नीतीश के जन्मदिन पर तेजस्वी का जोरदार हमला बिहार चुनाव में हो जाएगा पत्ता साफ !
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बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। नेताओं की लगातार रैलियां हो रही हैं। साथ ही नेता एक दूसरे पर जमकर बरस भी रहे हैं। अटकलों का बाजार गर्म है नेताओं के पाला बदलने का सिलसियल भी लगभग शुरू ही हो गया है। लेकिन इसी बीच बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भाजपा और सीएम नीतीश कुमार पर जमकर हमले कर रहे हैं। बिहार में अब तक हुए घोटालों से लेकर अन्य मुद्दों पर नीतीश कुमार को घेर रहे हैं। बता दें कि बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिससे पहले राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर तंज कसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इसी क्रम में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपतक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है।
आपको बता दें कि जहां एक तरफ बिहार के सीएम नीतीश कुमार का आज जन्मदिन है और उन्हें लोग बधाइयां दे रहे हैं तो दूसरी तरफ तेजस्वी यादव उनपर हमलावर हैं। इसी बीच तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करके बिहार की नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि ‘बिहार में 𝟏𝟓 साल पुरानी गाड़ी चलाने की अनुमति नहीं है क्योंकि वो ज़्यादा धुंधा फेंकती है, प्रदूषण बढ़ाती, जनता के लिए हानिकारक है तो फिर 𝐍𝐃𝐀 की 𝟐𝟎 साल पुरानी जोड़-तोड़, पलटा-पलटी वाली खटारा सरकार क्यों चलेगी?
इसके साथ ही आगे उन्होंने नीतीश कुमार को घेरते हुए लिखा कि नीतीश-बीजेपी सरकार ने 20 वर्षों में दो पीढ़ियों का जीवन बर्बाद कर दिया. अब यह सरकार बिहारवासियों पर बोझ बन चुकी है. अब इसे बदलना अति आवश्यक है. बिहार के युवाओं ने ठान लिया है कि अब 20 साल पुरानी खटारा, जर्जर, बीमार और थकी हुई अविश्वसनीय नीतीश-NDA सरकार को हटा कर एक नई सोच, नए विजन, नए जोश और नयी दिशा वाली युवा एवं नौकरी-रोजगार व विकास कार्यों को समर्पित विश्वसनीय जुनूनी सरकार को लाना है तथा नया बिहार बनाना है.
उन्होंने आगामी चुनाव को लेकर नीतीश कुमार को चेताते हुए लिखा कि बिहार के युवाओं ने ठान लिया है कि अब 𝟐𝟎 साल पुरानी खटारा, जर्जर, बीमार और थकी हुई अविश्वसनीय नीतीश-𝐍𝐃𝐀 सरकार को हटा कर एक नई सोच, नए विजन, नए जोश और नई दिशा वाली युवा एवं नौकरी-रोजगार व विकास कार्यों को समर्पित विश्वसनीय जुनूनी सरकार को लाना है तथा नया बिहार बनाना है।’ दरअसल, ये कोई पहली बार नहीं है, जब तेजस्वी यादव ने प्रदेश की NDA सरकार पर निशाना साधा हो। इससे पहले भी वे अलग-अलग मुद्दों को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोलते रहे हैं। अब एक बार फिर उन्होंने नीतीश सरकार की तुलना पुरानी गाड़ियों से करते हुए उन पर निशाना साधा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आज जन्मदिन है, आज वे 74 साल के हो गए हैं। सीएम नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को बख्तियारपुर में हुआ था। एक ओर जहां नीतीश कुमार के जन्मदिन पर पीएम मोदी सहित कई दिग्गज नेता उन्हें बधाई दे रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर तेजस्वी यादव ने उन पर निशाना साधा है।
यह कोई पहला मौका नहीं है जब तेजस्वी यादव या RJD के नेताओं ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला हो। इससे पहले अभी हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते बुधवार को अपनी मंत्रिपरिषद में सात नए चेहरों को शामिल किया था. ये सभी गठबंधन सहयोगी बीजेपी से हैं. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद राज्य के 36 सदस्यीय मंत्रिमंडल में बीजेपी के मंत्रियों की संख्या बढ़कर 21 हो गई, जबकि जेडीयू के 13 मंत्री हैं. सरकार में बीजेपी के मंत्रियों की संख्या बढ़ने पर तमाम राजनेताओं की प्रतिक्रिया दी और साथ ही नीतीश कुमार को घेरा। इसे लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. ये बीजेपी का कुछ अंदरुनी मामला रहा होगा तो विस्तार हुआ है. और उनके इस बयान को कांग्रेस का साथ मिला। जिसे लेकर बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि पहले हम मानते थे कि मंत्रिमंडल का विस्तार मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है. लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है कि मंत्रिमंडल के विस्तार पर बीजेपी का विशेषाधिकार है जिसमें सर्वाधिक मंत्री बीजेपी के हैं.
