उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारी तेज, आज से शुरू हुआ ग्राम पंचायतों का परिसीमन

यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी अब तेज़ हो चुकी है। शनिवार से राज्य भर में ग्राम पंचायतों के परिसीमन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले पंचायत चुनावों से पहले ये एक अहम कदम माना जा रहा है। परिसीमन की इस प्रक्रिया के तहत 28 जून से 30 जून तक ग्राम पंचायतों की जनसंख्या का निर्धारण किया जाएगा। इसके बाद 1 जुलाई से 3 जुलाई के बीच वार्डों की प्रस्तावित सूची का प्रकाशन होगा, जिस पर 4 जुलाई से 8 जुलाई तक आम जनता से आपत्तियां मांगी जाएंगी। ये आपत्तियां निस्तारित होने के बाद 12 से 14 जुलाई के बीच अंतिम सूची प्रकाशित कर दी जाएगी। सभी ज़िलाधिकारियों को 16 जुलाई तक यह अंतिम सूची पंचायतीराज निदेशालय को भेजनी होगी।
नगर निकायों के विस्तार का भी होगा असर
बीते कुछ वर्षों में कई नगर पंचायतों, नगर पालिकाओं और नगर निगमों का सृजन या विस्तार किया गया है। इसके चलते कुछ ग्राम पंचायतों की आबादी 1000 से नीचे चली गई है, जिससे उनका पुनर्गठन ज़रूरी हो गया है। ऐसे में इन पंचायतों को या तो नजदीकी ग्राम पंचायतों में विलय किया जाएगा या फिर नए परिसीमन के तहत उनका पुनर्गठन किया जाएगा।
शासन ने जारी किया विस्तृत कार्यक्रम
राज्य सरकार ने एक विस्तृत कार्यक्रम तय करते हुए साफ किया है कि इस कार्य में किसी तरह की देरी न हो। 2026 में प्रस्तावित पंचायत चुनावों को देखते हुए यह कहा गया है कि सभी जिलाधिकारी तय समयसीमा का कड़ाई से पालन करें।
किन पंचायतों पर पड़ेगा असर?
जिन ग्राम पंचायतों की आबादी नगर निकायों के गठन या विस्तार के चलते घटकर 1000 से कम हो गई है।
जिन पंचायतों के कुछ हिस्से अब नगरीय सीमा में शामिल हो चुके हैं।
जिन ग्राम पंचायतों का कोई हिस्सा नगरीय क्षेत्र में चला गया है, लेकिन बाकी हिस्सा पंचायत के मानकों को पूरा करता है उन्हें अलग पंचायत के रूप में मान्यता दी जा सकती है।
यदि कोई एकल राजस्व ग्राम वाली पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित हुई है, लेकिन उसकी जनसंख्या 1000 से ऊपर बनी हुई है, तो वह यथावत बनी रहेगी।
क्या कहता है पंचायत राज अधिनियम?
उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम के अनुसार, राज्य सरकार 1000 या उससे अधिक जनसंख्या वाले ग्राम या ग्रामों के समूह को पंचायत क्षेत्र घोषित कर सकती है। अगर कोई राजस्व ग्राम शहरी निकाय में चला गया है और शेष ग्राम पंचायत बनाने की पात्रता नहीं रखता, तो उसे नजदीकी ग्राम पंचायत में शामिल किया जाएगा।

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