शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार को घेरने की तैयारी
4 दिसंबर से शुरू होगा संसद का सत्र, 22 दिसंबर तक चलेगा सदन, 19 दिनों में 15 बैठकें होंगी

विपक्ष मांगेगा महंगाई बेरोजगारी पर जवाब
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र अगले सप्ताह सोमवार से शुरू हो रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि यह बीजेपी की मोदी सरकार का अंतिम सत्र है। अगले साल अप्रैल या मई में चुनाव हो सकते हैं। उधर 4 दिसंबर से शुरू हो रहे सत्र के लिए विपक्ष व सत्ता पक्ष ने कमर कस लिया है। इसबार कांग्रेस व इंडिया गठबंधन के अन्य सदस्य दल मोदी सरकार को पूरी तरह ये घेरने के मूड में है।
चूकि अगला वर्ष चुनावी साल है इसलिए सभी दल शीतकालीन सत्र के दौरान जनता ने जुड़े मुद्दों को ज्यादा-ज्यादा से उठाने की रणनीति बना रहे हैं। विपक्ष ने कहा है कि बेरोजगारी, महंगाई, जातिगत जनगणना जैसे मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेगे।

18 विधेयकों को किया सूचीबद्ध
वहीं सरकार की ओर से सत्र के दौरान 18 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, जिनमें जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में महिला आरक्षण अधिनियम के प्रावधानों को बढ़ाने के लिए दो और आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए तीन विधेयक शामिल हैं। सत्र 4 दिसंबर को शुरू होगा और 22 दिसंबर को समाप्त होगा। लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, सरकार कश्मीरी प्रवासियों, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के विस्थापितों और अनुसूचित जनजातियों को प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सदस्यों की संख्या 107 से बढ़ाकर 114 करने के लिए एक विधेयक लाने की भी योजना बना रही है। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 जम्मू और कश्मीर विधानसभा में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रावधान करता है। इसके अतिरिक्त, पुडुचेरी विधानसभा में महिलाओं के लिए समान आरक्षण प्रावधानों का प्रस्ताव करते हुए केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया जाएगा। सत्र के लिए विधायी दस्तावेज में सात नए विधेयक शामिल हैं, जिनमें दो महिला कोटा विधेयक भी शामिल हैं, जिन्हें पेश किया जाना है। सरकार के एजेंडे में 33 लंबित विधेयकों के बैकलॉग को संबोधित करना भी शामिल है, जिनमें से 12 विचार और पारित होने के लिए सूचीबद्ध हैं।
राज्यसभा सांसदों के लिए नए निर्देश जारी
अगले सप्ताह शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के लिए राज्यसभा सांसदों के लिए निर्देश जारी किया गया है। निर्देश में कहा गया है कि राज्यसभा में उठाए जाने वाले विषयों की पब्लिसिटी नहीं होनी चाहिए। साथ जब तक सभापति नोटिस स्वीकृत न कर लें और इसकी जानकारी अन्य सांसदों को न दे दें, तब तक नोटिस सार्वजनिक नहीं होने चाहिए। संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सांसदों को जारी निर्देशों में संसदीय परंपराओं और तौर-तरीकों का हवाला दिया गया। कहा गया कि अभी तक सांसद, खासतौर से विपक्ष के सांसद राज्यसभा में किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाने का नोटिस सार्वजनिक करते आए हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं करना है। साथ ही सदन में थैंक्स, थैंक्यू, जय हिन्द, वंदे मातरम जैसे नारे न लगाए जाएं। सभापति की ओर से दी गई व्यवस्था की सदन के भीतर या बाहर आलोचना नहीं होनी चाहिए। वहीं, जब सभापति बोल रहे हों तब कोई भी सदस्य सदन न छोड़े, सभापति के बोलते समय सदन में शांति होनी चाहिए. सदन में एक साथ दो सदस्य खड़े नहीं हो सकते।
’चुनाव आते ही अदालतें बन जाती हैं राजनीतिक मुकदमेबाजी का केंद्र‘
सीजेआई बोले- धोखाधड़ी के मामलों की संख्या बढऩे लगती है
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि चुनाव नजदीक आने के साथ ही उच्चतम न्यायालय में ‘धोखाधड़ी के मामलों की संख्या बढऩे लग जाती है और यह अदालत राजनीतिक मुकदमेबाजी का केंद्र बन जाती है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा शीर्ष अदालत में आयोजित ‘संविधान दिवस समारोह में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, कि हम सभी का सह-अस्तित्व है और भारतीय संविधान हमें बताता है कि या तो हम जीवित रहेंगे या एक साथ नष्ट हो जाएंगे।
