प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस को दिखाई हरी झंडी, बोले- भविष्य युद्ध में नहीं बल्कि बुद्ध में है
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को प्रवासी भारतीयों के लिए विशेष पर्यटक ट्रेन ‘प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस’ को हरी झंडी दिखाई। दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से ट्रेन ने सफर शुरू किया। यह ट्रेन प्रवासी भारतीयों को तीन सप्ताह तक देशभर के कई पर्यटक और धार्मिक स्थलों की यात्रा कराएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन से ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इस सम्मेलन में 70 देशों से 3000 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। पीएम मोदी ने इस मौके पर प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भविष्य युद्ध में नहीं बल्कि बुद्ध में है।
सम्मेलन में आए सभी प्रवासी भारतीयों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वागत किया। इसके साथ ही भगवान जगन्नाथ और भगवान लिंगराज की धरती पर सभी का अभिनंदन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में जल्द ही मकर संक्रांति, पोंगल, लोहड़ी और माघ बिहू जैसे त्योहार आने वाले हैं। यह समय त्यौहारों का है, और प्रवासी भारतीयों के साथ यह खुशी और भी बढ़ जाती है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय प्रवासी भारत के राष्ट्रदूत हैं। उन्होंने कहा कि जब वे आप सबसे बात करते हैं, तो जो प्यार और सम्मान मिलता है, वह भूलने लायक नहीं है। उन्होंने सभी का धन्यवाद किया और कहा कि आप लोगों की वजह से उन्हें गर्व से दुनिया में सिर ऊंचा रखने का मौका मिलता है। पिछले दस सालों में उन्होंने कई वैश्विक नेताओं से मुलाकात की है, जो भारतीय डाइसपोरा की प्रशंसा करते हैं। इसका बड़ा कारण भारतीयों की सामाजिक मूल्य और संस्कृति है, जिसे आप अपने देश के बाहर भी निभाते हैं।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत को सुनती है, जो न केवल अपने विचार रखता है बल्कि ‘ग्लोबल साउथ’ के विचार भी पेश करता है।
‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। मोदी ने कहा अपनी विरासत की ताकत के कारण ही भारत दुनिया को यह बताने में सक्षम है कि भविष्य ‘युद्ध’ में नहीं, बल्कि ‘बुद्ध’ (शांति) में निहित है। उन्होंने कहा हम संकट की स्थिति में अपने प्रवासी समुदाय की मदद करना अपनी जिम्मेदारी समझते हैं, चाहे वे कहीं भी हों।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1947 में भारत की आजादी में प्रवासी भारतीयों ने अहम भूमिका निभाई थी और अब 2047 तक देश को विकसित बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने इस लक्ष्य में प्रवासी भारतीय समुदाय से मदद का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत न केवल युवा देश है बल्कि कुशल युवाओं का देश भी है।
मोदी ने दुनिया भर में कुशल कामगारों की मांग का जिक्र करते हुए कहा सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि जब भी भारतीय युवा विदेश जाएं, तो वे अपने साथ कौशल लेकर जाएं।
उन्होंने भारत में आयोजित सफल जी-20 सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया को देश की विविधता का प्रत्यक्ष अनुभव कराने के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों में जी-20 बैठकें आयोजित की गईं। उन्होंने कहा हमें विविधता सीखने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारा जीवन विविधता से भरा है।
प्रधानमंत्री ने भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना करते हुए कहा मैंने हमेशा प्रवासी समुदाय को भारत का राजदूत माना है। उन्होंने कहा कि भारत अब ‘विश्व बंधु’ के रूप में जाना जाता है, इसे और मजबूत करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ‘18वें प्रवासी भारतीय दिवस-2025’ का उद्घाटन करने के लिए बृहस्पतिवार को यहां जनता मैदान पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान वह चार प्रदर्शनियों का उद्घाटन भी करेंगे। इसके बाद वह केंद्र तथा राज्य के मंत्रालयों व विभागों की प्रदर्शनियों और प्रचार स्टॉल का अवलोकन करेंगे।
प्रवासी भारतीय दिवस का 18वां संस्करण आठ जनवरी से 10 जनवरी तक विदेश मंत्रालय और ओडिशा सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन का विषय ‘विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान’ है।
सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन करने के अलावा, प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस को रिमोट के माध्यम से हरी झंडी दिखाई। दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से रवाना होने वाली यह सेवा भारतीय प्रवासियों के लिए एक विशेष पर्यटक ट्रेन है जो तीन सप्ताह तक उन्हें भारत के कई पर्यटन और धार्मिक स्थलों का सफर कराएगी।