सियासत गरमाई, बात औरंगजेब-गोडसे तक आई
- महाराष्ट्र में कोल्हापुर हिंसा के बाद सियासी बवाल
- भाजपा ने विपक्ष पर बोला हमला
- एनसीपी, ओवैसी व उद्धवगुट शिवसेना ने सरकार को घेरा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। देश में एकबार फिर औरंगजेब को लेकर सियासत गरमा गई है। महाराष्ट्र के शोलापुर से उठी चिंगारी पूरे देश की राजनीति पर आग की तरह फैल गई। जहां भाजपा ने कांग्रेस, ओवैसी, एनसीपी पर जानबूझकर महाराष्ट्र का माहौल बिगाडऩे का आरोप लगाया है तो वहीं विपक्ष ने बीजेपी पर ध्रुवीकरण कराने का दोष मढ़ दिया। इसको लेकर बवाल मचा हुआ है।
अचानक पैदा हुईं औरंगजेब की औलादें- फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस ने कोल्हापुर समेत अन्य जगहों में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा था, महाराष्ट्र में अचानक कुछ जिलों में औरंगजेब की औलादें पैदा हुई हैं,जो औरंगजेब का फोटो दिखाते हैं, औरंगजेब का स्टेटस लगाते हैं. इसके कारण एक दुर्भावना समाज में पैदा हो रही है, इसकी वजह से तनाव भी बन रहा है,सवाल ये है कि अचानक इतनी औरंगजेब की औलादें कहां से पैदा हो रही हैं। बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने ये भी दावा किया कि राज्य के कुछ इलाकों में दंगे जैसे हालात पैदा हो रहे हैं, क्योंकि एक खास समुदाय के लोग औरंगजेब को महिमामंडित कर रहे हैं, कुछ नेता कह रहे थे कि राज्य में दंगे जैसे हालात बन सकते हैं,इन नेताओं की टिप्पणियों की प्रतिक्रिया में खास समुदाय के युवाओं ने औरंगजेब की तस्वीरें लहराईं, उन्होंने औरंगजेब और टीपू सुल्तान को महिमामंडित किया। ये महज इत्तेफाक नहीं हो सकता।
फिर ये गोडसे की औलाद कौन : ओवैसी
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र्र फडणवीस के औरंगजेब की औलाद वाले बयान पर पलटवार किया। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, महाराष्ट्र के गृह मंत्री फडणवीस बोले कि ये औरंगजेब की औलाद अच्छा, आपको पूरे मालूम, कौन किसकी औलाद है, ये आपको मालूम है। ओवैसी ने आगे कहा, मुझे नहीं पता था कि इतने एक्सपर्ट हैं आप, फिर ये गोडसे की औलाद कौन है, बोले,ये आप्टे की औलाद कौन है बोलो, ओवैसी का ये बयान महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुए बवाल के बाद सामने आया है, कोल्हापुर में हुए बवाल के बाद अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
धार्मिक रंग देना अच्छा संकेत नहीं : पवार
शरद पवार से महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति और हिंसा की कुछ घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने दावा किया कि राज्य में कुछ छोटे मुद्दों को धार्मिक रंग दिया जा रहा है, शासक राज्य में कानून-व्यवस्था स्थापित करने के लिए जिम्मेदार हैं। अगर सत्ता पक्ष और उनके लोग इसे लेकर सडक़ों पर उतर आते हैं तथा दो धर्मों के बीच दरार पैदा करते हैं तो यह शुभ संकेत नहीं है। शरद पवार ने दावा किया, अगर औरंगाबाद में (किसी व्यक्ति का) पोस्टर दिखाया जाता है, तो पुणे में हिंसा की क्या जरूरत है, लेकिन ऐसा होने दिया जा रहा है।
औरंगजेब का पुनर्जन्म हैं पवार : राणे
महाराष्ट्र के बीजेपी नेता नीलेश राणे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी चीफ शरद पवार को औरंगजेब का पुनर्जन्म कहा। एनसीपी ने इसके विरोध में मुंबई में जेल भरो आंदोलन करने का ऐलान किया। बीजेपी नेता व पूर्व सांसद नीलेश राणे ने मराठी भाषा में ट्वीट करते हुए लिखा कि चुनाव करीब आते ही पवार मुस्लिम समाज के लिए चिंताग्रस्त हो जाते हैं। कभी-कभी ऐसा लगता है कि औरंगजेब का पुनर्जन्म यानी शरद पवार हैं।
