खुद को किसी का बड़ा भाई नहीं समझना चाहिए, हरियाणा में कांग्रेस के पिछडऩे पर संजय राउत का बड़ा आरोप
नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद महाराष्ट्र में उसके गठबंधन सहयोगी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) ने अकेले चुनाव लडऩे के कांग्रेस के फैसले पर असंतोष जताया है। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने हालिया चुनावी नतीजों पर अपने विचार साझा किए और कांग्रेस की हार से सीखे जा सकने वाले सबक पर जोर दिया। राउत ने जोर देकर कहा कि हरियाणा के नतीजों का आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने राजनीतिक गुटों के बीच एकता और विनम्रता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि किसी को भी खुद को किसी और का बड़ा भाई नहीं समझना चाहिए।
हरियाणा में चुनाव जम्मू-कश्मीर के चुनाव के साथ ही हुआ, दोनों राज्यों में 90 सीटें थीं। राउत ने बताया कि जहां भाजपा ने हरियाणा में जीत का दावा किया, वहीं कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस को जम्मू-कश्मीर में अपना प्रभाव बनाए रखने की उम्मीद है। उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाने के प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह के चित्रण की आलोचना करते हुए तर्क दिया कि इस महत्वपूर्ण संवैधानिक परिवर्तन के बावजूद भाजपा को अभी भी जम्मू-कश्मीर में झटके का सामना करना पड़ रहा है।
राउत ने हरियाणा में भारतीय गठबंधन की विफलता को भी संबोधित किया और सुझाव दिया कि संयुक्त मोर्चा चुनाव परिणाम बदल सकता था। उन्होंने यह विश्वास करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की कि वह अकेले जीत हासिल कर सकती है, उन्होंने कहा कि सत्ता साझा करने की उनकी अनिच्छा अंतत: उनके पतन का कारण बनी। उन्होंने कहा, अगर भारत गठबंधन बना होता, तो हमें अलग परिणाम देखने को मिलते।