लखनऊ में विरोध होने पर बोले अखिलेश, कहा- भाजपा ने भेजे थे गुंडे
लखनऊ: सपा प्रमुख अखिलेश यादव को राजधानी लखनऊ में भाजपा और एबीवीपी द्वारा विरोध का सामना करना पड़ा। जिसके बाद अब सपा प्रमुख ने भी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा ने मेरे पीछे अपने गुंडे छोड़े हैं। वो अभी भी मेरे पीछे घूम रहे हैं, लेकिन हम समाजवादी लोग हैं। दरअसल, आज अखिलेश यादव डालीगंज में गोमती किनारे पीतांबरा के मंदिर में चल रहे मां पीतांबरा 108 महायज्ञ में शामिल होने पहुंचे थे। यहां हिंदू महासभा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ ही हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अखिलेश को काले झंडे दिखाते हुए विरोध किया और जमकर नारेबाजी की। इसी पर हमला बोलते हुए अखिलेश ने इन विरोध करने वालों को भाजपा का गुंडा बताया।
भाजपा ने भेजे गुंडे
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इसे लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं यहां मां पीतांबरा के यज्ञ में शामिल होने के लिए आया। लेकिन इससे बीजेपी से जुड़े लोगों के पेट में दर्द हो रहा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने मुझे यहां बुलाया, उनको अब बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तरफ से धमकी मिल रही है। अखिलेश ने कहा कि बीजेपी धर्म की ठेकेदार नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने यहां गुंडे भेजे थे। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने गुंडे इसलिए भेजे थे जिससे मैं कार्यक्रम में न पहुंच पाऊं। पार्टी प्रमुख ने कहा कि अभी भी गुंडे मेरे पीछे घूम रहे हैं लेकिन हम समाजवादी लोग हैं। गुंडों से घबराने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग दलित को शूद्र मानते हैं। सपा अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी के लोग हम सबको शूद्र मानते हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोगों को इस बात की तकलीफ है कि हम गुरु और संतों से आशीर्वाद लेने क्यों जा रहे हैं।
स्वामी प्रसाद से मुलाकात पर कही ये बात
इस दौरान सपा प्रमुख ने आजकल चर्चाओं में चल रहे उनकी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य से मुलाकात पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य को मैंने कहा है कि वे जाति आधारित जनगणना को लेकर आंदोलन में आगे बढ़ें। हालांकि, अखिलेश यादव ने रामचरितमानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर कुछ नहीं कहा। गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य को मिलने के लिए लखनऊ स्थित सपा कार्यालय में तलब किया था। शुरू में ये खबरें आई थीं कि रामचरितमानस को लेकर बयान के कारण अखिलेश, स्वामी प्रसाद मौर्य से नाराज हैं और इसी को लेकर उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को तलब किया है।