दर्दनाक ट्रेन हादसा : 300 से ज्यादा मौतें, सैकड़ों घायल
- ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण दुर्घटना
- दो ट्रेनें पटरी से उतरीं और मालगड़ी से टकरा गईं
- बचाव व राहत कार्य जारी, सेना बुलार्ई गई
- पीएम मोदी ने की हादसे को लेकर समीक्षा बैठक
- तमिलनाडु व बंगाल सीएम ने किया मुआवजे का ऐलान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भुवनेश्वर। ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार की शाम हुए भीषण रेल हादसे में मृतकों का आंकड़ा 288 के पार हो गया है। वहीं 850 से ज्यादा लोग घायल हैं। इस घटना के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ओडिशा जाएंगे। इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी घटनास्थल पर पहुंचे थे और हालात का जायजा लिया था। हादसे की गंभीरता को देखते हुए युद्धस्तर पर बचाव और राहत कार्य चल रहे हैं और सेना को भी बचाव कार्यों में लगा दिया गया है। हादसे को लेकर पीएम मोदी ने बैठक भी बुलाई है। दो ट्रेनों के पटरी से उतरने और मालगड़ी से टकराने की वजह से यह हादसा हुआ। देर शाम चेन्नई जारी रही कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा जा रही बेंगलुरु हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी भीषण हादसे का शिकार हो गई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एलान किया है कि घटना में तमिलनाडु के प्रत्येक मृतक के परिवार को 5 लाख रुपये और घायलों को एक-एक लाख रुपये तमिलनाडु सरकार द्वारा दिए जाएंगे। इसके अलावा बचाव और राहत कार्य करने के लिए अतिरिक्त अधिकारियों को नियुक्त किया गया है।
घायलों से मिलने पहुंचे रेलमंत्री सीएम पटनायक व ममता
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और बालासोर से बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी ने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अस्पताल पहुंचकर बालासोर ट्रेन हादसे में घायल हुए लोगों से मुलाकात की। वहीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जीं भी पहुंची।
कवच होता तो टल सकता था हादसा
रेल मंत्रालय ने पिछले साल कवच टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग की थी। रेलवे का दावा है कि इस टेक्नोलॉजी से उसे जीरो एक्सीडेंट के अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। भारतीय रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा कि इस मार्ग पर कवच प्रणाली उपलब्ध नहीं थी। इस हादसे के बाद कवच को लेकर फिर बात होने लगी है। इसके जरिए सिग्नल जंप करने पर ट्रेन खुद ही रुक जाएगी. एक बार लागू होने के बाद इस पूरे देश में लगाने के लिए प्रति किलोमीटर 50 लाख रुपये खर्च होंगे। जानकारी के मुताबिक- ये सिस्टम तीन स्थितियों में काम करता है हेड-ऑन टकराव, रियर-एंड टकराव, और सिग्नल खतरा है। ब्रेक विफल रहने की स्थिति में ‘कवच ब्रेक के स्वचालित अनुप्रयोग द्वारा ट्रेन की गति को नियंत्रित करता है।
ओडिशा जाएंगे पीएम मोदी
ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ओडिशा जाएंगे। बताया गया है कि पीएम हादसे वाली जगह पर जाएंगे, साथ ही वह कटक में अस्पताल में भर्ती पीडि़तों से भी मुलाकात करेंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बालासोर के लिए रवाना हुई। तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि और शिव शंकर, अनबिल महेश घटनास्थल का दौरा करने के लिए रवाना हुए। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में भी स्वास्थ्य सेवाओं को तैयार रखा गया है ताकि हादसे में प्रभावित लोगों का इलाज किया जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना के संबंध में स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
सोशल मीडिया पर उबाल
ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे के बाद सोशल मीडिया पर रेलवे कवच को लेकर खूब बहस हो रही है। सोशल मीडिया यूजर्स रेल मंत्री से रेल कवच को लेकर सवाल पूछ रहे हैं। कई यूजर्स रेल मंत्री से सीधे-सीधे सवाल उठा रहे हैं कि आखिर ये कवच कहां चला गया। यूजर्स रेल मंत्री के उस दावे से जुड़े वीडियो भी शेयर कर रहे हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि अब ट्रेन हादसे नहीं होंगे और कवच दो ट्रेनों को अपने आप में रोक देगा। एक यूजर ने लिखा कि जब इंजन में रेल मंत्री सवार रहता है तो दो ट्रेनें एक दूसरे से 380 मीटर दूर ही रुक जाती है। वीडियो बना के वाहवाही लूटना तो ठीक है पर अब दुर्घटना की जवाबदारी लेने के वक़्त किसी को बलि का बकरा बनाया जाएगा। एक अन्य यूजरने लिखा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कवच सिस्टम भी जुमला निकला? एक यूजरने लिखा कि कुछ महीने पहले ट्रेन की टक्कर रोकने के लिए बनाए गए कवच सिस्टम के लिए रेल मंत्री छाती ठोक रहे थे, अब ये क्या हुआ हर किसी को यह पूछना चाहिए।
विपक्ष के निशाने पर आई सरकार
रेल हादसे के बाद सोशल मीडिया पर कवच को लेकर सरकार पर हमले के बीच कांग्रेस भी पीछे नहीं रही। यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा- जब एक ट्रेन डिरेल होकर दूसरी रेल ट्रैक पर आ गयी थी, तब कचच कहाँ था? 300 के आसपास मौतें, करीब 1000 लोग घायल। इन दर्दनाक मौतों के लिए कोई तो जिम्मेदार होगा? कांग्रेस नेता नितिन अग्रवाल ने लिखा कि एक नही, दो नही, 3-3 ट्रेनें आपस में टकराई, तब भारत का कवच कहां था? कांग्रेस नेता ने लिखा कि खोखली बातें कर गुमराह करने और जमीनी स्तर पर काम करने में बहुत फर्क है, यह बात मोदीजी नहीं समझ पा रहे है। विपक्ष के नेताओं ने हादसे के लिए जिम्मदार सिग्नल फेल्योर के लिए आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले ने कहा कि सिग्नल फेल होने से इतना बड़ा हादसा विश्वास से परे और आश्चर्यजनक है। हादसे ने कुछ गंभीर सवाल खड़े किए हैं जिनका जवाब दिया जाना चाहिए। विपक्ष ने मामले में रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग की है।