प्रदूषण फेफड़ों के लिए है खतरनाक

  • इन योगासनों से मिलेगी राहत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
हर साल दिवाली के बाद देश के कई शहरों में एक्यूआई स्तर सामान्य से बहुत खराब हो जाता है। आसमान में जलते पटाखों के कारण प्रदूषण का स्तर अचानक खतरनाक होने के चलते कई राज्यों व शहरों में पटाखे प्रतिबंधित होते हैं। देश की राजधानी दिल्ली में दिवाली से पहले ही प्रदूषण अत्यंत गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है। कई जगहों पर ्रक्तढ्ढ 500 पार कर गया है। जहरीली हवा के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधित परेशानी हो रही है। प्रदूषण के कारण सांस संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। इससे पहले से बीमार लोगों के साथ ही स्वस्थ लोगों की सेहत पर भी गंभीर असर हो सकता है। प्रदूषण का असर फेफड़ों पर भी होता है। फेफड़े शरीर के सभी अंगों में ऑक्सीजन के संचार को सुचारू बनाए रखने का काम करते हैं। फेफड़ों में होने वाली किसी भी तरह की समस्या जानलेवा हो सकती है। सभी को फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रखने के उपाय करते रहना चाहिए। योग और व्यायाम वायु मार्ग से बलगम को साफ करने में मदद करने के साथ फेफड़ों को मजबूत बनाए रखने में सहायक माने जाते हैं।

क्या है प्रदूषण

प्रदूषण का अर्थ है वातावरण का दूशित होना या फिर खराब होना। आज सारे संसार मे प्रदूशण की चर्चा है। वायू प्रदूषण कूडे कचरे तथा धुएं के कारण होता है। कूडे कचरे के सडऩे से दुर्गंध पैदा होती है। यह दुर्गंध हवा को दूशित करती है। इसी तरह कल कारखानों, मोटर गाडियो, स्कूटरों आदि से जहरीला धुआं निकलता है और वायूमंडल में घुलमिल जाता है। इस तरह वायुप्रदूशण होता है। इससे आंख नाक में खुजली, गले की घुटन तथा सास की बीमारियां होती है। भारी तूफान से हवा में धूल के कणों की मात्रा बढ़ जाती है। उल्कापिंड दहन का कारण बनते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ाते हैं। ज्वालामुखी वातावरण में अमोनिया और सल्फर वाष्प की मात्रा को बढ़ाते हैं और वायु को प्रदूषित करते हैं। इस सब में प्राकृतिक प्रदूषण शामिल है। मानव प्रदूषण में वायु प्रदूषण के कारण होने वाली क्रियाएं शामिल हैं। मानव निर्मित प्रदूषकों में वे कारखाने शामिल हैं जो लगातार धुएं का उत्सर्जन करते हैं, जो वाहन हानिकारक गैसों, हवाई जहाज, कीटनाशक स्प्रे, कीटनाशकों, परमाणु बमों जैसे वैज्ञानिक प्रयोगों आदि का उत्सर्जन करते हैं।

भुजंगासन

भुजंगासन को कोबरा पोज कहा जाता है। इस योग का अभ्यास फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रखने और फेफड़ों को फैलाने में सबसे मददगार माना जाता है। वायुमार्ग को साफ करने के साथ फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए भुजंगासन योग का नियमित अभ्यास कर सकते हैं। मन को शांत करने और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी भुजंगासन फायदेमंद है। सबसे पहले, अपने पेट पर झूठ बोलें, और अपने पैरों को सीधा करें। एक दूसरे को छूते समय पैर की उंगलियों को बाहर की ओर रखना चाहिए। इसके बाद, अपनी हथेलियों को छाती के दोनों ओर रखें। आपके हाथ शरीर के करीब होने चाहिए और कोहनी को बाहर की ओर रखना चाहिए।

सुखासन योग

इस योग के अभ्यास से रक्त प्रभाव प्रोत्साहित होता है और फेफड़ों के कार्य को बढ़ावा मिलता है। सुखासन योग फेफड़ों की सेहत के लिए बेहतरीन अभ्यास माना जाता है। फेफड़ों की मांसपेशियो को मजबूत बनाने और वायुमार्ग को साफ रखने के लिए नियमित सुखासन का अभ्यास करें। सुखासन करने के लिए भूमि पर दरी या मैट बिछाकर बैठ जाएं। अब दोनों पैर सामने और सीधे रखें। फिर एक पैर की एड़ी अपने दूसरे पैर की जंघा के नीचे लें आयें और यही क्रम दूसरे पैर के साथ करें। अब आप अपनी पीठ और मेरूदंड को सीधा करें। ध्यान रहे कि अधिक झुक कर न बैठें। कंधों को थोड़ा ढ़ीला छोड़ें, अब गहरी सांस अन्दर की ओर ले फिर धीरे धीरे सांस को छोड़ें। हथेलियों को एक के ऊपर एक अपनी पालथी पर रखें।

धनुरासन योग

धनुरासन को बो पोज कहते हैं। फेफड़ों की सफाई के लिए धनुरासन सबसे अच्छे योगों में से एक है। इस आसन को कभी भी किया जा सकता है। फेफड़ों को मजबूत बनाने के साथ श्वसन समस्याओ को दूर करने के लिए भी धनुरासन योग का नियमित अभ्यास मदद करता है।

Related Articles

Back to top button