एलडीए समेत छह विभाग के अफसर लेवाना कांड में दोषी
- जांच रिपोर्ट पेश, प्रमुख सचिव को जांच कमेटी ने देर रात सौंपी
- शासन रिपोर्ट के आधार पर करेगा कार्रवाई
लखनऊ। लेवाना सुइट्स होटल अग्निकांड की जांच रिपोर्ट प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद को सौंप दी गई है। सूत्रों के मुताबिक लखनऊ मंडलायुक्त और पुलिस कमिश्नर की रिपोर्ट में अग्निकांड के पीछे लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी एलडीए और फायर विभाग समेत छह विभागों को जिम्मेदार ठहराया गया है, जिनके अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है। सूत्रों के मुताबिक मंडलायुक्त रोशन जैकब और पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर ने देर रात रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया, जिसमें दोषी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही। वहीं भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो इसके लिए सुझाव दिए हैं। चर्चा है कि उन्होंने रिपोर्ट सौंपने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक जांच में अग्निकांड के लिए जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों का जिक्र है। जिसमें एलडीए, फायर, नगर निगम, आबकारी, बिजली विभाग और जिला प्रशासन के कर्मचारियों का जिक्र है। रिपोर्ट में यह भी सलाह दी गई है कि उन सभी होटल और बिल्डिंग पर कार्रवाई होनी चाहिए जो मानक के विपरीत और बिना नक्शा पास किए हुए बनी हैं। सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में उन सभी विभागों का जिक्र किया गया है, जिनका लेवाना होटल के निर्माण और चलने में कहीं न कहीं भूमिका था।
इन विभागों की कहां पर चूक हुई और कौन जिम्मेदार है, रिपोर्ट में इसका जिक्र किया गया है। हम बताते हैं कि किन विभाग से कहां पर चूक हुई। लेवाना होटल जिस जमीन पर बना उसका नक्शा आवासीय परिसर के लिए पास हुआ था। जोन छह के अधिकारी आंख बंद कर बैठे रहे और बिना नक्शा पास हुए चार मंजिल होटल तैयार हो गया। जांच में सामने आया है कि फायर विभाग ने मौके पर जाकर जांच के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति की। फायर के मानक न पूरे होते हुए एनओसी दे दी। साथ ही कोई पेंच न फंसे इसके चलते नोटिस दिए, लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि वहां पर फायर एनओसी का सबसे जरूरी मानक फायर एक्जिट की व्यवस्था ही नहीं थी। लेवाना होटल का सराय एक्ट में रजिस्ट्रेशन नहीं था और न ही उसने कोई आवेदन तक नहीं किया था। शहर में इतना बड़ा होटल अवैध रूप से चल रहा था और जिला प्रशासन के अधिकारियों की इसकी खबर तक नहीं थी।
अखिलेश से विपक्षी पार्टियों को सावधान रहने की जरूरत: मायावती
लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव और डिप्टी सीएम केशव मौर्य के सियासी घमासान के बीच मायावती ने ट्वीट करते हुए विपक्षी पार्टियों को सावधान रहने की नसीहत दी है। मायावती ने कहा कि सपा यूपी में अपना जनाधार होती जा रही है। इसके लिए उनका अपना कृत ही मुख्य कारण है। साथ ही सपा की भाजपा के साथ अंदरूनी मिलीभगत किसी से छिपी नहीं है। यही खास वजह है कि सपा मुख्य विपक्षी पार्टी होने पर भी बीजेपी सरकार को यहां वहां को बल मिल रहा है। और सरकार को अपनी मनमानी करने की छूट मिल गई है। बसपा प्रमुख ने एक बार फिर से समाजवादी पार्टी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि परिवार व पार्टी उनके गठबंधन में आपसी झगड़े खींचतान तथा अपराधिक तत्वों की इनकी खुली सांठगांठ व जेल मिलान आज की मीडिया खबरें आम चर्चा में है और आम लोगों को निराशा क्यों न हो। मायावती ने मुस्लिम वोट बैंक को साधते हुए कहा सपा प्रमुख सपा की अंदरूनी मिलीभगत की वजह से प्रदेश और देश में आम जनता और खासकर मुस्लिम समाज का जीवन त्रस्त और उसमें काफी बेचैनी है। सपा मुखिया अपनी इसी प्रकार की जनविरोधी कमियों को छुपाने के लिए दूसरों के खिलाफ अक्सर आना वगैरा बचकानी बयानबाजी करके लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास करते हैं।
गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू
अहमदाबाद। गुजरात में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने हैं, जिसके लिए सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। ऐसे में चुनाव को लेकर जनता को उनके कर्तव्य और अधिकारों के प्रति जागरूक कराने की प्रशासनिक मुहिम ने भी रफ्तार पकड़ ली है। देश की चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाने में हर मतदाता की भूमिका अहम है और जनता द्वारा किए गए वोट ही सरकार को बनाने में योगदान देते हैं। अब जनता को सोशल मीडिया के माध्यम से तमाम संदेश देकर जागरूक किया जा रहा है। वहीं गुजरात की मुख्य चुनाव अधिकारी पी.भारती ने मतदाता सूची में नामों के पंजीकरण, सुधार के लिए नागरिकों से अपील की है। इसकी जानकारी गुजरात इन्फॉर्मेशन ने देश के अपने सोशल मीडिया मंच, कू ऐप के माध्यम से दी है। गुजरात की मुख्य चुनाव अधिकारी पी. भारती की मतदाता सूची में नामों के पंजीकरण, सुधार के लिए नागरिकों से विनम्र अपील की है। एक अन्य पोस्ट के माध्यम से गुजरात इन्फॉर्मेशन ने मतदाता की भूमिका से अवगत कराया है, जो देश की चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाने में विशेष योगदान देते हैं।
देश की चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाने में हर मतदाता की भूमिका अहम है। इन पोस्ट के माध्यम से जनता से यही अपील की गई है कि नागरिक मतदाता सूची में नामों के पंजीकरण/सुधार के लिए जल्द से जल्द प्रक्रिया शुरू कर दें, जिससे कि चुनाव की तारीखों की घोषणा होने तक मतदाता सूची में नागरिक का नाम जुड़ सके या उसमें सुधार हो सके। साथ ही जनता को उनके मतदाता अधिकार को लेकर जागरूक किया गया है। यदि चुनावी प्रक्रिया की बात करें, तो गुजरात विधानसभा के 182 सदस्यों का चुनाव करने के लिए राज्य में चुनाव 2022 नवंबर से दिसंबर में होने की संभावना जताई जा रही है। पिछले चुनाव में, भाजपा को विधानसभा में 99 सीटें मिलीं, जबकि बहुमत का आँकड़ा 92 था। वहीं, कांग्रेस ने 77 सीटों पर हाथ जमाया था।
अध्यक्ष पद की चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर उठे सवाल
लखनऊ। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर चिंता जाहिर करते हुए पार्टी के पांच सांसदों ने पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री को एक संयुक्त पत्र लिखा है। इन्होंने अध्यक्ष का चुनाव करने वाले प्रदेश निर्वाचक मंडल के प्रतिनिधियों की सूची साझा करने की मांग उठाई है। इन सांसदों में असंतुष्ट खेमे के 23 सदस्यों में शामिल शशि थरूर और मनीष तिवारी के साथ कार्ति चिदंबरम भी शामिल हैं। कांग्रेस के लिए परेशानी की बात यह है कि इन सांसदों ने यह मुद्ïदा ऐसे समय उठाया है जब राहुल गांधी पार्टी के मौजूदा राजनीतिक इतिहास की सबसे बड़ी भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं। समझा जाता है कि कांग्रेस के इन नेताओं ने मधुसूदन मिस्त्री को यह चि_ी भारत जोड़ो यात्रा से ठीक एक दिन पहले लिखी और शुक्रवार देर शाम पार्टी के सियासी गलियारों से इसका मजमून सामने आया। थरूर, मनीष के साथ इस साझा पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में असम के दो लोकसभा सदस्य प्रद्युत बोरदोलोई और अब्दुल खालिक शामिल हैं। हालांकि पहले कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के सभी 9,000 से अधिक निर्वाचक मंडल की सूची सार्वजनिक रूप से जारी करने की मांग उठाने के बाद अब प्रदेश निर्वाचक मंडल की सूची मुहैया कराए जाने की मांग अपेक्षाकृत नरम है।