पितृ नाराज होकर आपको कुछ संकेत देते हैं

जाने-अनजाने में हुए गलत कार्यों से पूर्वज या पितृ कुपित होते हैं.....

हिंदू धर्म समेत विभिन्न संस्कृतियों में पितरों से संबंधित पूजा-पाठ, ध्यान, दान आदि का महत्व है. हिंदू धर्म में तो पितरों को लेकर ऐसी मान्यता है कि, मरणोपरांत भी पितृ अपनी कृपादृष्टि परिवार पर बनाए रखते हैं. पितृ यदि प्रसन्न होते हैं तो परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.लेकिन किसी कारण पितृ नाराज हो जाए तो इससे जीवन में संकट आ सकता है. जाने-अनजाने में हुए गलत कार्यों से पूर्वज या पितृ कुपित होते हैं. इसलिए भूलकर भी ऐसा कोई काम नहीं करना, जो पितरों की नाराजगी का कारण बनें.लेकिन प्रश्न यह है कि पितरों की नाराजगी को कैसे पहचानएं

पूर्वज नाराज हों तो मिलते हैं ये संकेत

  • आपको या फिर परिवार के किसी सदस्य को अज्ञात भय सताता है या फिर हमेशा चिंता मसहूस होती है तो यह पितृ दोष का संकेत है.
  • खाने के दौरान कभी-कभार बाल निकलना आम बात को हो सकती है. लेकिन अक्सर ऐसा होता है या पहले कोर में ही बाल निकल आता है
  • साफ-सफाई के बाद भी यदि घर से बदबू आए और यह पता न चले की आखिर बदबू कहां से आ रही है तो यह नाराज पितरों के संकेत हो सकते हैं.
  • यदि परिवार के किसी सदस्य को बार-बार पूर्वजों के सपने आते हैं या सपने में आप पूर्वज को दुखी या फिर रोता हुआ देखते हैं तो इसे अच्छा नहीं माना जाता है.
  • तीज-त्योहार या फिर शुभ कार्यों के दौरान किसी न किसी तरह से खलल पड़ना या अशुभ घटनाएं हो जाना भी पितरों की नाराजगी का संकेत है.
  • घर पर पितृ दोष होने से घर के किसी सदस्य का विवाह नहीं हो पाता है. खासकर ऐसा तब होता है, जब घर पर किसी ऐसे सदस्य की मृत्यु हुई हो जोकि कुंवारा हो. इसके अलावा किसी दंपती को संतान न होना भी पितरों की नाराजगी का संकेत होता है.

पितरों की नाराजगी कैसे करें दूर

  1. पूर्वज नाराज हों तो उनके निमित्त पिंड दान जरूर करें.
  2. पूर्वजों के निमित्त कुआं, तालाब या प्याऊ आदि का निर्माण कराएं.
  3. किसी मंदिर के प्रांगण में बरगद या पीपल का पेड़ लगाएं और पूजा करें.
  4. अमावस्या के दिन पितरों के नाम से दूध, चीनी, कपड़ा या दक्षिणा किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को दान करें.
  5. पीपल वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करने से भी पितृ दोष कम होता है.

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