रास चुनाव की क्रॉस वोटिंग के बाद हिमाचल प्रदेश में सियासी भूचाल
- कांग्रेस उम्मीदवार की हार के बाद बीजेपी का वार
- विस में तीखी नोकझोंक, बुलाए गए मार्शल
- सीएम सुक्खू ने इस्तीफे की पेशकश की बात को बताया अफवाह, बोले- पांच साल चलेगी हमारी सरकार
- विक्रमादित्य ने मंत्री पद छोड़ा
- प्रियंका गांधी की पूरे मामले पर नजर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
शिमला। राज्यसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की हार के बाद से वहां की सियासत में भूचाल आ गया है। विधान सभा सदन में सत्ता पक्ष व विपक्ष में जबरदस्त वार-पलटवार जारी है। वहीं सीएम सुखविंदर सिंह सूक्खू ने कांग्रेस आलाकमान को इस्तीफे की पेशकश की खबरों को अफवाह बताया है। उधर कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा देकर कांग्रेस नेतृत्व को मुश्किल में डाल दिया है। इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कड़ी नजर रखी हुई है। कांग्रेस नेत्री पल-पल का अपडेट ले रही हैं। वहीं उन्होंने पूरे मामले की जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को दे दिया है। उधर इससे पहले भाजपा के पूर्व सीएम ने सुक्खू सरकार से इस्तीफा मांगा है। हिमाचल विधान सभा में भाजपा व कांग्रेस के बीच जमकर नोकझोंक हुई जिसके बाद से बीजेपी के 15 विधायकों को विधान सभा अध्यक्ष ने निलंबित कर दिया। निलंबित विधायक राज्यपाल से मिलने पहुंच गए हैं। ज्ञात हो कि हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा सीट पर मंगलवार (27 फरवरी) को चुनाव हुआ। इसके परिणाम ने हर किसी को चौंका दिया। चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन और कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को बराबरी के वोट मिले। वहीं, कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। विधानसभा में बीजेपी के केवल 25 विधायक होने के बावजूद ऐसा उलटफेर हुआ कि अंत में कांग्रेस को हार माननी ही पड़ी। क्रॉस वोटिंग के बाद बीजेपी उम्मीदवार के मतों की संख्या बढ़कर 34 हो गई। दोनों ही दलों के पास 34-34 का आंकड़ा हो गया और पर्ची डालने के बाद बीजेपी के उम्मीदवार हर्ष वर्धन की जीत हुई।
मेरा सरकार का हिस्सा बने रहना सही नहीं : विक्रमादित्य सिंह
हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने राज्य में राज्यसभा चुनाव परिणाम के एक दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा, मैं बस इतना ही कहना चाहूंगा कि मौजूदा परिस्थितियों में मेरा सरकार का हिस्सा बने रहना सही नहीं है। इसलिए मैंने फैसला किया है कि मैं मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे रहा हूं। राज्य लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा,कि वीरभद्र सिंह ने भी एथिक्स की राजनीति की है। हमारी आवाज व अस्तित्व को दबाने का प्रयास हुआ तो टॉलरेट नहीं होगा। हाई कमान, प्रियंका वाड्रा से बात हुई है। जनता की भावनाओं को अवगत करवाया गया है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वीरभद्र सिंह के नाम पर चुनाव लड़ा। मतदान से एक दिन पूर्व भी उनके नाम का विज्ञापन छपा। सरकार की कार्यप्रणाली पर कुछ नहीं कहा। मेरे लिए पद महत्वपूर्ण नहीं। विधायकों की आवाज दबाने की कोशिश हुई। गवर्नेंस सामने हैं। पार्टी हाई कमान के समक्ष उठाया गया है। जिस का संज्ञान लेना चाहिए था नहीं लिया। हम क्रिटिकल जंक्शन पर हैं ।
कांग्रेस ने फर्जी वादे करके हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाई : ठाकुर
हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव परिणाम और क्रॉस वोटिंग पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा,कांग्रेस ने बड़े-बड़े और फर्जी वादे करके हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाई। सरकार बनने के बाद उनमें से कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया। जब कांग्रेस के विधायक अपने क्षेत्र में गए तो लोगों ने उनसे सवाल पूछा। उनके पास देने के लिए कोई जवाब नहीं था। उन्होंने आगे सवाल पूछा कि कांग्रेस विधायकों ने 14 महीने के भीतर अपनी ही पार्टी क्यों छोड़ दी, क्या मजबूरी थी?
