प्रदेश में पुलिस को मिला है फ्री हैंड: प्रशांत कुमार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था लगातार चर्चा में बनी हुई है। फिर वो चाहे अपराधियों के एनकाउंटर को लेकर हो, या बुल्डोजर कार्यवाही को लेकर या फिर कोर्ट परिसर और पुलिस कस्टडी में अपराधियों की हो रही हत्याओं व गोलीबारी को लेकर हो। इसको लेकर कई तरह के सवाल भी उठते रहते हैं। इन सब सवालों के जवाब एनडीटीवी के एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने दिए और विस्तार से बातचीत की।
स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि इतने बड़े प्रदेश में कानून व्यवस्था को संभालना एक मुश्किल काम है। उन्होंने कहा कि पिछले छह साल में माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की गई है। साथ ही स्पेशल डीजी ने साफ कहा कि पुलिस को पूरा फ्री हैंड है। उन्होंने बुल्डोजर एक्शन और एनकाउंटर पॉलिसी पर भी खुलकर बातचीत की।
एनकाउंटर प्रदेश की पॉलिसी नहीं
इस दौरान प्रदेश की एनकाउंटर पॉलिसी और छह साल में प्रदेश भर में लगभग 185 से भी ज्यादा एनकाउंटर होने पर भी स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि एनकाउंटर किसी प्रदेश की पॉलिसी नहीं हो सकती है और यूपी की भी नहीं है। यह सिर्फ एक नैरेटिव है। उन्होंने कहा कि अब तक गैंगस्टर एक्ट का सदुपयोग नहीं हो रहा था और अपराधियों ने सरकारी संपत्ति पर अपनी जमीनें बना रखी थीं। उन्होंने एनकाउंटर को सिर्फ एक छोटा सा सबसेट बताया।
कानून के दायरे में होती है बुलडोजर कार्रवाई
बातचीत के दौरान प्रशांत कुमार ने प्रदेश के बुलडोजर एक्शन पर भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक माहौल बनाया गया है कि ऐसा पुलिस करती है। स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि इसके लिए अलग एक्ट है। अगर आप सरकारी संपत्ति पर कब्जा करके कुछ बनाए हैं, तो वहां की लोकल बॉडी को प्रॉपर नोटिस जाती हैं और फिर कार्यवाही शुरू की जाती है। उन्होंने कहा हम मामले के प्रकाश में आने के बाद ही कानूनी तौर पर बुलडोजर एक्शन करते हैं।
कानून व्यवस्था में हमेशा और अच्छा करने की गुंजाइश
वहीं कोर्ट परिसर में जज के सामने ही गोलियों से भूनकर की गई हत्या पर भी स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर ंने कहा कि ऐसा नहीं है कि अकेले यूपी में ही ये घटना हुई हो। उन्होंने कहा कि हत्या करने वाला अधिवक्ता था। सभी प्रदेशों में, नेशनल कैपिटल में भी कोर्ट में फायरिंग की घटनाएं हुई हैं। जांच हो रही है, गलती होगी तो सामने आएगी। प्रशांत कुमार ने यहां ये भी कहा कि जो सिस्टम में कमियां हैं, उन्हें दूर करेंगे। कानून व्यवस्था में हमेशा और अच्छा करने की गुंजाइश होती है।
अतीक-अशरफ की हत्या पर जांच चल रही
पुलिस कस्टडी में अतीक और अशरफ की हत्या के बारे में सवाल पर प्रशांत कुमार बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि वह दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। सरकार ने जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया। जांच चल रही है इसलिए इस बारे में कुछ कहना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि मेडिकल परीक्षण के दौरान उन्हें मीडिया से बात नहीं करनी थी। पुलिस कर्मियों ने आरोपियों को जिंदा पकड़ लिया। विवेचना चल रही है।
जाति-धर्म देखकर नहीं होती कार्रवाई
मजबूत कानून व्यवस्था के दौरान पिछले छह सालों से यूपी पुलिस पर पक्षपात पूर्ण कार्यवाही करने के भी आरोप लगते रहते हैं। इन आरोपों पर प्रशांत कुमार ने कहा कि यूपी में न्यायालय का पूरा सम्मान करते हुए पुलिस कानून के दायरे में कार्रवाई करती है। उन्होंने कहा कि पुलिस कार्रवाई करने में जाति और धर्म को नहीं देखती। उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्रवाई किसी की जात, किसी का धर्म देखकर नहीं होती। कार्रवाई देखें तो स्पष्ट हो जाएगा।
बिना भेदभाव उतरवाए 90 हजार लाउडस्पीकर
वहीं धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटवाने सें संबंधित सवाल पर स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि संवाद से ही समाधान निकलता है। ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए धार्मिक स्थलों से 90 हजार लाउडस्पीकर उतरवाए गए। सबका सहयोग मिलता है। सभी लेबल पर बात होती है। संवाद बनाएंगे तो लोग व्यवस्था बनाने में सहयोग करेंगे। हम समय-समय पर लोगों को याद भी दिलाते हैं। सार्वजनिक स्थल पर किसी धार्मिक आयोजन की परमीशन नहीं है।
