ट्रांसफर पर डिप्टी सीएम की नाराजगी के बाद सियासत तेज
- कांग्रेस एमएलसी ने सीएम योगी को लिखा पत्र
- ट्रांसफर घोटालों की एसआईटी से हो जांच
लखनऊ। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के लेटर बम ने स्वास्थ्य विभाग से लेकर सरकार तक हड़कंप मचा दिया है। वहीं विपक्षी पार्टियां भी अब बृजेश पाठक के पत्र के जरिए योगी सरकार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पीसी कर सरकार पर हमला बोला तो वहीं कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर ट्रांसफर घोटालों की एसआईटी से जांच कराने की मांग कर डाली है। कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने योगी को लिखे पत्र में प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान समय में योगी 2.0 चर्चा बड़े जोरों से चल थी कि प्रदेश की जनता को सरकार के 100 दिन के इस मंथन में कुछ अमृत निकालेगा, लेकिन जिस तरह से 100 दिन के मंथन में प्रदेश सरकार के दर्जनों विभागों के ट्रांसफर घोटालों का विष निकला है, उसे यूपी की जनता हजम नहीं कर पा रही है। दीपक सिंह ने ट्रांसफर घोटाले की जांच की मांग करते हुए पत्र के माध्यम से कहा कि सरकार के स्वास्थ्य, कृषि, मत्स्य, बेसिक शिक्षा आदि विभागों में अधिकारियों-कर्मचारियों के स्थानान्तरण में मंत्रियों-उच्च अधिकारियों के बीच घोटालों और धन उगाही से स्वत: स्पष्ट है। यदि आप सरकार चलाने में न्यायप्रिय हैं तो ट्रांसफर घोटालों की जांच एसआईटी से कराकर स्वेत पत्र जारी कराने का कष्ट करें।
बृजेश पाठक मामले पर अखिलेश का हमला
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की ओर से उठाए गए स्वास्थ्य विभाग के तबादलों पर सवाल को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव भी निशाना साध चुके हैं। उन्होंने लखनऊ स्थित सपा कार्यालय में पीसी करते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री लखनऊ छोड़कर गए और जब वापस आए तो पता लगा कि उनसे बिना पूछे ही ट्रांसफर हो गए। 100 दिन की यही उपलब्धि है, ये वो उपमुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा छापा मारा। जहां-जहां गए कमियां दिखीं, लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं की। अखिलेश ने कहा कि पांच साल 100 दिन की उपलब्धि ये है कि सरकार को कोई पीछे से चला रहा है।
तबादले पर बृजेश पाठक ने उठाए थे सवाल
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के नाम से जारी पत्र में स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादलों पर गंभीर सवाल उठाए गए थे। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को लिखे गए पत्र में आरोप लगाया गया है कि वर्तमान सत्र में जो भी स्थानांतरण किए गए हैं, उनमें स्थानांतरण नीति का पूर्णत: पालन नहीं किया गया है। इसको लेकर उप मुख्यमंत्री ने स्थानांतरण किए जाने का कारण स्पष्ट करते हुए उनका सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। पाठक के इस पत्र के वायरल होने के बाद योगी सरकार के लिए नई मुसीबतें खड़ी हो गई हैं। विपक्षी नेता लगातार प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ पुलिस ढूंढती रही, एंकर रोहित पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। राहुल गांधी के खिलाफ फेक न्यूज चलाने के आरोपी जी-न्यूज के एंकर रोहित रंजन सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उनके वकील सिद्धार्थ लूथरा ने जल्द मामले की सुनवाई के लिए याचिका लगाई है। याचिका स्वीकार भी हो गई है। कल यानी गुरुवार को सुनवाई होनी है। सिद्धार्थ लूथरा ने कहा रोहित को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाद में जमानत पर रिहा किया था। छत्तीसगढ़ की पुलिस अब रोहित को गिरफ्तार करना चाहती