नितिन गडकरी के बयान से देश में राजनीतिक चुल
विपक्ष के नेता बनते नितिन गडकरी!

आखिर क्या चल रहा है नितिन गडकरी के मन में
शिवसेना यूबीटी, कांग्रेस सहित दूसरे नेताओं का मिल रहा है मुस्लिम पक्ष में बयान देने के लिए समर्थन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। नितिन गडकरी बीजेपी के ऐसे नेता है जो अक्सर पार्टी लाइन से अलग हटकर ऐसे बयान दे देते हैं जिससे देश में राजनीतिक चुल पैदा हो जाती है। नागरपुर एक कार्यक्रम में मुस्लमानों के संदर्भ में दिये गये उनके बयान की हर कोई अपने हिसाब से व्याख्या कर रहा है। अक्सर नितिन गडकरी के बयान बीजेपी के लिए उलझन पैदा करने वाले साबित होते हैं। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। उनके ताजा बयान ने उन्हें विपक्ष को नेता बना दिया है और कांग्रेस शिव सेना यूबीटी उनके समर्थन में खुल कर सामने आयी है और तारीफ कर रही है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने होली के बाद नागपुर में एक अल्पसंख्यक संस्थान के दीक्षांत समारोह में कहा कि मुस्लिम समाज को सबसे ज्यादा शिक्षा की जरूरत है। उन्होंने कार्यक्रम में बोलते हुए इस बात पर जोर दिया कि जो पढ़ेगा, वही बढ़ेगा। उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि मुसलमानों को एपीजे अब्दुल कलाम या मौलाना आजाद बनने की दिशा में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी समुदाय को हाशिए पर रखना या उनके साथ भेदभाव करना समाज और देश के विकास में बाधक हो सकता है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र को लेकर बहस चल रही है।
मुसलमानों को मुख्य धारा में लाना होगा
नितिन गडकरी के इस बयान के बाद पूरे देश में अलग—अलग राजनेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने नितिन गडकरी के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि वह नितिन गडकरी के बयान से सहमत हैं। तारिक अनवर ने कहा कि अगर नितिन गडकरी ने कहा है तो ये बड़ी बात है। भाजपा में रहकर अगर वह इस तरह की बातें करते हैं तो कुछ तो कारण होगा। वह हमेशा अपनी अलग सोच के लिए जाने जाते हैं, इसलिए वह सरकार और पार्टी लाइन से हटकर बयान देते हैं। जहां तक मुस्लिम समाज में शिक्षा की आवश्यकता का सवाल है तो सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में भी बताया गया है कि वे बहुत ही पिछड़े हुए हैं और नौकरी से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में काफी कमजोर भी हैं। अगर हमें पूरे देश को मजबूत बनाना है तो मुस्लिम समाज को मुख्य धारा में लाना होगा।
स्वामी विवेकानंद और दाऊद इब्राहिम की तुलना
नवंबर 2012 में नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा था कि स्वामी विवेकानंद और अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की आईक्यू स्तर समान था, लेकिन उनकी जीवन की दिशा अलग थी। इस बयान से व्यापक विवाद उत्पन्न हुआ और भाजपा को सफाई देनी पड़ी थी।
सरकार को कहा था विषकन्या
अक्टूबर 2024 में नागपुर में ही एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा था कि सरकार किसी भी पार्टी की हो वह विषकन्या जैसी होती है, जो जिसके साथ जाती है, उसका नाश कर देती है। इस बयान से महाराष्ट्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठे थे।
कर चुके हैं कांग्रेस की मजबूती की कामना
मार्च 2022 में गडकरी ने कहा था कि लोकतंत्र में विपक्षी पार्टी की भूमिका महत्वपूर्ण है और देश में मजबूत लोकतंत्र के लिए मजबूत कांग्रेस का होना आवश्यक है। इस बयान की विपक्षी दलों ने सराहना की थी। हालांकि इस बयान के बाद वह पार्टी के अंदर घिर गये थे और उन्हें अपने बयान पर सफाई देनी पड़ी थी।
राजनीति छोडऩे की इच्छा
नितिन गडकरी सार्वजनिक मंच से कई बार राजनीति छोडऩे की बात कह चुके हैं। भाषण देते हुए वह कई बार भावुक हुए और कहा कि उनका मन राजनीति छोडऩे का करता है क्योंकि जीवन में राजनीति के अलावा भी करने के लिए बहुत कुछ है। इस बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी।
जातिवाद करने वालों को लात मार दी जाएगी
नितिन गडकरी ने पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि उनके क्षेत्र में जातिवाद के लिए कोई जगह नहीं है और यदि कोई जाति की बात करेगा तो वे उसकी पिटाई कर देंगे। ?
बोली शिवसेना- बीजेपी को आईना दिखाने का काम करते हैं
शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने भी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान का स्वागत किया है और उनके बयान को समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि नितिन गडकरी अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं और भाजपा नेताओं को समय—समय पर आईना दिखाने का काम करते हैं। बीजेपी में रहकर इस तरह की बातें वह कितने दिन कर पाते हैं यह समय बताएगा। उन्होंने कहा कि नितिन गडगरी एक अच्छे राजनेता हैं लेकिन गलत जगह है। उन्होंने कहा कि बीजेपी विकास की बजाय हिंदू-मुसलमान मंदिर-मस्जिद और नफरत की राजनीति कर रही है।
जंतर-मंतर पर वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा- केंद्र सरकार वापस ले बिल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बोर्ड ने इस विधेयक को वापस लेने की मांग की, क्योंकि उसका मानना है कि यह वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए खतरा है।
हालांकि, सरकारी नेताओं ने कहा है कि देश कानून के मुताबिक चलेगा और वक्फ विधेयक को मौजूदा बजट सत्र के दूसरे हिस्से में संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है। एआईएमपीएलबी के उपाध्यक्ष उबैदुल्लाह आजमी ने भारतीय संविधान द्वारा गारंटीकृत धार्मिक मामलों की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। जिस तरह नमाज और रोजा हमारे लिए महत्वपूर्ण है, उसी तरह वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है। सरकार को वक्फ की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी।
भाजपा ने एआईएमपीएलबी पर हिंसा भडक़ाने का लगाया आरोप
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एआईएमपीएलबी पर वक्फ संशोधन विधेयक का इस्तेमाल अशांति भडक़ाने और मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के बहाने के रूप में करने का आरोप लगाया है। भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने एआईएमपीएलबी और कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी पार्टी और एआईएमआईएम सहित उसके राजनीतिक सहयोगियों की आलोचना करते हुए दावा किया कि वे सांप्रदायिक तनाव को भडक़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
देश में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित: मौलाना शहाबुद्दीन
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जिम्मेदार कह रहे हैं कि देश में मुसलमानों को खतरा है, सुरक्षित नहीं हैं। ये सरासर गलत और गुमराह करने वाली बातें हैं। उन्होंने कहा कि देश में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित है। देश में मुसलमान अपने धार्मिक त्योहार, नमाज, रोजा, हज, जकात, जुलूस और उर्स आदि कार्यक्रम आजादी से मनाता है। कोई भी व्यक्ति या हुकूमत इन धार्मिक कार्यक्रमों में कोई भी बाधा नहीं डालती।