कोल्हापुर हिंसा शिंदे सरकार की नाकामी : संजय राउत
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने भाजपा और शिंदे सरकार पर हमला बोला है। राउत ने कहा कि कोल्हापुर में झड़प के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है, इसके लिए राज्य का गृह विभाग और मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। राउत ने कहा कि औरंगजेब के नाम पर 400 साल बाद भी महाराष्ट्र में हिंसक घटनाएं हो रही हैं, जो शर्म की बात है। बार-बार राजनीतिक लाभ के लिए भाजपा औरंगजेब को फिर से जिंदा कर रही है।
जीवा की पत्नी को नहीं मिली गिरफ्तारी से राहत
- उच्चतम न्यायालय ने आदेश देने से किया मना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लखनऊ की एक अदालत में गोलीबारी के दौरान मारे गए गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा का बीते दिन अंतिम संस्कार कर दिया गया है। गैंगस्टर जीवा के अंतिम सरकार में उनकी पत्नी पायल शामिल नहीं हुई हैं। यह जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी है। सुप्रीम कोर्ट से पायल को झटका उधर, जीवा की पत्नी के वकील ने जीवा के तेरहवीं तक पायल की गिरफ्तारी से राहत मांगी थी। इसपर उच्चतम न्यायालय ने कोई आदेश देने से मना कर दिया है।
परिवार को सूचना दी थी पायल को नहीं करेंगे गिरफ्तार : यूपी सरकार
सुप्रीम कोर्ट को जवाब देते हुए यूपी सरकार ने कहा कि गैंगस्टर संजीव जीवा का कल अंतिम संस्कार कर दिया गया है। सरकार ने बताया कि परिवार को सूचना दे दी गई थी कि उसकी पत्नी को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। फिर भी वह वहां मौजूद नहीं रही। गैंगस्टर के बेटे ने जीवा का अंतिम संस्कार किया।
मणिपुर मामले में तत्काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
- इंटरनेट सेवाएं बर्खास्त करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई
- प्रभावित हो रही लोगों की आजीविका
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा प्रभावित मणिपुर में इंटरनेट सेवाओं को बर्खास्त करने के खिलाफ दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालय में पहले से ही मामले की सुनवाई चल रही है। कार्यवाही को दोहराने का कोई मतलब नहीं है। इसे नियमित बेंच के सामने ही आने दें। मणिपुर में 3 मई से भडक़ी इस हिंसा के चलते राज्य में अब तक 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं सरकार ने एहतियातन राज्य में इंटरनेट सेवाएं बंद की हुई हैं। इंटरनेट सेवाएं बंद करने से आम जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है। वकील चोंगाथम विक्टर सिंह और बिजनेसमैन मायेंगबम जेम्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इंटरनेट सेवा बहाल करने की मांग की थी।
अब भी लोगों में डर का माहौल
जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने कहा कि याचिका को पहले रेगुलर बेंच के सामने पेश करें। हाईकोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर रहा है तो फिर सुनवाई को दोहराने की कोई जरूरत नहीं है। बता दें कि मणिपुर सरकार ने मंगलवार को राज्य में जारी इंटरनेट बैन की समय अवधि को 10 जून तक बढ़ा दिया है। सरकार के इस कदम के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया है कि इंटरनेट बंद होने की वजह से लोग अपने परिजनों और प्रियजनों से बात नहीं कर पा रहे हैं। इससे डर का माहौल है।