बिहार में ललन बनाम नीतीश की सियासी जंग तेज!
बिहार में बिजली के 62 हजार करोड़ के बहुत बड़े घोटाले का पर्दाफाश बीजेपी के मंत्री ही कर रहे हैं तो ये बात भी खुलकर सामने आ गई है कि सुशासन बाबू के नाम से मशहूर नीतीश कैसे अपने परिवार के लिए अंदरखाने में अपने ही मंत्रियों के साथ बड़ा खेल खेलते हैं,

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों, बिहार एनडीए में रार-तकरार का दौर अब खुली बगावत की झंझावतों में उलझ गया है। आपको बता दें कि बहुत बड़ी खबर निकल कर सामने आई है कि इस बगावत में जहां एक ओर बाहुबली और मर्डर आरोपी अनंत सिंह – जी – हो गए हैं यानि कि एनडीए के लिए बहुत सम्मानित बन चुके हैं तो वहीं दूसरी अंदरखाने की बगावत से एक नहीं दो-दो बड़े खोटालों का बड़ा पर्दाफाश भी हुआ है। बिहार में बिजली के 62 हजार करोड़ के बहुत बड़े घोटाले का पर्दाफाश बीजेपी के मंत्री ही कर रहे हैं तो ये बात भी खुलकर सामने आ गई है कि सुशासन बाबू के नाम से मशहूर नीतीश कैसे अपने परिवार के लिए अंदरखाने में अपने ही मंत्रियों के साथ बड़ा खेल खेलते हैं, और उनसे भारी-भरकम रकम देकर मंत्री का पद देते हैं, इसको द वायर ने खोल कर रख दिया है। आपको बता दें कि दोनों मामले सामने आने के बाद भयंकर हड़कंप मचा है और एनडीए के अंदरखाने में चल रही बगावत न सिर्फ जगजाहिर हो गई है बल्कि ये पीएम मोदी और उनके चाणक्य जी के लिए जोर का झटका है। पीएम मोदी के कौन से मंत्री ने उनके खिलाफ 62 हजार करोड़ रुपए के घपले का आरोप लगाया है और कैसे नीतीश कुमार अपने परिवार के लिए भारी-भरकम रमक देकर लोगों को मंत्री का पद दिलवा रहे हैं, ये सबकुछ हम आपको आगे अपनी इस आठ मिनट की रिपोर्ट में बताने वाले हैं।
दोस्तों बिहार चुनाव में पीएम मोदी और उनके चाणक्य जी के साथ नीतीश बाबू का 36 का आंकड़ा चल रहा है ये बात पहले से जगजाहिर है। और कल पीएम साहब रोडशो के दौरान ये बात बहुत हद तक क्ल्यिर भी हो गई है क्योंकि तमाम मान-मनौव्वल के बाद भी नीतीश कुमार पीएम मोदी के रोडशो में नहीं पहुंचे थे लेकिन आपको बता दें कि जैसे ही इस मामले की जानकारी शाह कैंप को लगी तुरंत ही चाणक्यगिरी खेलते हुए ललन सिंह को रथ पर चढ़ा दिया गया। ऐसे में जनता के सामने एकजुट होने का नाटक भले से ही फिट हो गया लेकिन बिहार की राजनीति की समझ वाले ये बात साफतौर पर कहने लगे हैं कि अब नीतीश कैंप और शाह कैंप की दूरियां सच में बहुत बड़ी हो गई है और ललन सिंह साफतौर पर शाह कैैंप के मोहरे बनते दिखते रहे हैं या ये भी कहा जा सकता है कि नीतीश कुमार से सीधी बगावत करने को तैयार हो गए है।
सुना आपने कि ललन बाबू के सुर नीतीश के खिलाफ आक्रामक हो चुके हैं क्योंकि किसी भी पार्टी का नेता अपने सीएम और राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ इस तरह की बात नहीं कर सकता है। वो भी नीतीश जैसे लीडर के लिए जो 20 साल से बिहार के सीएम हैं, उनको बताया जा रहा है कि विधायक दल के नेता चुनेंगे। आपको बता दें कि ये अपने आप में हास्यपद है और ये न सिर्फ ललन सिंह की जदयू और नीतीश की निष्ठा पर सवाल उठा रहा है बल्कि ये बात बहुत हद तक साफ कर रहा है कि कहीं न कहीं ललन सिंह पीएम साहब के चाणक्य जी के गोद में खेल रहे हैं क्योंकि नीतीश सीएम नहीं होंगे, ये बयान एक दो नहीं तीन-तीन बार अमितशाह दोहरा चुके हैं और ठीक वही लाइन ललन सिंह की भी है। आपको बात दें कि वैसे भी ललन सिंह और नीतीश के बीच पिछले कुछ साल में बहुत बेहतर रिश्ते नहीं दिखाई दिए