सिविल सर्विस डे पर ब्यूरोक्रेट्स को संबोधित किया पीएम मोदी ने
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सिविल सेवा दिवस के अवसर पर दिल्ली में सिविल सेवकों को संबोधित किया। पीएम ने कहा कि इस साल का सिविल सेवा दिवस बहुत अधिक महत्वपूर्ण हैं। यह ऐसा समय है जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं। ये ऐसा समय है जब देश ने अगले 25 वर्षों के विराट-विशाल लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से कदम बढ़ाना शुरू किया है।
मोदी ने कहा कि देश को आजादी के अमृतकाल तक लाने के लिए उन अधिकरियों की बड़ी भूमिका रही, जो 15-25 साल पहले इस सेवा में आए हैं। अब आजादी के इस अमृतकाल में उन युवा अधिकारियों की भूमिका सबसे बड़ी है जो अगले 15-25 साल इस सेवा में रहने वाले हैं। मैं आज भारत के हर सिविल सेवा अधिकारी से यही कहूंगा कि आप बहुत भाग्यशाली हैं। आपको इस कालखंड में देश की सेवा का अवसर मिला है। हमारे पास समय कम है, लेकिन सामथ्र्य भरपूर है, हमारे लक्ष्य कठिन हैं लेकिन हौसला कम नहीं है, हमें पहाड़ जैसी ऊंचाई भले ही चढऩी है, लेकिन इरादे आसमान से भी ज्यादा ऊंचे हैं।
पिछले 9 वर्षों में अगर देश के गरीब से गरीब को भी सुशासन का विश्वास मिला है तो इसमें आपकी मेहनत भी रही है। पिछले 9 वर्षों में अगर भारत के विकास को नई गति मिली है तो ये भी आपकी भागीदारी के बिना संभव नहीं था। कोरोना संकट के बावजूद आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
मोदी ने कहा कि डिजिटल पेमेंट में भारत नंबर वन पर है। भारत उन देशों में से एक है, जहां मोबाइल डेटा सबसे सस्ता है। आज देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था बदल रही है।
मोदी ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में भारत आज जहां पहुंचा है, उसने हमारे देश को बहुत ऊंची छलांग के लिए तैयार कर दिया है। देश में ब्यूरोक्रेसी वही है, अधिकारी-कर्मचारी वही हैं, लेकिन परिणाम बदल गए हैं। पिछले 9 वर्षों में भारत अगर विश्व पटल पर एक विशिष्ट भूमिका में आया है तो इसमें आपका सहयोग भी रहा है। पिछले 9 वर्षों में अगर भारत के विकास को नई गति मिली है तो ये भी आपकी भागीदारी के बिना संभव नहीं था।
पीएम ने ये भी कहा कि पहले यह सोच थी कि सरकार सब कुछ करेगी, लेकिन अब सोच यह है कि सरकार सबके लिए करेगी। अब सरकार सबके लिए काम करने की भावना के साथ समय और संसाधनों की कुशलता का उपयोग कर रही है। आज की सरकार का ध्येय है नेशन फस्र्ट, सिटीजन फस्र्ट और आज की सरकार की प्राथमिकता है- वंचितों को वरीयता। आज की सरकार देश के सीमावर्ती गांवों को आखिरी गांव ना मान कर उन्हें फस्र्ट विलेज मानकर काम कर रही है।