ये कोई पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस ने तेजस्वी यादव के समर्थन में अपना बयान दिया हो। बता दें कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और RJD ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। और NDA गठबंधन को सीधी टक्कर देने के लिए राहुल गांधी समेत अन्य नेता भी लगातार एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं। तभी तो साल 2025 में 18 जनवरी को पहली बार बिहार आए कांग्रेस नेता राहुल गांधी 18 दिन बाद जब दूसरे दौरे पर पटना पहुंचे तो विधानसभा चुनाव से पहले उनकी बिहार में बढ़ती दिलचस्पी से गठबंधन के अंदर और बाहर हलचल तेज हो गई है। संविधान सुरक्षा सम्मेलन और जगलाल चौधरी जयंती समारोह के बहाने राहुल गांधी दलितों और पिछड़ों के बीच कांग्रेस को वापस ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। 2020 में 70 सीट लड़कर 19 सीट जीतने वाली कांग्रेस बिहार में जिस हालत में है, उस संदर्भ में उसमें राहुल गांधी की बढ़ती सक्रियता नीतीश कुमार की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA के लये चिंता का सबब बना हुआ है।
लोकसभा चुनाव के बाद विपक्षी दलों के लगातार बिखर रहे इंडिया गठबंधन को लेकर तेजस्वी की सोच पहले ही साफ हो चुकी है जब उन्होंने दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस का तालमेल ना होने पर कहा था कि गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए था। तेजस्वी ने हालांकि तब कहा था कि कांग्रेस बिहार में शुरू से उनके साथ है। समस्या सीट बंटवारे को लेकर है जिसमें कांग्रेस 2020 की लड़ी 70 सीटों की संख्या से कोई समझौता नहीं करना चाहती। राजद की मुसीबत और इच्छा है कि कांग्रेस कम सीट लड़े जिससे जिनका स्ट्राइक रेट बेहतर है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और बिहार के प्रभारी शाहनवाज आलम पहले ही तेजस्वी यादव से एक अल्पसंख्यक डिप्टी सीएम बनाने की मांग कर चुके हैं। शाहनवाज उत्तर बिहार में घर बैठ गए पार्टी के नेताओं को वापस जोड़ने में जुटे हैं। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि शाहनवाज बिहार में जमीन पर प्रियंका गांधी को उतारने से पहले की तैयारी में जुटे हैं। इनका कहना है कि कांग्रेस इस मूड में है कि राजद अगर उसे किनारे लगाने की कोशिश करती है तो वो हर तरह से तैयार रहे। बिहार से ही संबंध रखने वाले दूसरे राष्ट्रीय सचिव चंदन यादव ने कहा कि आने वाले दिनों में राहुल के साथ-साथ कांग्रेस के बड़े नेताओं का बिहार दौरा बढ़ता ही जाएगा।
वहीं इस बार बिहार विधानसभा चुनाव एक नाम और चर्चा में है जिसकी वजह से बिहार का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। दअरसल हम बात कर रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की जिसको लेकर तेजस्वी यादव का क्या कुछ कहना है. गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही राजनीतिक दलों की इस सक्रियता को देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार का चुनाव कितना ख़ास होने वाला है। बता दें कि बीते साल 2024 यह अटकलें भी खूब लगाईं जा रही थी कि नीतीश कुमार पलटी मार सकते हैं। लेकिन तब ऐसा हुआ नहीं लेकिन अब जिस तरह का माहौल चल रहा है इससे एक बात तो साफ़ है कि वो सूरतें इस बार बन सकती हैं क्योंकि जिस ताः से बिहार में भाजपा अपना कद बढ़ा रही है इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी भाजपा ने अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहा तो कांग्रेस और RJD एक बार फिर नीतीश कुमार को ऑफर दे सकती है।