बिहार वोटर लिस्ट समीक्षा के खिलाफ विपक्ष का प्रदर्शन, संसद भवन और विधानसभा के बाहर धरना
कांग्रेस सांसद सप्तगिरि शंकर उल्का ने कहा, हमें लगता है कि एसआईआर गरीबों, दलितों और आदिवासियों को उनके वोट के अधिकार से वंचित करने की कोशिश है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बिहार में मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक तापमान चढ़ता जा रहा है।
विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए इसे गरीबों और प्रवासियों के खिलाफ बताया है। मंगलवार को संसद भवन के मकर द्वार पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने अन्य विपक्षी सासंदों के साथ धरना दिया। इन नेताओं ने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा की जा रही वोटर लिस्ट की समीक्षा प्रक्रिया का जोरदार विरोध किया।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने अन्य विपक्षी सांसदों के साथ संसद भवन के मकर द्वार पर धरना दिया. उन्होंने बिहार में मतदाता सूची के चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ कड़ा विरोध जताया. उन्होंने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया.
विपक्ष का चुनाव आयोग पर आरोप
नेताओं ने आरोप लगाया कि संशोधन प्रक्रिया से प्रवासियों, आर्थिक रूप से कमजोर और हाशिए पर पड़े समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है. विपक्ष की मांग है कि इस प्रक्रिया पर संसद में विस्तार से चर्चा और न्यायिक जांच हो. चुनाव आयोग इस संशोधन मॉडल को पूरे देश में लागू करने की योजना बना रहा है.
बिहार में भी SIR के खिलाफ प्रदर्शन
बिहार विधान परिषद में विपक्ष की नेता राबड़ी देवी ने राज्य विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया. इसमें अन्य विपक्षी भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने दावा किया कि एसआईआर की यह कवायद राजनीति से प्रेरित है. चुनाव आयोग का ये कदम लोकतांत्रिक अधिकारों के खिलाफ है. इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने एसआईआर पर एक नोटिस पेश किया.
हाथ में पोस्टर लेकर विपक्षी सांसद आसन के पास पहुंच गए. इसके बाद सदन की कार्यवाही दो मिनट के भीतर ही स्थगित कर दी गई. इसके बाद विपक्ष ने संसद के बाहर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा. राज्यसभा में नियम-267 के तहत एसआईआर पर चर्चा के लिए कार्य स्थगित करने की 12 सूचनाओं को उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया.
इसीलिए हम बार-बार स्थगन प्रस्ताव ला रहे हैं
कांग्रेस सांसद सप्तगिरि शंकर उल्का ने कहा, हमें लगता है कि एसआईआर गरीबों, दलितों और आदिवासियों को उनके वोट के अधिकार से वंचित करने की कोशिश है. वोट चुराने की जो कोशिश उन्होंने महाराष्ट्र, हरियाणा में की, वही बिहार में भी हो रही है. हम चाहते हैं कि सदन में इस पर चर्चा हो, इसीलिए हम बार-बार स्थगन प्रस्ताव ला रहे हैं.
सत्ता पक्ष ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, विपक्ष से मैं पूछना चाहता हूं कि क्या संविधान में विश्वास है? क्या मतदाता सूची का पुनरीक्षण जब 2003 में हुआ था तब प्रधानमंत्री मोदी देश के प्रधानमंत्री थे, तब भी तो यह हुआ था. तेजस्वी यादव को अपनी बात साफ-साफ कहनी चाहिए. उन्हें किसी और चीज की चिंता है. गिरिराज ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव को रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों की चिंता है कि उनका क्या होगा. इसलिए वो डरे हुए हैं.



