पीएम मोदी के फैसले को दिखाया ठेंगा!

- यूपी की महामहिम के लिए सरकार खरीदेगी महंगी कार
- प्रधानमंत्री ने सरकारी अपव्यय को रोकने के दिए थे निर्देश
- टयोटा की हाइब्रिड कार पर सहमति, सरकारी खजाने से होगी खरीद
- योगी सरकार का तोहफा या फिर राजभवन के निर्देश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। 2014 में जब एनडीए पार्ट वन सरकार का गठन हुआ था तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकारी अपव्य को रोकने के लिए कड़े फैसले लिये थे। यूपीए सरकार के लग्जरी राजनीतिक व्यवहार पर अंकुश लगाया था। सरकारी कार्यक्रमों में महंगे बुके और कीमती तोहफों पर पाबंदी लगा दी गयी थी। स्वागत के लिए सिर्फ एक गुलाब का फूल और तोहफे के तौर पर किसी महापुरूष के जीवन पर लिखी किताब ही काफी थी। लेकिन यह क्या 2025 आते—आते यह सभी बातें इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गयी और आज वहीं सबकुछ हो रहा है जो 2014 से पहले तक होता आया था। यूपी की योगी सरकार ने राज्य के प्रथम व्यक्ति राज्यपाल के लिए बाकायदा कैबिनेट बैठक कर महंगी कार से चलने का प्रस्ताव पास किया है। अब यह सीएम योगी की पहल है या फिर राजभवन से मिले निर्देशों पर अमल यह देखने वाली बात होगी।
गवर्नर का विवादों से रहा है नाता
बांदा के तिंदवारी से भाजपा विधायक बृजेश प्रजापति ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय में नियुक्तियों में एक ही जाति के लोगों को प्राथमिकता देने का आरोप गर्वनर पर लगाया था। इसी तरह के आरोप सपा ने भी लगाये थे। सपा का कहना है कि प्रदेश के 30 विश्वविद्यालयों में से 22 में एक ही जाति के व्यक्तियों को कुलपति नियुक्त किया गया है, जिससे अन्य वर्गों की उपेक्षा हुई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हो या फिर राष्ट्रीय महा?सचिव राम गोपाल यादव दोनों ही नेता अक्सर गर्वनर को बीजेपी के पक्ष में काम करने का आरोप लगाते हैं। ?
मंगलवार की कैबिनेट में पास हुआ प्रस्ताव
मंगलवार को लोकभवन में आहूत कैबिनेट बैठक में कुल 15 प्रस्ताव रखे गये थे जिनमें 13 प्रस्तावों पर सहमति बनी और वह पास हुए। कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव संख्याा 1 और 4 पर सहमति नहीं बनी और उन्हें अगली कैबिनेट बैठक के लिए लंबित रखा गया। प्रस्ताव में महामहिम आनंदीबेन पटेल के चलने के लिए लग्जरी कार का प्रस्ताव था जो पास हो गया। जल्द ही गवर्नर यूपी की सड़कों पर टोयोटा कंपनी की हाइब्रिड कार कार से चलेंगी। इस कार की बाजार में लाखों रूपयों की कीमत हैं। जाहिर सी बात है कार महंगी होगी तो उसके रखरखाव पर खर्च भी ज्यादा आयेगा। राज्यपाल की आधिकारिक वेबसाइट पर गवर्नर फ्लीट नाम का एक एक फोटो एलबम उपलब्ध है, जिसमें उनके वाहन शामिल हैं। हालांकि इन वाहनों के विशिष्ट मॉडलों का विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है।
पूरा हो चुका है कार्यकाल पर अब भी यूपी में डटीं
यूपी की गर्वनर आंनदी बेन पटेल का पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है। नियमों के मुताबिक जबतक नये गर्वनर की नियुक्त् िनहीं हो जाती तब तक मौजूदा गर्वनर अपने पद पर बना रहेगा। यूपी के पूर्व गवर्नर रामनाईक की समय पर रिटायरमें और प्लेसमेंट हो गया था। लेकिन कई माह का समय बीत जाने के बाद भी मौजूदा गर्वनर पद के लिए कोई नया नाम सामने नहीं आया है।
अन्य राज्यों के गवर्नर भी पीछे नहीं
हिंदी भाषी मध्य प्रदेश के गवर्नर के लिए वहां की सरकार ने वर्ष 2016 में 34 लाख रुपये मूल्य की नई स्कोडा कार खरीदने की मंजूरी दी थी। गवर्नर स्कोडा कार से चलते हैं। हिमाचल प्रदेश के गवर्नर के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में 80 लाख रुपये की मर्सिडीज ई 350 कार खरीदी थी। हिमाचल प्रदेश के महामहिम इसी कार से चलते हैं। झारखंड में वर्ष 2018 में, झारखंड सरकार ने आधिकारिक उपयोग के लिए 20 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे थे। बाकी राज्यों के गर्वनर के लिए चलने वाली कारों और फ्लीट की जानकारी सार्वजनिक तौर पर नहीं है।
कांग्रेस में जो नहीं निभा सकते जिम्मेदारी उन्हें रिटायर होना होगा : खरगे
- कांग्रेस अध्यक्ष का पार्टी नेताओं को सख्त संदेश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी नेताओं को सख्त संदेश देते हुए बुधवार को कहा कि जो लोग पार्टी के काम में हाथ नहीं बटाते उन्हें आराम करने की आवश्यकता है और जो जिम्मेदारी नहीं निभाते, उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए।
उन्होंने यहां कांग्रेस के अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि जिला अध्यक्षों की नियुक्ति निष्पक्ष तरीके से होगी और चुनावों में उम्मीदवारों के चयन में उन्हीं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। खरगे ने कहा, संगठन निर्माण में जिला अध्यक्षों की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है। इसलिए इनकी नियुक्ति कांग्रेस के दिशानिर्देशों के अनुसार निष्पक्षता से होनी है। उनके अनुसार, जिला अध्यक्ष को अपनी नियुक्ति के एक साल के अंदर बूथ कमेटी, मंडल कमेटी, ब्लॉक कमेटी और जिला कमेटी बेहतरीन लोगों को जोड़ते हुए बनाना है तथा इसमें कोई पक्षपात नहीं होना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, हमने भी देश भर से जिला अध्यक्षों की तीन बैठकें बुलाईं। राहुल जी और हमने उनसे बात की। उनसे जानकारी ली। हम भविष्य में उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया में जिला अध्यक्षों को शामिल करने वाले हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया, साथ में मैं यह भी कहना चाहता हूं कि जो लोग पार्टी के काम में हाथ नहीं बटाते, उन्हें आराम करने की आवश्यकता है। जो जिम्मेदारी नहीं निभाते, उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए।
मोदी सरकार हर संस्था में बढ़ा रही अपना दखल
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि देश की अर्थव्यवस्था में मोनोपॉली स्थापित की जा रही है। सार्वजनिक संपत्तियों को धीरे-धीरे निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। पीएसयूज को बेचकर लाखों सरकारी नौकरियों को खत्म कर एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के आरक्षण पर चोट की जा रही है। दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण देना तो दूर की बात है, उल्टे मोदी सरकार एक-एक करके सारे पीएसयूज अपने दोस्तों को सौंप रही है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो नरेंद्र मोदी एक दिन देश बेच देंगे। उन्होंने कहा कि आज सरकार चुनाव आयोग से लेकर संसद तक अपना विस्तार करने की कोशिश में है। चुनाव कराने वाली संस्थाएं सरकार के कंट्रोल में हैं। सरकार हर संस्था में दखल देकर अपना वर्चस्व बढ़ा रही है।