ठाकरे भाईयों की विजय रैली इतने जुलाई को, मराठी अस्मिता के मुद्दे पर सरकार के यू-टर्न का जश्न
शिवसेना यूबीटी के सांसद अरविंद सावंत ने कहा, ये विजय उत्सव है. इस विजय उत्सव में हजारों मराठी भक्त आएंगे.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र में मराठी अस्मिता को लेकर चल रहे विवाद में ठाकरे बंधुओं को बड़ी राजनीतिक जीत मिली है। फडणवीस सरकार द्वारा तीन-भाषा नीति पर यू-टर्न लेते हुए हिंदी पढ़ाने संबंधी शासनादेश को रद्द कर दिया गया है।
ठाकरे बंधु इसे मराठी भाषा और अस्मिता की जीत के रूप में पेश कर रहे हैं। इसी के मद्देनजर, 5 जुलाई को मुंबई में एक विजय रैली का आयोजन किया जा रहा है। यह रैली खास इसलिए भी होगी क्योंकि इसमें पहली बार ठाकरे बंधु, उद्धव ठाकरे और उनके भाई, एक ही मंच पर साथ नजर आएंगे।
सूत्रों के मुताबिक, यह रैली न सिर्फ मराठी अस्मिता के समर्थन में होगी बल्कि इसे एक राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है। ठाकरे खेमे का कहना है कि मराठी भाषा और संस्कृति के अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जनता का दबाव ही सरकार के रुख को बदलने में निर्णायक साबित हुआ है। रैली में हजारों की संख्या में समर्थकों के शामिल होने की संभावना है, और इसे आगामी स्थानीय चुनावों से पहले ठाकरे परिवार की एक बड़ी रणनीतिक पहल माना जा रहा है।
हाल ही में महाराष्ट्र में भाषा को लेकर विवाद छिड़ गया था. दरअसल, फडणवीस सरकार ने तीन भाषा नीति को लेकर एक शासनादेश जारी किया था. बाद में सरकार ने इसपर यू-टर्न ले लिया और हिंदी पढ़ाने को लेकर लिए गए शासनादेश को रद्द कर दिया. महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले से कदम पीछे खींचने के बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे इसको मराठी अस्मिता की जीत के रूप में इसे पेश कर रहे हैं. इसी के चलते अब ठाकरे बंधुओं 5 जुलाई को विजय रैली कर रहे हैं.
विजय रैली के लिए हो रही तैयारियां
ट्रफिक मैनेजमेंट कैसे हो, कानून व्यवस्था की स्थिति कैसे बनी रहे इसपर पुलिस रणनीति बना रही है. शिवसेना यूबीटी और एमएनएस के साथ मिलकर रणनीति बनाई जा रही है. शिवसेना यूबीटी के सांसद अरविंद सावंत ने कहा, ये विजय उत्सव है. इस विजय उत्सव में हजारों मराठी भक्त आएंगे. कई लोगों का बलिदान था कि 1960 मैं महाराष्ट्र का जन्म हुआ और उसमें मुंबई भी शामिल हुई. आज मराठी भाषा को कम आंकने की कोशिश सरकार की ओर से की जा रही है जिसका हम निषेध करते हैं.
अरविंद सावंत ने कहा, मुंबई पुलिस ने पहले ही अगर हमें खुले मैदान की अनुमति दे दी होती तो हमें इस बंद सभगृह में इतनी बड़ी सभा नहीं करनी पड़ती. अब 50 हजार लोग आए या 1 लाख ये देखना, कानून व्यवस्था देखना पुलिस की जिम्मेदारी है. हमसे पुलिस ने आकर बात की. हमने उन्हें मौजूदा स्थिति की जानकारी दी है.
चुनाव में साथ आएंगे ठाकरे बंधु?
अरविंद सावंत ने आगे कहा, ठाकरे भाई अभी मराठी भाषा के विषय पर साथ आ रहे हैं. आगे चुनाव में साथ रहेंगे या नहीं ये दोनों भाइयों को तय करना है. लेकिन, आप ने सही कहा राज्य की मराठी जनता अब दोनों को साथ देखना चाहती हैं, ईश्वर की मर्जी जो होगी वही होगा.



