बिहार में चुनाव आयोग पर फिर गिरी सियासी गाज

- तेजस्वी व पवन खेड़ा ने सीईसी पर बोला तीखा हमला
- मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर नहीं थमा विवाद
- कांग्रेस व राजद के बाद आर-पार पर उतरे पप्पू यादव
- जदयू बोली- चुनाव आयोग कर रहा है अपना काम
- वोट का अधिकार छीना जा रहा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजद व कांग्रेस के निशाने पर चुनाव आयोग व मुख्य चुनाव आयुक्त आ गए हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव के बाद पूर्णिया सांसद पप्पू यादव भी भड़क गए। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि चुनाव आयोग भगवान है क्या? अलादीन का चिराग है क्या? उन्होंने कहा कि आर-पार की लड़ाई होगी। बिहार और बिहारियों की अस्मिता के लिए, गरीबों के अधिकार के लिए जान भी देना पड़ेगा तो देंगे।
वहीं जेडीयू नेता नीरज कुमार ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के एक बयान पर कहा, मतदाता पुनरीक्षण का कार्य चुनाव आयोग का है। वहीें तेजस्वी यादव ने कहा कि भविष्य में मोदी जी बिहार में राष्ट्रपति शासन लगा देंगे और पूरा प्रभार अपने हाथ में ले लेंगे। चुनाव आयोग कठपुतली बन गया है, यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है कि वोट का अधिकार छीना जा रहा है और चुनाव आयोग राजनीतिक दलों के साथ बैठक नहीं कर रहा है। न्याय कहां है? चुनाव आयोग ने कभी भी पीएम मोदी और अन्य प्रमुख नेताओं के खिलाफ उनके भाषणों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की है।

चुनाव आयुक्त मिस्टर इंडिया बन गए हैं : तेजस्वी
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता पुनरीक्षण के मामले पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने फिर सवाल खड़े किए है। उन्होंने कहा कि हम लगातार अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ चुनाव आयोग से मिलने का अनुरोध करते रहे हैं। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस राज्य में चुनाव होने हैं, वहां अगर विपक्ष चुनाव आयोग से मिलना चाहता है तो चुनाव आयोग उन्हें मिलने का समय नहीं दे रहा है। हमने ऐसा पहले कभी नहीं देखा। ये लोग लोकतंत्र को खत्म करने पर तुले हुए हैं और चुनाव आयोग संविधान की धज्जियां उड़ाने पर तुला हुआ है। राजद नेता ने आगे कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने खुद चुनाव आयोग को पत्र लिखा है, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। हमने सुना है कि वे गठबंधन के प्रतिनिधिमंडलों से नहीं मिलेंगे, बल्कि हर पार्टी से अलग-अलग मिलेंगे। लेकिन क्यों? ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग मोदी का आयोग बन गया है। भाजपा और नीतीश कुमार इस मुद्दे पर चुप हैं। वे हार रहे हैं, इसलिए चुनाव आयोग पीछे से उनकी मदद कर रहा है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि चुनाव आयोग ने (किसी राजनीतिक दल को) समय नहीं दिया हो। वे एक राष्टï्र, एक चुनाव की बात करते हैं, लेकिन एक भी जगह चुनाव ठीक से नहीं होते, बेईमानी हो रही है। उनके पास हमारे सवालों का कोई जवाब नहीं है। इसलिए, वे च्च्हमें नहीं दे रहे हैं। चुनाव आयुक्त मिस्टर इंडिया क्यों बन गए हैं?
किसी एक संस्था की दादागिरी नहीं चल सकती : पवन खेड़ा
उधर दिल्ली में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने चुनाव आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर कहा, जब आपको (मतदाताओं के) नाम काटने ही हैं तो आसानी से काट लेंगे, उसमें क्या है? काम मुश्किल तब होगा जब आपकी नीयत साफ होगी। उन्होंने कहा, 2003 में बिहार में जब यही पुनरीक्षण हुआ था तब एक साल की समय लगा था। अब आप केवल 25 दिनों में इस प्रक्रिया को पूर्ण कर लेंगे? तो आपकी नीयत तो यही है कि केवल नाम काटने हैं, कागजों की जांच नहीं करनी और आपको तो मालूम ही है कि किस वर्ग के नाम काटने है। हमारे पास तमाम विकल्प सड़क से लेकर संसद तक खुले हैं और इस देश में किसी एक संस्था की दादागिरी नहीं चल सकती।
जिसमें भी पात्रता है, वह वोट देने का अधिकारी : नीरज
इस पूरे मसले पर जारी विवाद को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी भी प्रतिक्रिया दे रही है। जेडीयू नेता नीरज कुमार ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के एक बयान पर कहा, मतदाता पुनरीक्षण का कार्य चुनाव आयोग का है और हमारी उम्मीद चुनाव आयोग से केवल और केवल इतनी है कि कोई भी व्यक्ति जिसे भारत के संविधान के तहत मतदान करने का अधिकार प्राप्त है, वह छूटे नहीं। जिसमें भी पात्रता है, वह वोट देने का अधिकारी है तो उन्हें यह अधिकार मिलना चाहिए। इसके लिए जो भी आवश्यक शर्ते हैं उनका भी अवलोकन किया जाना चाहिए।
तेजस्वी यादव की कृपा से पूर्णिया से जीते हैं पप्पू यादव : संजय जायसवाल
भारतीय जनता पार्टी के सांसद संजय जायसवाल ने पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वह आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की दया से चुनाव जीते हैं। भाजपा सांसद ने कहा कि पप्पू यादव हमेशा बूथों से बैलेट पेपर लूटकर विधायक बनते रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि तेजस्वी यादव की कृपा से वे पूर्णिया से जीते हैं। अगर सबसे बड़े घोटालेबाज लालू यादव के कार्यकाल में मतदाता निरीक्षण के दौरान घोटाले नहीं हुए, तो उन्हें क्यों लगता है कि अब कोई घोटाला होगा? संजय जायसवाल ने दावा किया कि तेजस्वी यादव ने वोटों को डायवर्ट करने के लिए पिछड़े समुदाय से बीमा भारती को मैदान में उतारा और सभी समुदायों के लोगों से पप्पू यादव को वोट देने के लिए कहा। संजय जायसवाल ने एएनआई से कहा, तेजस्वी यादव ने जानबूझकर पिछड़े समुदाय की एक लड़की को चुनाव लड़ाया ताकि वोटों को दूसरी तरफ मोड़ा जा सके और सभी समुदायों के लोगों से पप्पू यादव को वोट देने के लिए कहा। इसके अलावा, भाजपा सांसद ने बिहार में चुनाव पुनरीक्षण करने के चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना करने पर विपक्ष पर निशाना साधा। संजय जायसवाल ने कहा कि करीब 7.5 करोड़ लोगों को मतदाता पुनरीक्षण के लिए अपने दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं है, जिनके माता-पिता का नाम मतदाता सूची में है। उन्होंने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि आधार कार्ड सभी उद्देश्यों के लिए अनिवार्य नहीं है, जिसके कारण केवल 70 से 80 लाख लोगों को ही मतदाता पुनरीक्षण के लिए अपने दस्तावेज दिखाने होंगे।