संसद को भाजपा की चिंतन बैठक की तरह नहीं चला सकते: ओवैसी

सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग की

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
हैदराबाद। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 141 सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि संसद को भाजपा की चिंतन बैठक की तरह नहीं चलाया जा सकता। ओवैसी ने एक्स पर एक पोस्ट में सवाल उठाया कि अगर विपक्षी दलों के सांसदों को एक झटके में निलंबित या निष्कासित कर दिया जाता है, तो लोकतंत्र में क्या बचा है।
उन्होंने पोस्ट में कहा, 141 विपक्षी सांसदों को संसद से निलंबित कर दिया गया है। यदि विपक्षी सांसदों को एक झटके में निलंबित या निष्कासित कर दिया जाए तो लोकतंत्र में क्या बचता है? भाजपा के पास संसद में प्रचंड बहुमत है, फिर भी वह विपक्ष की आवाज के प्रति इतनी असहिष्णु क्यों है? संसद को भाजपा की चिंतन बैठक की तरह नहीं चलाया जा सकता। निलंबन वापस लिया जाना चाहिए। सदन में तख्तियां लहराने और नारे लगाने के आरोप में कुल 141 सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है। सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में मंगलवार को 49 लोकसभा सदस्यों को निलंबित कर दिया गया। इंडिया गठबंधन के सांसद 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में चूक की घटना को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे हैं।

बहस के बिना अपना एजेंडा लागू करना चाहती है सरकार : पृथ्वीराज चव्हाण

नागपुर। कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि विपक्षी सांसदों का निलंबन एक अभूतपूर्व घटना है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बिना किसी चर्चा के अपना एजेंडा लागू करना चाहती है। यहां महाराष्ट्र विधानमंडल परिसर में चव्हाण ने आरोप लगाया कि यह बहुत शर्मनाक है कि इस तरह से लोकतंत्र को नष्ट किया जा रहा है। हमारे इतिहास में कभी भी इतनी बड़ी संख्या में सांसदों को निलंबित नहीं किया गया। यह स्पष्ट है कि सरकार बिना किसी चर्चा और बहस के अपना एजेंडा लागू करना चाहती है। वे रास्ता बना रहे हैं ताकि कोई विरोध न हो। देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है।

सांसदों के निलंबन मामले में राष्ट्रपति करें हस्तक्षेप

भुवनेश्वर। इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस यानी इंडिया के नेताओं ने संसद से 141 विपक्षी सांसदों के निलंबन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग की। विपक्षी गठबंधन इंडिया के नेताओं ने मांग की कि सांसदों को शीतकालीन सत्र के शेष भाग में भाग लेने की अनुमति दी जाए। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष शरत पटनायक के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने विपक्षी सांसदों के निलंबन की कड़ी निंदा करते हुए राज्यपाल रघुबर दास के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा। इंडिया गठबंधन के नेताओं ने अपने ज्ञापन में सांसदों के निलंबन को दुर्भाग्यपूर्ण और अलोकतांत्रिक करार देते हुए कहा कि यह लगभग एक अभूतपूर्व कदम था। इन्होंने अपने ज्ञापन में कहा, बहस और चर्चा लोकतंत्र का एक प्रमुख सिद्धांत है। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली मौजूदा केंद्र सरकार को संसद में कोई बहस और चर्चा पसंद नहीं है।

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