‘वोट चोरी’ के आरोपों के बीच EC के 67 अफसरों पर FIR, BLO की मौतों से गरमाई सियासत

SIR प्रक्रिया को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है... विपक्ष का आरोप है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार SIR के ज़रिए “वोट चोरी” को बढ़ावा दे रहे हैं...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों देश भर में चुनाव आयोग की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन नाम की प्रक्रिया ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है.. यह प्रक्रिया वोटर लिस्ट को साफ-सुथरा बनाने के नाम पर चलाई जा रही है.. लेकिन इसके चलते बूथ लेवल ऑफिसर्स पर इतना दबाव पड़ रहा है कि कई BLOs की जान चली गई है.. गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, पश्चिम बंगाल.. और तमिलनाडु जैसे राज्यों से दर्दनाक खबरें आ रही हैं.. कुछ BLOs ने तनाव से खुदकुशी कर ली.. तो कुछ हार्ट अटैक से मारे गए.. विपक्षी दल इसे वोट चोरी का हथकंडा बता रहे हैं.. जबकि चुनाव आयोग इसे अलग-थलग घटनाएं कहकर टाल रहा है..

जानकारी के मुताबिक पिछले तीन हफ्तों में कम से कम 16 BLOs की मौत हो चुकी है.. इनमें से कई मौतें SIR के दबाव से जुड़ी बताई जा रही हैं.. BLOs ज्यादातर सरकारी स्कूलों के टीचर होते हैं.. जो चुनाव ड्यूटी पर लगाए जाते हैं.. SIR के तहत उन्हें हर बूथ के वोटर्स की लिस्ट चेक करनी पड़ती है.. 22 साल पुरानी स्कैन की हुई लिस्टों को पलटना.. नए फॉर्म भरवाना और डिजिटलाइजेशन करना.. लेकिन समय की कमी और संसाधनों की किल्लत ने इन्हें तोड़ दिया.. राहुल गांधी ने इसे ‘षड़यंत्र’ कहा है.. तो ममता बनर्जी ने पूछा है कि कितनी और जानें जानी चाहिए..

आपको बता दें कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन चुनाव आयोग का एक अभियान है.. जो वोटर लिस्ट को अपडेट करने के लिए चलाया जाता है.. इसका मकसद फर्जी वोटर्स हटाना.. नए वोटर्स जोड़ना और लिस्ट को सटीक बनाना है.. 2025 में यह दो फेज में चल रहा है.. फेज वन सितंबर में खत्म हो चुका है.. और फेज टू नवंबर में शुरू हुआ है.. चुनाव आयोग के मुताबिक 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 50 करोड़ से ज्यादा वोटर्स को फॉर्म बांटे गए हैं.. और 40 फीसदी फॉर्म डिजिटलाइज हो चुके हैं..

SIR के तहत BLOs को 30 दिनों में हजारों पुरानी स्कैन इमेजेस चेक करनी पड़ती हैं.. ये इमेजेस सर्चेबल नहीं हैं.. मतलब कंप्यूटर पर नाम सर्च नहीं कर सकते.. BLOs को मैन्युअल तौर पर पन्ने पलटने पड़ते हैं.. जो घंटों लग जाते हैं.. एक BLO को औसतन 40-55 घरों पर जाना पड़ता है.. जबकि पहले यह 12-18 था.. संसाधन कम हैं.. लैपटॉप, इंटरनेट या ट्रेनिंग की कमी है.. राजस्थान के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर ने कहा कि BLOs पर काम का बोझ कम करने के लिए प्रयास हो रहे हैं.. लेकिन समर्पण की बड़ी तस्वीर पर फोकस है..

विपक्ष का कहना है कि यह जल्दबाजी डेमोक्रेटाइजेशन के नाम पर थोपी गई है.. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि BJP.. और EC BLO मौतों को नजरअंदाज कर रहे हैं.. जो लोकतंत्र के लिए खतरा है.. राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि SIR सुधार नहीं.. थोपा गया जुल्म है.. सिस्टम ऐसा बनाया गया कि वोटर थक जाएं.. और वोट चोरी जारी रहे.. भारत सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट में दुनिया का छठा देश है.. लेकिन EC अभी भी कागजों के ढेर पर अड़ा है.. अगर लिस्ट डिजिटल और सर्चेबल होती.. तो BLOs पर इतना दबाव न पड़ता..

बता दें कि गुजरात से SIR का दर्द सबसे पहले फूटा.. 21 नवंबर को गिर सोमनाथ जिले के चारा गांव में 40 साल के BLO अरविंद वाधेर ने खुदकुशी कर ली.. अरविंद सरकारी स्कूल के टीचर थे.. उनकी सुसाइड नोट में लिखा था कि मैं SIR का काम और नहीं कर पाऊंगा.. थक गया हूं.. परिवार ने बताया कि SIR के दबाव से वे मानसिक तनाव में थे.. वे 95 फीसदी काम कर चुके थे.. लेकिन ऑनलाइन डिजिटलाइजेशन में दिक्कत आ रही थी..

