विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन किया बहिष्कार
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नई दिल्ली। नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को किया जाएगा। उद्घाटन से ठीक पहले विपक्षी पार्टियां लामबंद हो गई है। अब तक कुल 11 पार्टियों ने प्रधानमंत्री की ओर से नए संसद भवन के उद्घाटन का विरोध किया है। इनका कहना है कि संसद भवन कोई आम इमारत नहीं है। यह देश की नींव है इसलिए इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए।
विरोध और बायकॉट का सिलसिला मंगलवर से शुरू हुआ। सबसे पहले टीएमसी ने इसका विरोध किया। उसके बाद आम आदमी पार्टी और सीपीएम भी मैदान में उतर गई। बुधावार को कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी के बाद शिवसेना और फिर अन्य दलों ने भी कार्यक्रम के बायकॉट का ऐलान कर दिया।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जेडीयू के पूर्व महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि उनकी पार्टी विपक्ष के साथ है। जहां तक संसद के उद्घाटन कार्यक्रम का मुद्दा है तो हम इस मुद्दे पर भी विपक्ष के साथ है। हम विपक्ष के एकजुट करने में लगे हुए हैं। वहीं, कांग्रेस ने भी अब साफ कर दिया है कि वो उद्घाटन कार्यक्रम में शरीक नहीं होगी।
उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है और हम भी ऐसी ही करेंगे। शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी ने भी कार्यक्रम के बहिष्कार का ऐलान किया है। एनसीपी ने कहा कि पार्टी ने विपक्षी दलों के साथ खड़ा रहने का फैसला किया है।
कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने बुधवार को कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन एक अहम मुद्दा है। ये कोई छोटे-मोटे हिस्से का उद्घाटन नहीं है। ऐसे कार्यक्रमों से अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए अलग हो जाना चाहिए। बता दें कि नए संसद भवन का निर्माण में करीब 1200 करोड़ रुपए की लागत आई है। मौजूदा संसद भवन की तुलना में नया भवन पूरी तरह से हाईटेक सुविधाओं से लैस है।
दरअसल, ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रायन ने बुधवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करेगी। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है। यह पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और नियमों के साथ एक प्रतिष्ठान है। यह भारतीय लोकतंत्र की नींव है। पीएम मोदी को यह समझ नहीं आ रहा है।
इसके कुछ देर पर आम आदमी पार्टी ने भी कार्यक्रम के बहिष्कार का ऐलान कर दिया। आप नेता और सांसद संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए उद्घाटन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित न करना उनका घोर अपमान है। ये भारत के दलित आदिवासी और वंचित समाज का अपमान है। उनकी पार्टी इस कार्यक्रम का बहिष्कार करेगी।
वहीं, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब पीएम मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी तो भी राष्ट्रपति को दरकिनार कर दिया गया था और अब उद्घाटन के लिए भी ऐसा ही किया गया है। यह अस्वीकार्य है।
दरअसल, विपक्ष इस मांग पर अड़ा हुआ है कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री के बजाय राष्ट्रपति के हाथों कराया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति को ही करना चाहिए न कि प्रधानमंत्री को।