बीजेपी के 15 विधायकों को किया गया निष्कासित
विपक्ष के 15 भाजपा विधायकों में जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार, रणधीर शर्मा, लोकेंद्र कुमार, विनोद कुमार, हंस राज, जनक राज, बलबीर वर्मा, त्रिलोक जम्वाल, सुरेंद्र शोरी, दीप राज, पूरन ठाकुर, इंदर सिंह गांधी, दिलीप ठाकुर और इंदर शामिल हैं। सिंह गांधी को आज विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में कथित तौर पर नारेबाजी और दुर्व्यवहार करने के आरोप में विधानसभा अध्यक्ष ने निष्कासित कर दिया है।
स्पीकर कुलदीप सिंह ने राज्यपाल से की मुलाकात
हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने आज शिमला स्थित राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की।
पर्यवेक्षक भूपेंद्र सिंह हुड्डा तीन बजे पहुंचेंगे शिमला
पूर्व मुख्यमंत्री एवं अखिल भारतीय कांग्रेस के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा दोपहर 3 बजे शिमला पहुंचेंगे। उसके बाद कांग्रेस विधायकों के साथ बैठक करेंगे। हमने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को प्रदेश कांग्रेस में उपजे राजनीतिक विवाद को सुलझाने के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।
बसपा नेता गुड्डू जमाली ने थामा सपा का दामन
- सपा प्रमुख अखिलेश ने कराया पार्टी में शामिल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। दो बार विधायक रहे बहुजन समाज पार्टी के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने बुधवार को समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। इस दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने खुद उन्हें समाजवादी पार्टी में शामिल कराया। इस दौरान अखिलेश यादव ने पत्रकारों के साथ वार्ता भी की। कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा उन्हें एमएलसी बना सकती है। सपा में उनके आने के बाद आजमगढ़ लोकसभा सीट पर पार्टी की स्थिति काफी मजबूत हो जाएगी।
बता दें अखिलेश यादव के इस्तीफा देने से रिक्त हुई आजमगढ़ लोकसभा सीट के उपचुनाव में गुड्डू जमाली की वजह से ही सपा को भाजपा से हार का सामना करना पड़ा था। गुड्डू जमाली काफी समय से सपा के संपर्क में थे। गुड्डू आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से 2012 और 2017 में बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीत थे। उन्होंने 2022 में हुए लोकसभा उपचुनाव में बसपा के टिकट पर 2.66 लाख से ज्यादा मत प्राप्त करे थे। इसके कारण ही सपा के धर्मेंद्र यादव चुनाव हार गए थे। उम्मीद है कि इस बार आजमगढ़ लोकसभा सीट से अखिलेश या फिर धर्मेंद्र फिर से चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में गुड्डू जमाली के सपा में आ जाने से वहां पार्टी की राह आसान हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार 13 सीटों पर होने वाले विधान परिषद के चुनाव में सपा गुड्डू को उम्मीदवार घोषित कर सकती है।
अब संविधान मंथन होगा : अखिलेश
इस मौके पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) परिवार बढ़ता जा रहा है। लोग सपा में आ रहे हैं। 2024 के चुनाव में एक तरफ वो लोग है जो संविधान को खत्म कर रहे हैं और दूसरी तरफ वो हैं जो संविधान बचाने के लिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले कभी समुद्र मंथन हुआ था अब संविधान मंथन होगा।
पसमांदा मुस्लिम समाज को साधने का प्रयास
पसमांदा मुस्लिम समाज से आने वाले गुड्डू को विधान परिषद भेजकर अखिलेश पसमांदा मुस्लिम समाज को भी साध सकते हैं। इसके साथ ही मुस्लिम को एमएलसी बनाकर पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की अपनी मुहिम को आगे बढ़ा सकते हैं।
पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले पर होगी कड़ी कार्रवाई : सिद्धरमैया
- कर्नाटक विधानसभा में भाजपा का हंगामा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरू। कर्नाटक राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत के बाद पाकिस्तान समर्थक नारे लगने का मामला अब बढ़ता जा रहा है। इसे लेकर भाजपा लगातार कांग्रेस से स्पष्टीकरण क मांग कर रही है। विधान सौधा के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी किया। विधान सौधा में कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने के आरोप में सैयद नसीर हुसैन और उनके समर्थकों के खिलाफ कर्नाटक भाजपा द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रतिक्रिया दी है। सिर्फ भाजपा ही नहीं मीडिया के द्वारा भी इस तरह के आरोप लगाए गए हैं।
हार के बाद हताश है बीजेपी : प्रियांक खरगे
भाजपा द्वारा स्पष्टीकरण की मांग करने और पर कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे ने कहा, भाजपा अपनी हार के बाद हताश है। ऑडियो में ऐसा कुछ नहीं पाया गया है। पार्टी ने ऑडियो फॉरेंसिक कराया है, जिसमें कुछ नहीं पाया गया। 11 बजे तक उसकी रिपोर्ट आ जाएगी। हम एक औपचारिक वक्तव्य भी जारी करेंगे। कर्नाटक के मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा, अगर सच में ऐसा कुछ हुआ है तो इस पर कार्रवाई होनी चाहिए।