विपक्षी एकता दिलाएगा 24 में नया जनादेश

एक-दूसरे से मतभेद भुलाकर बनेगी रणनीति

  • कांग्रेस ने कहा-सभी साथियों की बातों पर करेंगे विचार
  • आप-टीएमसी-जदयू-द्रमुक ने संभाला मोर्चा
  • कश्मीर से कन्याकुमारी तक भाजपा को घेरने की तैयारी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पटना में जैसे विपक्ष ने एकजुटता के साथ 2024 लोकसभा चुनाव की वैतरणी को एक साथ पार करने का निणर्य किया है है वह एक अच्छा प्रयास है। हालांकि की इस बैठक में कुछ मुद्दों पर असहमति होते हुए भी चर्चा की गई। जिसमें सबसे अहम बात आम आदमी पार्टी की वह मांग जिसमें उसने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस उनका साथ दे तभी वह आगे गठबंधन के साथ रहने पर विचार करेगी। इस पर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है संसद के सत्र में इस पर विचार करेंगे। इसी के साथ पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के नेता उद्धव ठाकरे समेत उन नेताओं ने भी जोर देकर कहा कि आपसी मतभेदों को किनारे करके इसबार मोदी सरकार को सत्ता में आने से हर हाल में रोकना है।
अगली बैठक हिमाचल प्रदेश में होगी तब और बाते खुलेंगी। कुल मिलाकर अगर सब अपने मतभेद किनारे करे एक साथ भाजपा की सरकार के खिलाफ लड़ेगे तो 24 में नया जनादेश आ सकता है। विपक्ष की इस सक्रियता पर हलांकि भाजपा ने खारिज करते हुए कह दिया है कि 24 में फिर से मोदी सरकार ही आएगी। साथ ही, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अपना तमिलनाडु दौरा रद्द करने को यहां विपक्षी एकता की कमजोरी के तौर पर देखा गया। वहीं रणनीतिक रूप से भाजपा शीर्ष केंद्रीय मंत्रियों एवं नेताओं- राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, योगी आदित्यनाथ को तमिलनाडु के कई हिस्सों में दौरे पर भेज रही है। और प्रधानमंत्री मोदी बनारस तमिल संगमम के जरिये तमिलनाडु में भाजपा के लिए एक मजबूत आधार बनाने की तैयारी कर रहे हैं।

सब एक पेड़ पर बैठने की कोशिश कर रहे: शिवराज

विपक्षी एकता पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब भारी बाढ़ आती है तो अपनी जान बचाने के लिए सांप, मेंढक, बंदर सब एक पेड़ पर बैठ जाते हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि नरेंद्र मोदी जी के लोकप्रियता की ऐसी बाढ़ है कि सब एक पेड़ पर बैठने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्षी एकता की बैठक को लेकर राजनीतिक वार-पटवार का दौर जारी है। भाजपा विपक्षी एकता की बैठक पर लगातार सवाल खड़े कर रही है। भाजपा का दावा है कि यह मात्र फोटो सेशन था। भाजपा यह भी कह रही है कि सभी परिवारवादी दल अपने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को बचाने के लिए एकजुट हो रहे हैं। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी बयान सामने आया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि जब बाढ़ आती है तो सांप, मेंढक, बंदर सब एक साथ हो जाते हैं और पेड़ पर बैठ जाते हैं। वही स्थिति विपक्षी दलों की है। अपने बयान में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब भारी बाढ़ आती है तो अपनी जान बचाने के लिए सांप, मेंढक, बंदर सब एक पेड़ पर बैठ जाते हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि नरेंद्र मोदी जी के लोकप्रियता की ऐसी बाढ़ है कि सब एक पेड़ पर बैठने की कोशिश कर रहे हैं। कितनी बार भी एकता कर लें कुछ नहीं होने वाला। विपक्ष की बैठक पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 2024 की तस्वीर साफ हो रही है, पीएम मोदी तीसरी बार इस देश के पीएम बनेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष के बीच मुझे कोई एकता नजर नहीं आ रही है।

तमिलनाडु में द्रमुक पर भाजपा ने बढ़ाया दबाव

तमिलनाडु में कांग्रेस के प्रमुख सहयोगी दल द्रविड़ मुन्नेत्र कडग़म (द्रमुक) पर राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का जबर्दस्त राजनीतिक दबाव है। तमिलनाडु में हालांकि द्रमुक कमजोर हो गई है, फिर भी राष्ट्रीय स्तर पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पटना से लेकर अन्य क्षेत्रीय दलों के मुख्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं। इससे यह समझा जा सकता है कि द्रमुक अपनी मौजूदा राजनीतिक स्थिति से परेशान है। और इसका कारण यह है कि तमिलनाडु में भाजपा लगातार बढ़त बना रही है। तमिलनाडु में कांग्रेस अपने संगठन का विकास नहीं कर रही है, बल्कि पूरी तरह से द्रमुक पर निर्भर है।

