वक्फ बिल की मीटिंग में फिर दिखा सियासी ‘ड्रामा’, विपक्ष ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप !
वक्फ विधेयक पर संयुक्त समिति की हो रही बैठक से विपक्षी दलों के सांसदों ने फिर से वॉकआउट किया है। विपक्ष के कई सांसदों ने भाजपा सदस्य पर अपमानजनक टिप्पणी...
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4PM न्यूज नेटवर्क: वक्फ विधेयक पर संयुक्त समिति की हो रही बैठक से विपक्षी दलों के सांसदों ने फिर से वॉकआउट किया है। विपक्ष के कई सांसदों ने भाजपा सदस्य पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। यह घटना सोमवार को वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 से संबंधित प्रस्तुति के बहिष्कार के बाद हुई, जो 2012 कर्नाटक वक्फ घोटाला रिपोर्ट पर आधारित है। प्रस्तुतिकरण कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष और कर्नाटक भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष अनवर मन्निपड्डी द्वारा दिया गया था।
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संसद की संयुक्त समिति की बैठक को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। वक्फ विधेयक पर संयुक्त समिति की हो रही बैठक से विपक्षी दलों के सांसदों ने फिर से वॉकआउट किया है। इतना ही नहीं विपक्ष के कई सांसदों ने भारतीय जनता पार्टी के सदस्य पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। जानकारी के अनुसार संसद की संयुक्त समिति वक्फ बिल को लेकर देश-भर के लोगों से सुझाव मांग रही है। दरअसल, वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा के लिए सोमवार को हुई बैठक का भी विपक्ष के नेताओं ने बहिष्कार किया था।
विपक्षी दलों के सांसदों ने फिर से किया वॉकआउट
बताया जा रहा है कि संसद की संयुक्त समिति की बैठक के दौरान BJP और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई और यह हंगामेदार रही। विपक्षी दलों के सदस्यों ने मुसलमानों से संबंधित कानून पर चर्चा के लिए हिंदू समूहों के सदस्यों को बुलाने के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया। मणिप्पडी ने वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने में कथित संलिप्तता के लिए खरगे और रहमान खान सहित कर्नाटक के कई कांग्रेस नेताओं और अन्य का नाम लिया। विपक्षी सांसदों ने संसदीय समितियों की कार्यवाही के नियमों का हवाला देते हुए दावा किया कि ऐसी समितियों की बैठकों में उच्च पदों पर आसाीन व्यक्ति’ के खिलाफ अप्रमाणित आरोप नहीं लगाए जा सकते।
बताया जा रहा है कि करीब एक घंटे तक अनुपस्थित रहने के बाद विपक्षी सदस्य बैठक में वापस आए। वहीं दूसरी तरफ भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्य समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल को अपशब्द कह रहे थे। ऐसे में यह लगातार दूसरा दिन है जब विपक्षी सदस्य मतभेदों के बाद बैठक से बाहर चले गए।
- इस बैठक में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महमूद मदनी भी समिति के समक्ष उपस्थित हुए।
- इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका संगठन वक्फ विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों का विरोध करता है।