कर्नाटक में कांग्रेस की तीसरी सूची पर सियासी बवाल, 17 में से 11 उम्मीदवार मंत्रियों के रिश्तेदार

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद तमाम राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। इस बीच, कर्नाटक की कांग्रेस ने गुरुवार को अपने 17 उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया। हालांकि, इन नामों के साथ ही पार्टी में हलचल तेज हो गई है। बता दें, कर्नाटक में दो चरणों में मतदान होगा।
कांग्रेस ने आठ मार्च को पहली सूची जारी की थी, जिसमें सात उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई थी। इसमें किसी भी मंत्री और विधायक का नाम नहीं था। हालांकि, अब पार्टी की तीसरी सूची भी सामने आ गई है। फिर भी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता वाली एक समिति ने कोलार, चित्रदुर्ग, चिकबल्लापुर, चामराजनगर और बेल्लारी निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों के नाम अभी तय नहीं किए हैं।
पार्टी की ओर से जारी 17 उम्मीदवारों की तीसरी सूची में राज्य के पांच कैबिनेट मंत्रियों के बच्चों के नाम शामिल हैं। टिकटों का ऐसा बंटवारा देखकर अब पार्टी सदस्यों के बीच बहस शुरू हो गई है। कर्नाटक में भाजपा-जेडीएस गठबंधन का सामना करने के लिए कांग्रेस ने अधिकतर टिकट मंत्रियों के परिवार सदस्य को आवंटित किए हैं।
भाजपा नेता बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने पार्टी के भीतर जमीनी कार्यकर्ताओं को बढ़ावा देने के बजाय वंशवाद की राजनीति को प्राथमिकता देने के लिए कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी अपने जमीनी कार्यकर्ताओं को अवसर देने के बजाय वंशवाद की राजनीति का पक्ष लेने के लिए जानी जाती है।
अगर सूची पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि पार्टी ने राजनीतिक वंश और वित्तीय समर्थन वाले कई उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं।
इसमें सबसे पहले चिक्कोडी सीट पर ध्यान जाता है, जहां से एक बेलगावी क्षेत्र के नामी शख्स और पीडब्ल्यूडी के कैबिनेट मंत्री सतीश जारकीहोली की बेटी प्रियंका जारकीहोली को टिकट दिया गया है। चुनाव में अपनी शुरुआत होने के बावजूद प्रियंका को लोकसभा का टिकट मिलना खुद में ही एक बड़ी बात है। बेलगावी क्षेत्र में शक्तिशाली जराकीहोली परिवार के पास पहले से ही कर्नाटक में कई प्रमुख पद हैं।
इतना ही नहीं, बेलगावी सीट की बात करें, तो यहां से कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के बेटे मृणाल को उतारा गया है, जो राजनीति में प्रवेश ही लोकसभा टिकट के साथ कर रहे हैं। इसके अलावा, बीदर से लोकसभा टिकट की मांग कर रहे पूर्व मंत्री राजशेखर पाटिल की अनदेखी की गई। उनकी जगह कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक के कैबिनेट मंत्री ईश्वर खांद्रे के बेटे सागर खांद्रे को टिकट दिया है।
दावणगेरे सीट से प्रभा मल्लिकार्जुन को टिकट दिया गया है, जो कैबिनेट मंत्री एसएस मल्लिकार्जुन की पत्नी और वरिष्ठ लिंगायत नेता और विधायक शमानूर शिवशंकरप्पा की बहू हैं।
बंगलूरू दक्षिण सीट सौम्या रेड्डी को दी गई है, जो परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी की बेटी हैं। वह 2023 का विधानसभा चुनाव जयनगर से भाजपा उम्मीदवार राममूर्ति के खिलाफ हार गई थीं।
बंगलूरू ग्रामीण से टिकट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश को दिया गया है।
शिवमोगा से पूर्व मुख्यमंत्री बंगारप्पा की बेटी, अभिनेता शिवराज कुमार की पत्नी और कैबिनेट मंत्री मधु बंगारप्पा की बहन गीता शिवराजकुमार को टिकट दिया गया है।
जेडीएस का गढ़ हासन कांग्रेस का टिकट श्रेयस पटेल को दिया गया है, जो पुट्टास्वामी गौड़ा के पोते हैं।
कांग्रेस ने मंत्री शिवानंद पाटिल की बेटी संयुक्ता पाटिल को बागलकोट से उम्मीदवार बनाया है।
मल्लिकार्जुन खरगे के दामाद राधाकृष्ण को गुलबर्गा से चुनाव लडऩे के लिए चुना गया है।
इस बीच कोप्पल से पार्टी ने राघवेंद्र हितनाल के भाई राजशेखर हितनाल को मैदान में उतार दिया है।
दो दशकों से अधिक समय से कांग्रेस में काम कर रहीं एक महिला कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा, ‘यह सूची कांग्रेस के टिकट बंटवारे के विचार के एजेंडे को साबित करती है। इसका सामाजिक न्याय से कोई लेना-देना नहीं है। यह राजनीतिक रूप से समर्थित परिवारों की अगली पीढ़ी के प्रवेश के बारे में है। हमारे जैसे कार्यकर्ता, जो दिन-रात काम कर रहे हैं, अभी भी सडक़ों पर उनके लिए प्रचार कर रहे हैं।’
भाजपा नेताओं का तर्क है कि उम्मीदवारों की यह सूची पार्टी के भीतर सामाजिक न्याय या योग्यता को बढ़ावा देने के बजाय वंशवादी राजनीतिक विरासत के प्रति कांग्रेस के झुकाव को दर्शाती है। भाजपा प्रवक्ता एस प्रकाश ने सूची की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि यह सामाजिक न्याय की पैरवी करने के कांग्रेस के झूठे दावों को उजागर करती है।

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