ऑपरेशन सिंदूर देश की रक्षा के लिए था: नायडू

  • राहुल गांधी को दिया जवाब, राष्ट्रीय  सुरक्षा के मामलों पर रहें एक जुट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
हैदराबाद। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा किए गये ऑपरेशन सिंदूर की देशभर में तारीफ हो रही है लेकिन अचानक से सीजफायर पर कुछ लोग नराज भी नजर आये। इसमें कांग्रेस के कुछ नेता भी शामिल है जो केंद्र सरकार की अलोचना कर रहे हैं और सीजफायर के पीछे के कारणों को जनता को बताने की बात कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने ऑपरेशन सिंदूर को देश की सुरक्षा के लिए एक ‘अपरिहार्य’ कदम बताया। उन्होंने कहा कि किसी को भी ऐसे अभियानों की आलोचना नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह आतंकवाद को समर्थन देने के समान है।
नायडू ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा ऑपरेशन की आलोचना और विदेश मंत्री एस जयशंकर के खिलाफ उनकी टिप्पणी का जवाब देते हुए यह प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर पार्टी के रुख से ऊपर उठकर एकजुट समर्थन का आह्वान किया। नायडू ने कहा कि स्वाभाविक रूप से, आपको अपने नागरिकों में विश्वास पैदा करने के लिए जवाबी कार्रवाई करनी होगी, अन्यथा इस देश का क्या होगा और इस देश की रक्षा कैसे की जाएगी। आप रक्षा पर इतना खर्च क्यों कर रहे हैं? हम अन्य देशों के खिलाफ युद्ध नहीं करने जा रहे हैं। यदि कोई आता है और समस्या पैदा करता है, तो उससे लडऩा हमारा अधिकार है और यह स्पष्ट है।

अपने बयानों में सावधानी बरतें नेता प्रतिपक्ष : हरिवंश

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर केंद्र और सशस्त्र बलों पर सवाल उठाने वाले अपने बयानों में सावधानी बरतने की सलाह दी। हरिवंश ने अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण दिया, जिन्होंने 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ विरोध नहीं किया था। राज्यसभा के उपसभापति ने कहा कि इससे अधिक चौंकाने वाला, दुखद और जानकारीहीन बयान नहीं हो सकता। यह वह समय है जब हम सभी को एक साथ खड़ा होना चाहिए। हरिवंश ने राहुल को यह भी याद दिलाया कि यूपीए सरकार ने पाकिस्तान सीमा के पास आतंकवादियों द्वारा एक सैनिक का सिर कलम करने की खबर कथित तौर पर छिपाई थी, जबकि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलने वाले थे।

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