हैं। ललन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद कहीं न कहीं ललन सिंह और नीतीश के बीच की दूरी बढ़ी थी और तब न चाहते हुए भी ललन को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटना पड़ा था लेकिन इस बा गेंद ललन सिंह के पाले में है तो वो नीतीश कुमार से शायद हिसाब बराबर करने में कोई चूक नहीं होने देना चाहते हैं। हालांकि दावा ये किया जाता है कि नहीं नीतीश और ललन में सबकुछ ठीक है अगर नीतीश कुमार ने ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया तो बाद में केंद्र में मंत्री तो नीतीश कुमार ने ही बनाया लेकिन अब ललन सिंह कैसे मोदी-3 सरकार में मंत्री बने इसकी भी कलई खुल गई है और इसमें कहीं न कहीं नीतीश कुमार पर न सिर्फ परिवारवाद का बल्कि ये भी कहा जा सकता है कि भ्रष्ट्राचार का बहुत बड़ा आरोप नीतीश बाबू पर लग रहा है। खबर देखिए, द वायर हिंदी ने बड़ा खुलासा किया है…
जीएफएक्स इन सुशासन बाबू के बेटे को ललन सिंह ने भेंट किया पटना में आलीशान घर, तुरंत बाद मिला केंद्र में मंत्री पद जीएफएक्स आउट जैसा कि खबर की हेडलाइन से ही साफ है कि ललन सिंह को मंत्री पद तब दिया गया जब नीतीश कुमार के बेटे निशांत को पटना में एक ऑलीशान घर खरीद कर ललन सिंह को दिया गया है। आपको बता दें कि वैसे तो दावा किया जाता है कि ये ललन सिंह ने यह घर निशांत को सिर्फ इस वजह से गिफ्ट किया क्योंकि वो उनको बहुत मानते हैं लेकिन ये बात हजम होने वाली नहीं दिखती है। मानना अपनी जगह और करोड़ो का घर देना अपनी जगह पर है क्योंकि मंत्री पद के लिए ये शायद डील रही होगा और वायर की रिपोर्ट भी बहुत हद तक इसी ओर ईशारा कर रही है। आपको बता दें कि वायर ने अपनी रिपोर्ट में यह बात भी कही है कि फ्लैट की कीमत 91 लाख से लेकर 1.50 करोड़ तक हो सकती है।
ऐसे में सवाल यह है कि जो नीतीश कुमार सुशासन की बात करते हैं, मंचों से चिल्ला-चिल्ला कर कहते हैं कि मैं अपने परिवार को राजनीति में नहीं लाया, और इसका फायदा लेने की कोशिश करते हैं लेकिन अंदरखाने में अपने परिवार के लिए खूब मलाई कटवा रहे हैं और केंद्रीय मंत्री के पद के बदले मकान लिए जा रहे हैं और ललन सिंह भी केंद्रीय मंत्री चाव में नीतीश के बेटे निशांत को मकान गिफ्ट कर रहे हैं। द वायर हिंदी की इन्वेस्टिगेशन बताती है कि उनके बेटे निशांत कुमार को उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह ने एक आलीशान घर तोहफ़े में दिया है। पेंटहाउस की तरह बना यह घर पटना के रईस इलाके बेली रोड के पास बहुमंजिली इमारत शिव राधिका कॉम्प्लेक्स की सबसे ऊपरी मंजिल पर स्थित है।
यह गिफ्ट डीड 15 जनवरी 2024 को दर्ज हुई थी, यानी पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक तीन महीने पहले. अपनी पार्टी के सुप्रीमो सुशासन बाबू के सुपुत्र को इतना महंगा तोहफ़ा देते वक्त राजीव रंजन सिंह मुंगेर से लोकसभा सांसद थे. वे इससे पहले कई बार सांसद रह चुके थे. लेकिन इस बार जब वे चुनाव जीते तो उन्हें नरेंद्र मोदी की सरकार में जदयू के कोटे से मंत्री पद मिल गया, और इस तरह ललन सिंह केंद्र में पहली बार मंत्री बन गए। लेकिन अब शायद बाजी पलट चुकी है क्योंकि नीतीश कुमार ने एक ओर उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाया तो दूसरी ओर गिफ्ट के बदले मंत्री पद मिला तो ललन सिंह शायद अंदर ही अंदर खार खाए बैठे रहें होंगे और जैसे ही नीतीश कुमार गुजरात लॉबी के सामने कुछ कमजोर होते हुए दिख रहे है तो ललन सिंह शायद अपना पुराना