उसी हफ्ते खेड़ा जिले के जंबुड़ी गांव में 50 साल के BLO रमेशभाई परमार की नींद में हार्ट अटैक से मौत हो गई.. वे नवापुरा प्राइमरी स्कूल के प्रिंसिपल थे.. परिवार ने कहा कि SIR के बोझ ने उन्हें तोड़ दिया.. वे रात-रात भर जागते, फॉर्म चेक करते.. गुजरात में अब तक पांच BLOs की मौतें हो चुकी हैं.. ये सभी मौत सुसाइड, स्ट्रेस या हार्ट अटैक से हुई है.. वाइब्स ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट किया कि स्कोर ऑफ टीचर्स कोलैप्स हो रहे हैं.. टीचर्स यूनियंस ने हड़ताल की धमकी दी है..

मध्य प्रदेश में SIR ने और दर्द दिया.. झाबुआ जिले के 45 साल के BLO भुवन सिंह चौहान को लापरवाही के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया.. अगले ही दिन वे कोलैप्स हो गए.. और मौत हो गई.. परिवार ने कहा कि वे डिनर भी नहीं खाए, सोए भी नहीं.. SIR के दबाव में थे.. भुवन प्राइमरी स्कूल के असिस्टेंट टीचर थे.. सस्पेंशन का नोटिस मिलने के बाद वे टूट गए.. वहीं अलीराजपुर जिले में भी एक BLO की मौत हुई.. परिवार ने काम के बोझ को जिम्मेदार ठहराया.. MP में दो BLOs की मौतें SIR से जुड़ी बताई जा रही हैं.. न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा कि राज्य में SIR की प्रगति धीमी है.. BLOs पर दबाव बढ़ रहा है..

राजस्थान में SIR सुपरवाइजर संतराम की छाती में दर्द के बाद मौत हो गई.. वे स्कूल लेक्चरर थे और SIR की निगरानी कर रहे थे.. परिवार ने कहा कि काम का दबाव और हालिया नोटिस ने उन्हें डिप्रेशन में डाल दिया.. राजस्थान में दो अधिकारियों की हार्ट अटैक से मौत हुई.. एक को पैरालिसिस हो गया.. फैमिलीज ने SIR प्रेशर को दोषी ठहराया.. रेडिफ ने रिपोर्ट किया कि स्टाफ पर दबाव से हेल्थ क्राइसिस हो रही है.. राज्य भर में प्रोटेस्ट हो रहे हैं..

केरल के कन्नूर में BLO अनीश जॉर्ज ने SIR प्रेशर से सुसाइड कर लिया.. वे पय्यानूर असेंबली सीट के बूथ नंबर 18 के थे.. परिवार ने काम के बोझ को जिम्मेदार बताया.. राज्य में सरकारी एम्प्लॉयी यूनियंस ने प्रोटेस्ट किए.. चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर ने कहा कि प्रक्रिया ट्रैक पर है.. लेकिन प्रोटेस्ट से बाधा आ रही है.. तमिलनाडु में भी दो सुसाइड्स के बाद BLOs ने काम बॉयकॉट किया.. माधयमा ऑनलाइन ने लिखा कि प्रोटेस्ट से SIR प्रभावित हो रही है.. इन राज्यों में डिजिटलाइजेशन सिर्फ 16 फीसदी है..

पश्चिम बंगाल में हाल की घटना सबसे दर्दनाक है.. नादिया जिले की 51 साल की BLO रिंकी तारफदार ने सुसाइड कर लिया.. वे चापरा AC की बूथ 201 की थीं.. सुसाइड नोट में लिखा कि मैं जीना चाहती थी, लेकिन EC ने मुझे तोड़ दिया.. काम असहनीय है.. मैं पैरा-टीचर हूं, कम कमाती हूं.. 95 फीसदी ऑफलाइन काम हो गया.. लेकिन ऑनलाइन नहीं कर पाई.. नोट में बच्चों के लिए संदेश भी था.. जलपाईगुड़ी में भी एक BLO ने फांसी लगाई.. ममता बनर्जी ने कहा कि 28 लोग मर चुके, SIR कब रुकेगा.. TMC ने EC को जिम्मेदार ठहराया.. गवर्नर बोस ने रिव्यू की मांग की..

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, तीन हफ्तों में 16 मौतें सुसाइड, हार्ट अटैक और तनाव से हुई है.. न्यूजक्लिक ने लिखा कि वेस्ट बंगाल, राजस्थान, केरल में सुसाइड ट्रेल चल रहा है.. प्रोटेस्ट हो रहे हैं..  केरल में मार्च, राजस्थान में हड़ताल जारी है.. जिसको लेकर CSR जर्नल ने कहा कि इलेक्शन स्टाफ में हेल्थ क्राइसिस है.. वोटर्स भी परेशान है.. लिस्ट चेक करने के लिए पुरानी स्कैन इमेजेस डाउनलोड करनी पड़ती हैं.. इससे गलतियां बढ़ रही हैं…

 

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