विपक्षी एकता कभी नहीं होगी : ब्रजेश पाठक

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा पूरी 80 सीटे जीतेगी, विपक्ष यहां पूरी तरह से साफ है। विपक्षी एकता कभी नहीं होगी क्योंकि ये कुर्सी के लिए एकत्रित हुए हैं जबकि भाजपा देश के लिए लड़ रही है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पटना की बैठक विपक्ष के लिए दुर्घटना की तरह हो गई है। विपक्ष के पास नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ कोई भी नेता नहीं है। विपक्षी दलों का एकत्रीकरण सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के नाम का खौफ है। 2024 में किसी के ऊपर हार का ठीकरा न फूटे इसलिए भी यह लोग साथ आए हैं।

देश को बिहार से मिलेगी फिर नई दिशा : तेजस्वी

तेजस्वी ने कहा कि बिहार की धरती लोकतंत्र की जननी है। इस धरती पर समय-समय पर बड़े-बड़े लोगों ने बड़े-बड़े आंदोलन किए हैं। चाहे गांधी जी का चंपारण में आंदोलन हो या फिर जयप्रकाश नारायण का आंदोलन का। इससे देश को नई दिशा मिली है। पटना में विपक्षी दलों की बैठक हुई। इस बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं ने भाजपा के खिलाफ एक साथ मिलकर चुनाव लडऩे की बात कही है। हालांकि, दिल्ली को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश पर एकराय नहीं बन पाने के आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की नाराजगी की भी खबर है। इसी को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से पत्रकारों ने सवाल पूछा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कहीं कोई नाराजगी नहीं है सब कोई भाजपा के खिलाफ चुनाव लडऩे के लिए एक साथ आए हैं। उन्होंने कहा कि सारी बातें स्पष्ट हो चुकी है इसमें ज्यादा किसी को कुछ नहीं कह रहे। तेजस्वी ने कहा कि बिहार की धरती लोकतंत्र की जननी है। इस धरती पर समय-समय पर बड़े-बड़े लोगों ने बड़े-बड़े आंदोलन किए हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम सब जनता की मांग पर एक साथ हुए हैं और अगला चुनाव जनता का ही चुनाव है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की बैठक में कश्मीर से कन्याकुमारी तक के नेता मौजूद रहे। हमने फासीवादी ताकतों के खिलाफ एकजुट रहने का फैसला किया है। हम लोगों की मांग के अनुसार एकजुट हुए हैं। यह लोगों का चुनाव है। कोई नाराज नहीं है और बैठक सार्थक रही।

अन्नाद्रमुक से जुड़ रही भाजपा

इससे ऐसा लगता है कि 2024 के आगामी लोकसभा चुनाव में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (अन्नाद्रमुक) और भाजपा गठबंधन बेहतर प्रदर्शन करेगा। अन्नाद्रमुक के पक्ष में जमीनी स्तर पर हलचल दिख रही है। राज्यपाल आरएन रवि और द्रमुक के मुख्यमंत्री स्टालिन के बीच तकरार जारी है, जबकि जनता का मानना है कि इस झगड़े से बचा जा सकता था। लेकिन द्रमुक द्वारा उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के प्रवासियों का मुद्दा उठाना और उन्हें पानी-पूरी बेचने वाला कहना भी तमिल जनता को रिझा नहीं पाया है। मतदाताओं को लगता है कि द्रमुक को परेशान करने के लिए नरेंद्र मोदी ने जान-बूझकर राज्यपाल आरएन रवि को तमिलनाडु भेजा है। तमिलनाडु में भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई कहते हैं, हां, यह एक राजनीति है।

आज की स्थिति 1974-75 से भी बदतर है : ललन सिंह

ललन सिंह ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पर पलटवार करते हुए कहा कि वे क्या बोलेंगे, उनके पास बोलने के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि 1974-1975 में हमारी लड़ाई इंदिरा गांधी से नहीं, बल्कि शासन से था। आज की स्थिति 1974-75 से भी बदतर है। बिहार में विपक्षी दलों की बैठक को लेकर राजनीतिक बवाल जारी है। भाजपा जबरदस्त तरीके से विपक्षी दलों पर निशाना साधा रही है। भाजपा लालू यादव और नीतीश कुमार पर निशाना साध रही है। भाजपा का साफ तौर पर कहना है कि कांग्रेस के खिलाफ नीतीश कुमार और लालू यादव ने इमरजेंसी के दिनों में लड़ाई लड़ी। आज उसी कांग्रेस की गोद में जाकर वे दोनों बैठ गए हैं। इसी को लेकर जदयू अध्यक्ष ललन सिंह का बयान आया है। ललन सिंह ने साफ तौर पर कहा है कि आज इमरजेंसी से भी बदतर स्थिति है।

 

 

 

 

 

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