है। उधर, सुबह 9 बजे छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस फिर रोहित के फ्लैट पर पहुंची। वहां ताला बंद था। ये फ्लैट गाजियाबाद के इंदिरापुरम में नियो स्कॉटिस सोसाइटी में हैं। फ्लैट पर जाने से पहले गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में छत्तीसग? पुलिस ने अपने आने की सूचना भी दी थी। रोहित की फरारी पंचनामा तैयार किया गया है। उनकी तलाश की जा रही है। मंगलवार को रोहित रंजन की गिरफ्तारी में इंदिरापुरम पुलिस ने अड़चन डाली थी। इसकी शिकायत छत्तीसगढ़ के एसपी ने गाजियाबाद की एसपी क्राइम दीक्षा शर्मा से की है। उन्होंने इंदिरापुरम एसएचओ और उनके साथी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग भी की है।
फेक न्यूज, हेट स्पीच और भड़काऊ भाषण गंभीर मुद्ïदा : मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने टीवी पत्रकार की गिरफ्तारी पर छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश पुलिस के बीच हुए टकराव को लेकर चिंता जाहिर की है। बसपा सुप्रीमो ने कहा प्रदेश में कानून का राज होना जरूरी है। जब कानून का राज होगा तभी प्रदेश विकास कर पाएगा और लोग चैन की सांस ले पाएंगे। बसपा चीफ मायावती ने ट्वीट कर कहा कि फेक न्यूज, हेट स्पीच, भड़काऊ भाषण आदि को लेकर ताबड़तोड़ पुलिस कार्रवाई देश भर में काफी गंभीर रूप धारण कर चुकी है, जिसके तहत यूपी व छत्तीसगढ़ पुलिस के बीच कल एक टीवी पत्रकार की गिरफ्तारी को लेकर हुआ टकराव मीडिया की सुर्खियों में है व जिसकी जबरदस्त चर्चा एवं चिन्ता की लहर भी। मायावती बोलीं इस प्रकार के दु:खद घटनाक्रमों से कानून का राज नष्ट होकर आमजन-जीवन भी प्रभावित होता है, जिसके प्रति सभी सरकारों को तटस्थ व गंभीर होकर कार्य करना चाहिए तभी यहां लोगों को तनाव व हिंसक वातावरण से मुक्ति मिल पाएगी। विकास के लिए अराजकता पर अंकुश व कानून का आयरन राज जरूरी।
नेहरू की तुष्टिकरण की नीति से दुखी थे मुखर्जी : नड्ïडा
नई दिल्ली। भाजपा के राष्टï्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर पंडित दीन दयाल पार्क में वृक्षारोपण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ता देश और दुनिया में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जन्म जयंती मना रहे हैं। हम सभी को मालूम है कि 6 जुलाई, 1901 को महान राष्टï्रभक्त, महान देभक्त, सांस्कृतिक राष्टï्रवाद के उद्योतक और महान शिक्षाविद् स्व. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म हुआ था। जेपी नड्डा ने मुखर्जी को याद करते हुए कहा कि 33 वर्ष की आयु में वे कलकत्ता विवि के कुलपति बन गए थे। नेहरू की तुष्टीकरण की नीति से वे दुखी थे, चिंतित थे इसलिए उन्होंने जनसंघ की स्थापना की। मुखर्जी ने कहा था कि नेहरू जी आप जो जम्मू-कश्मीर में धारा 370 लगा रहे हैं वो देश के लिए घातक है। एक महान विचारक, महान शिक्षाविद् मुखर्जी ने बहुत कम समय में औद्योगिक नीति से भारत को मजबूती प्रदान करने का प्रयास किया। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आगे कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने नारा दिया कि एक देश में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान नहीं चलेंगे। इस बात को लेकर 11 मई को जम्मू-कश्मीर में बिना परमिट के सत्याग्रह किया गया। 11 मई को उनकी गिरफ्तारी हुई और श्रीनगर की जेल में 23 जून की प्रात: उनका रहस्मय तरीके से निधन हुआ। नड्डा ने कहा कि रहस्मय तरीके से हम लोगों ने अपने प्रिय नेता को खो दिया, लेकिन भारतीय जनसंघ और भाजपा ने उनकी यात्रा को सफल बनाने के लिए वर्षों से लगे रहे। मुझे खुशी है कि अदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और अमित शाह की रणनीति ने धारा 370 को जम्मू-कश्मीर से हटा दिया।