कश्मीर तक ट्रेन चलने से पहले सियासत शुरू, सीएम अब्दुल्ला सहित कई नेताओं ने किया ट्रांसशिपमेंट का विरोध

नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उत्तरी रेलवे की उस प्रस्तावित योजना की कड़ी आलोचना की, जिसमें श्रीनगर-जम्मू ट्रेन यात्रियों को कटरा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन बदलने के लिए कहा गया है. उमर ने कहा कि यह योजना रेल लाइन के मुख्य उद्देश्य को विफल कर देगी और इसमें लगाए गए हजारों करोड़ रुपये का निवेश बेकार चला जाएगा.
इसपर उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि हालांकि हम ट्रेन और यात्रियों की सुरक्षा की आवश्यकता को समझते हैं, लेकिन यात्रियों से ट्रेन बदलने की मांग करना इस रेल लाइन के मुख्य उद्देश्य को विफल कर देगा. इससे हजारों करोड़ रुपये के निवेश का कोई मतलब नहीं रह जाएगा. उन्होंने कटरा या जम्मू में सुरक्षा जांच का समर्थन किया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि रेलवे को इस योजना पर कोई ठोस प्रस्ताव प्रस्तुत करना चाहिए.
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, कटरा रेलवे स्टेशन पर सभी यात्रियों और उनके सामान की दोबारा जांच के लिए यह कदम उठाने की बात कही गई है. रेलवे ने प्रस्तावित किया है कि श्रीनगर-जम्मू ट्रेनें कटरा पर रुकेंगी, जहां यात्रियों को प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर दूसरी ट्रेन में सवार होना होगा. इस योजना को लेकर व्यापारियों और विपक्षी दलों ने भी कड़ा विरोध जताया है.
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने इस योजना को लेकर उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए इसे ट्रेन की मनोवैज्ञानिक प्रासंगिकता को समाप्त करने वाला बताया. लोन ने कहा कि कटरा पर ट्रेन बदलने की कोई भी व्यवस्था श्रीनगर और जम्मू के बीच सीधी रेल सेवा की उपयोगिता को खत्म कर देगी. सुरक्षा के नाम पर ऐसा कदम उठाना उचित नहीं है. उन्होंने सवाल किया कि कटरा में ऐसी कौन-सी सुरक्षा व्यवस्था होगी, जो श्रीनगर में नहीं की जा सकती.
इस विवाद के बीच, उमर अब्दुल्ला ने दोहराया कि जब तक रेलवे कोई ठोस प्रस्ताव नहीं लाता, वह इस योजना का समर्थन नहीं करेंगे. इस मुद्दे पर विपक्ष और व्यापारियों का कहना है कि यह योजना न केवल यात्रियों के लिए असुविधा पैदा करेगी, बल्कि इससे जम्मू और कश्मीर के बीच सीधा रेल संपर्क बाधित होगा, जो राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए जरूरी है

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