उन्होंने कहा लेकिन सबसे हटकर, मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि संविधान का जश्न मनाने के दिन हम न्याय के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करना सीखें। न्याय के लिए हमारा कर्तव्य व्यक्तिगत मामलों में सफलता या विफलता से कहीं अधिक है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि कल ही, मुझे धोखाधड़ी के एक मामले से निपटना पड़ा। शीर्ष अदालत हर दिन धोखाधड़ी के मामलों से निपटती है, कुछ अदालतों में धोखाधड़ी के मामलों की संख्या अधिक होती है और जब-जब चुनाव आते हैं, इस अदालत में धोखाधड़ी के मामलों की संख्या बढऩे लग जाती है तथा हम न्यायाधीशों के रूप में इसे महसूस करते हैं। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि चुनाव खत्म होने के बाद चीजें शांत हो जाती हैं और ‘जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते हैं, अदालत राजनीतिक मुकदमेबाजी का केंद्र बन जाती है। यह हमारे समाज की सच्चाई है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने उपस्थित लोगों को कुछ देर हिंदी में भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता और संविधान का अटूट संबंध है।
सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के विधायक, पार्षदों के आवासों पर मारे छापे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल भर्ती घोटाले में संलिप्तता के आरोप में एक विधायक और दो पार्षदों सहित तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं के आवासों पर एक साथ छापेमारी की। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने मुर्शिदाबाद जिले के डोमकल के विधायक जफीकुल इस्लाम और कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के पार्षद बप्पादित्य दासगुप्ता और बिधाननगर नगर निगम के पार्षद देबराज चक्रवर्ती के आवास पर छापा मारा। अधिकारी ने कहा यह छापेमारी शिक्षक भर्ती घोटाले की हमारी जांच के तहत की जा रही है।
शिक्षक अभ्यर्थियों ने राहुल गांधी से लगाई मदद की गुहार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सरकारी अनदेखी से आहत शिक्षक अभ्यर्थियों ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गंाधी से मदद की गुहार लगाई है। इसके लिए उन लोगों ने सांसद के नाम पत्र लिखा है।
अपने पत्र में राहुल गांधी को संबोधित करते हुए अभ्यर्थियों ने लिखा है कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण की विसंगति के कारण आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं हो सकी थी और अपनी इसी मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने करीब 1 साल तक आंदोलन किया था। जिसका संज्ञान लेकर यूपी के मुख्यमंत्री ने अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल को अपने आवास पर बुलाया और उनकी समस्याएं सुनकर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को उनकी समस्याओं के निस्तारण करते हुए उन्हें तत्काल नियुक्ति पत्र देने का आदेश दिया था।
आठवां वेतन आयोग गठित करने की कोई योजना नहीं
नई पेंशन योजना की समीक्षा पर फोकस
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की अगले साल होने वाले आम चुनाव 2024 से पहले लगभग 48.67 लाख केंद्रीय कर्मचारियों तथा 67.95 लाख पेंशनभोगियों के लिए आठवां वेतन आयोग गठित करने की कोई योजना नहीं है।
दरअसल, अतीत में आम चुनाव से पहले केंद्र सरकारें अपने कर्मियों, सशस्त्रबल कर्मियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को लुभाने के लिए वेतन आयोगों के गठन या उनकी सिफ़ारिशों को लागू करने को असरदार औह्लार की तरह इस्तेमाल करती रही हैं. वर्ष 2013 के सितंबर माह में, कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव तथा आम चुनाव 2014 से कुछ ही माह पहले, कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने 7वां वेतन आयोग गठित किया था। बहरहाल, भारतीय जनता पार्टी ने ऐसे किसी भी कदम से परहेज़ किया है, और उसके स्थान पर नई पेंशन योजना की समीक्षा पर फोकस किया है, जो राज्यों और केंद्र सरकार के नए कर्मचारियों के लिए विवाद का विषय बन चुकी है। वर्तमान पेंशन योजना के अंतर्गत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 फीसदी योगदान दिया करते हैं, जबकि सरकार उसी खाते में कर्मचारी के मूल वेतन का 14 फ़ीसदी जमा किया करती है।
शीत कालीन सत्र अंतिम दिन विधानसभा पहुंचे माननीय
लखनऊ। विधानसभा सत्र के अािखरी दिन सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने जाते प्रदेश सरकार में मंत्री सतीश शर्मा, सपा के शिवपाल सिंह यादव, संग्राम यादव,रागिनी सोनकर व निषाद पार्टी के संजय निषाद, राज प्रसाद उपाध्याय, सुभाषपा के ओपी राजभर व अन्य।
शामिल
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय पर विभिन्न दलों से आए कार्यकर्ताओं जिला अध्यक्ष को भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता ग्रहण कराते प्रदेश अध्यक्ष चौ. भूपेंद्र सिंह व उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक।