हिसाब किताब बराबर करने उतर पड़े हैं। ऐसे में यह बात बहुत हद तक साफ है कि ललन सिंह नीतीश कुमार का साथ छोड़कर सीधे तौर पर बगावत पर उतर आए हैं और नीतीश से शायद अपना पुराना हिसाब किताब चुकता कर रहे है लेकिन आपको बात दें कि ये जदयू के लिए बैड न्यूज है क्योंकि बिहार में एनडीए की सरकार नहीं बनती है तो क्योंकि जदयू पीएम मोदी के सरकार की बैसाखी है, जिसकी वजह से जदयू में टूट हो सकती है और ऐसे में ललन सिंह और सजंय झा जैसे लोग अहम रोल में आ सकते है।
माना जा रहा है कि अगर एनडीए चुनाव हारता है तो बिहार में जदयू का हाल उद्धव ठाकरे की शिवसेना जैसे हो सकता है। आपको बता दें कि ये सारे फैैक्टर न सिर्फ जदयू को कमजोर कर रहे हैं बल्कि इस पूरे फैैक्टर का चुनाव में भी असर दिख रहा है और इसका सीधा फायदा इंडिया महागठबंधन को मिलता दिख रहा है। क्योंकि जिस अनंत सिंह के नाम पर जंगलराज की बात साबित हो गई है वो ललन सिंह के लिए बहुत सम्मानित हो गया है और ललन सिंह उनके समर्थन में न सिर्फ बयान बाजी कर रहे हैं बल्कि उसको जनता को सरेआम आम मंच से गीदड़भभकी गुंडों की भाषा में दे रहे हैं…
हालांकि ये एनडीए और जदयू के लिए और भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि जिस जंगलराज की बात अभी तक पीएम साहब और उनके चाणक्य की मंचों से कर रहे थे उसको सरेआम अनंत सिंह ने न सिर्फ साबित किया है बल्कि ललन सिंह और सम्राट चौधरी का सरेआम उनके प्रचार में उतरना ये साबित करता है कि जंगलराज माफियाराज की सरकार एनडीए वापस लाना चाहती है। आपको बात दें कि एक रणनीति के तह त ये सबकुछ शाह कैंप की तरफ से कराया जा रहा है क्योंकि जंगलराज और माफियाराज पर पीएम साहब और उनके चाणक्य जी बुरा फंसे हैं और ललन सिंह और सम्राट चौधरी को सिर्फ और सिर्फ इस वजह से अनंत सिंह के प्रचार के लिए मैदान में उतार गया ताकि जनता के बीच ये मैसेज दिया जा सके कि अनंत सिंह को फंसाया गया है और ये बात ललन सिंह और सम्राट चौधरी खुद कह रहे हैं लेकिन ये बाद पूरा बिहार और देश जानता है कि ललन सिंह बाहुबली और माफिया है और जगंलराज का पर्याय है और ऐसे में एनडीए और बीजेपी का दांव पूरी तरह से फेल हो जो अनंत सिंह को जी और सम्मानित बताने में लगे हैं। आपको बता दें कि एक ओर जहां जदयू में ललन सिंह और नीतीश में ठनी है तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी के एक पूर्व मंत्री आरके सिंह ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
उनका दावा है कि बिहार में 62 हजार करोड़ रुपए का बड़ा घोटाला बिजली के नाम पर किया जा राह है और इस घोटाले का बड़ा खमियाजा बिहार की जनता को अपनी जेब से पैसे खर्चे करके भुगतना होगा। आपको बता दें कि आरके सिंह का दावा है कि 6.70 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से सरकार अडानी को बिजली देगी लेकिन वो जनता से 1.41 पैसे ज्यादा रुपए में बेचेगा जिसमें जनता का सीधा नुकसान होगा और अडानी की कंपनी को फायदा। ऐसे साफ है कि बिहार की जनता को नुकसान कराने के लिए न सिर्फ मोदी सरकार बल्कि नीतीश बाबू भी तैयार हैं और ये सारे मुद्दे बिहार में में जनता दिगाम में कहीं न कहीं घूम रहे हैं जो न सिर्फ बीजेपी बल्कि नीतीश कुमार को जोर का झटका लग सकता है और अंदरखाने की बगावत अब मंच पर आने से इसका सीधा फायदा इंडिया गठबंधन को मिल सकता है। पूरे मामले पर आपकी क्या राय है, आप अपनी राय हमें कमेंट के रुप में साझा कर सकते हैं। खबर को लाइक और शेयर भी जरुर करें।