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में हिंसा की ’सुप्रीम‘सुनवाई कल
हाईकोर्ट के आदेश को दी चुनौती
राज्य चुनाव आयोग और ममता सरकार ने दाखिल की याचिका
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है, जिस पर 20 जून को सुनवाई होगी। राज्य चुनाव आयोग और ममता बनर्जी सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में इस हिंसा को लेकर याचिकाएं दायर की गई हैं। दोनों ही याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में एक साथ सुनवाई होगी।
दरअसल पश्चिम बंगाल में लगातार जारी हिंसा के बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि 48 घंटे में हर जिले में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए. इसके खिलाफ ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, वहीं राज्य चुनाव आयोग भी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।
आठ जुलाई को पंचायत चुनाव
पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगेेेेेेेेेेेेेेेेेेेे जिसके बाद 11 जुलाई को वोटों की गिनती होगी। इस बार ममता की पार्टी टीएमसी के खिलाफ बीजेपी समेत तमाम क्षेत्रीय दलों ने गठबंधन किया है। बीजेपी का दावा है कि इस बार पंचायत चुनाव में उन्हें बड़ी जीत मिल रही है, वहीं ममता ने भी पूरा जोर लगाया है।
टीएमसी और बीजेपी के आरोप
कलकत्ता हाई कोर्ट की तरफ से केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश जारी होने के बाद ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने इसका विरोध किया। टीएमसी नेताओं ने कहा कि केंद्रीय बलों के जरिए हमें प्रताडि़त करने की कोशिश की जाएगी, जिसे हम झेलने के लिए तैयार हैं, वहीं बीजेपी हिंसा को लेकर ममता सरकार को लगातार घेर रही है। ममता सरकार पर आरोप है कि वो विपक्षी दलों के उम्मीदवारों के खिलाफ ताकत का इस्तेमाल कर रही है और आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही. वहीं ममता बनर्जी का कहना है कि इस हिंसा में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं का कोई हाथ नहीं है।
मणिपुर में फिर आगजनी गोलीबारी में जवान घायल
कांटो, संबल और चिंगमंग में पांच घरों को जलाया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
इंफाल। मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। खबर आई है कि मणिपुर के कांटो संबल और चिंगमंग गांव में बीती रात जमकर गोलीबारी की गई। वहीं, कांटो संबल में पांच घरों में भी उग्रवादियों ने आग लगा दी। अलग-अलग इलाके से तोडफ़ोड़ और आगजनी की खबरें सामने आ रही हैं।
गोलीबारी की घटना में एक जवान भी घायल हुआ है। हालात को देखते हुए भारी संख्या में केंद्रीय बल तैनात हैं। सेना ने बताया कि 18 जून को देर रात हथियारों से लैस बदमाशों ने कांटो सबल से चिंगमंग गांव की ओर बिना वजह गोलीबारी शुरू कर दी। आम लोगों की सुरक्षा को देखते हुए सेना ने जवाबी फायरिंग की। इस दौरान गोली लगने से एक जवान भी घायल हो गया। उन्हें सैन्य अस्पताल लीमाखोंग ले जाया गया। फिलहाल, जवान की हालत स्थिर है।
उग्रवादियों ने किया हमला
वहीं, एक स्थानीय निवासी ने बताया कि कल रात 12 बजे संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने कांटो सबल पर अचानकर से गोलीबारी करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, इन उग्रवादियों ने तोडफ़ोड़ भी की, वहीं पांच घरों को आग लगा दी। सेवानिवृत्त बीएसएनएल अधिकारी अमुथोई ने कहा कि शहर में भारी संख्या में केंद्रीय बलों को तैनात किया गया है।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रवि सिन्हा बने रॉ चीफ
सामंत गोयल की लेंगे जगह
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रवि सिन्हा को देश की खूफिया एजेंसी रॉ का नया चीफ नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है। रवि सिन्हा, सामंत कुमार गोयल की जगह लेंगे, जिनका रॉ चीफ का कार्यकाल 30 जून को पूरा हो रहा है।
रवि सिन्हा का कार्यकाल दो साल के लिए होगा। रवि सिन्हा फिलहाल कैबिनेट सचिवालय में विशेष सचिव के पद पर सेवा दे रहे हैं। कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी ने सिन्हा के नाम को मंजूरी दी है। रवि सिन्हा 1988 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। रवि सिन्हा से पहले सामंत गोयल का बतौर रॉ चीफ कार्यकाल कई उपलब्धियों भरा रहा। सामंत गोयल के रॉ चीफ रहते ही पाकिस्तान में बालाकोट एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया गया। साथ ही जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया गया।