिए भाजपा मंत्रिमंडल में जातीय व क्षेत्रीय समीकरण साधकर नए चेहरों को जगह दे सकती है। यह तय है कि मंत्रिमंडल के सहारे भाजपा 2024 के लिए रणनीति की चौसर सजाएगी। अटकलें यह भी हैं कि डा. दिनेश शर्मा को संगठन का जिम्मा सौंपा जा सकता है। लोक सभा चुनाव के मद्देनजर ब्राह्मïण को प्रदेश संगठन सौंपने के प्रयोग भाजपा पहले भी कर चुकी है। 2014 में इस पद पर डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को बैठाया गया तो 2019 के लोक सभा चुनाव से पहले डा. महेंद्र नाथ पांडेय प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। दिनेश शर्मा को संगठन का लंबा अनुभव है। वे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं और ब्राह्मïणों ने भाजपा को भरपूर वोट भी दिया है।

भाजपा विधायक दल चुनेगा अपना नेता

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले भाजपा के पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 18वीं विधान सभा के गठन से पहले अपना इस्तीफा देंगे। उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत मिलने के बाद भाजपा अब सरकार बनाने की तैयारी में लग गई है। योगी आदित्यनाथ सरकार का कार्यकाल 15 मार्च तक है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले अपने पद से इस्तीफा देंगे। इसके बाद प्रदेश में केयरटेकर सरकार काम करेगी। वह अपने सरकारी आवास पर हैं। इसी दौरान आज अपना दल (सोनेलाल) की मुखिया अनुप्रिया पटेल मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पहुंचीं और सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उनकी पार्टी के 12 विधायक जीते हैं। दिल्ली दरबार से इशारे के बाद लखनऊ में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा। यह नेता ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा। मुख्यमंत्री के साथ ही अन्य मंत्री भी शपथ लेंगे। इसके बाद उत्तर प्रदेश में नई सरकार काम प्रारंभ करेगी। वहीं आज शाम प्रदेश कैबिनेट की बैठक है।

दूर हो गया भाजपा का आधे से ज्यादा भ्रम: अखिलेश

  • जनता को समर्थन देने के लिए दिया धन्यवाद
  • हमने दिखा दिया कि घटाया जा सकता है भाजपा की सीटों को

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि भाजपा का आधे से ज्यादा भ्रम दूर हो गया है।
अखिलेश यादव ने आज ट्वीट किया। सपा मुखिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता को हमारी सीटें ढाई गुनी व मत प्रतिशत डेढ़ गुना बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद। हमने दिखा दिया है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सीटों को घटाया जा सकता है। अब भाजपा का यह घटाव निरंतर जारी रहेगा। उनका आधे से ज्यादा भ्रम और छलावा दूर हो गया है बाकी कुछ दिनों में हो जाएगा। जनहित का संघर्ष जीतेगा। एक अन्य ट्वीट में अखिलेश ने लिखा, सपा-गठबंधन के जीते हुए सभी विधायकों को हार्दिक बधाई। सभी नए विधायक जनता की सेवा व सहायता करने की जिम्मेदारी शत-प्रतिशत निभाएं। उस हर एक छात्र, बेरोजगार युवा, शिक्षक, शिक्षामित्र, महिला, पुरानी पेंशन के समर्थक, किसान, मजदूर और प्रोफेशनल को धन्यवाद जिसने हममें विश्वास जताया। इससे पहले कल अखिलेश यादव ने मतगणना से पहले कहा था कि इम्तिहान बाकी है अभी हौसलों का वक्तआ गया है। अब फैसलों का। मतगणना केंद्रों पर दिन-रात सतर्क और सचेत रूप से सक्रिय रहने के लिए सपा-गठबंधन के हर एक कार्यकर्ता, समर्थक, नेतागण, पदाधिकारी और शुभचिंतक को हृदय से धन्यवाद। लोकतंत्र के सिपाही जीत का प्रमाणपत्र लेकर ही लौटें। गौरतलब है कि सपा छोटे दलों के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरी थी।

बसपा से हुई भूल, बदलेंगे रणनीति: मायावती

  • चुनाव परिणामों से लेंगे सबक

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के परिणाम आने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि बसपा की उम्मीद के विपरीत नतीजे आए हैं लेकिन उससे पार्टी के नेता तथा कार्यकर्ता को घबराना नहीं है। सही कारणों को समझकर और सबक सीखकर हमें अपनी पार्टी को आगे बढ़ाना है। चुनाव परिणाम आगे के लिए सबक हैं। बसपा के बारे में गलत प्रचार हुआ है। सभी इससे सजग रहें।
उन्होंने कहा कि इस बार के चुनाव में मुस्लिमों से भारी भूल हुई है क्योंकि उन्होंने भाजपा को रोकने के लिए सपा को वोट दिया और इसकी सजा बसपा को मिल गई। उसी तरह विभिन्न समाज का वोटर इसलिए भाजपा की तरफ शिफ्ट हो गया कि कहीं सपा की सरकार न आ जाए और फिर से जंगलराज कायम न हो जाए। उन्होंने कहा कि मुस्लिम जो बसपा पर भरोसा करते रहे हैं इस बार उनसे भूल हो गई। बसपा से भी भूल हुई। बसपा आगे अपनी रणनीति बदलेगी। पार्टी और उसके मूवमेंट को फिर आगे बढ़ाना है।

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