अब ‘एरिस’ का कहर, ब्रिटेन में वायरस की चपेट में हर सात में से एक शख्स
नई दिल्ली। ब्रिटेन में कोविड 19 के नए स्ट्रेन ने कोहराम मचा दिया है। कोरोना के इस नए वेरिएंट का नाम ईजी.5.1 है, जो ओमीक्रॉन से ही पैदा हुआ है। चिंता करने वाली बात ये है कि नया वैरिएंट तेजी से लोगों के बीच फैल रहा है। गौर हो कि पिछले महीने इसे ब्रिटेन में डिटेक्ट किया गया था। नए वैरियंट के चलते ब्रिटेन में कोविड के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है।
ब्रिटेन की स्वास्थ्य एजेंसी ने इसको एरिस उपनाम दिया गया है। ये सात कोरोना के नए मामलों में से एक हो सकता है। हेल्थ एजेंसी के मुताबिक, एरिस को 3 जुलाई को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोविड के नए वैरिएंट के तौर पर पहचाना गया था। उसी दौरान से ही ग्लोबल हेल्थ एजेंसी ने नए स्ट्रेन पर ध्यान रखना शुरू कर दिया था। जानकारी के लिए बता दें कि ब्रिटेन के डेटा में जीनोम की बढ़ती संख्या के कारण इसे 31 जुलाई को मॉनिटरिंग सिग्नल से बढ़ाकर वैरिएंट दिया गया था।
फिलहाल, इस बात के किसी तरह से संकेत नहीं मिले हैं कि एरिस वेरिएंट ज्यादा खतरनाक है. लेकिन हेल्थ एजेंसी के टेड्रोस गोब्रिएसिस ने दुनियाभर के देशों को कोरोना के नए स्ट्रेन पर चेतावनी जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि देशों को सावधानी बतरने में चूक नहीं करनी चाहिए। ब्रिटेन की हेल्थ एजेंसी के डेटा के मुताबिक,कोविड 19 के नए मामले में एरिस से संक्रमित मरीजों की संख्या 14.6 प्रतिशत है।
ब्रिटिश हेल्थ एजेंसी के मुताबिक, रेस्पिरेटरी डेटामार्ट सिस्टम के जरिए करीब 4,396 सैंपल लिए गए। इनमें से 5।4 फीसदी मरीजों में कोरोनावायरस की पुष्टी की गई। वहीं, पिछली रिपोर्ट में ये संख्या 4,403 में से 3.7 फीसदी थी। इस बीच, ब्रिटिश स्वास्थ्स एजेंसी में टीकाकरण चीफ डॉक्टर मैरी ने बताया है कि कोरोना के मामलों में बीते दिनों के मुकाबले इजाफा देखने को मिल रहा है। खासकर, बुजुर्ग नए स्ट्रेन के निशाने पर हैं। हम इसकी बारीकी से जांच कर रहे हैं। इसके अलावा, लोगों से कोविड 19 के सभी प्रोटोकॉल फॉलो करने की सला भी दे रहे हैं।