‘वादा फास्र्ट ट्रैक का और चार्जशीट में लगाए 177 दिन,’ न्याय के इंतजार में बैठा कन्हैया का बेटा

नई दिल्ली। उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड में एनआईए ने 177 दिन बाद कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है. इस देरी को लेकर कन्हैयालाल के बेटे यश तेली ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है. कहा कि सरकार ने वादा किया था कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक में होगी, लेकिन चार्जशीट पेश करने में ही इतनी देरी हो गई. यश तेली ने कहा कि अभी भी स्थिति बिगड़ी नहीं है. सरकार चाहे तो इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई पूरी कराते हुए आरोपियों को सजा दिलाई जा सकती है. चूंकि मामले में पाकिस्तान कनेक्शन की बात सामने आ चुकी है. इसलिए इसमें थोड़ी भी देरी राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करेगी.
उदयपुर की कोर्ट में एनआईए द्वारा चार्जशीट पेश किए जाने के बाद मृतक कन्हैयालाल के बेटे यश तेली ने बयान दिया है. उन्होंने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार ने मामले की त्वरित सुनवाई का वादा किया था. कहा था कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई कराते हुए 3 से 4 महीने में दोषियों को सजा दिलाया जाएगा. लेकिन छह महीने तो चार्जशीट में ही गुजर चुके हैं. अब मामले का ट्रॉयल होगा. इसमें भी कुछ समय लगेगा. यश तेली ने कहा कि पहले पुलिस और फिर बाद में एनआईए ने मामले की जांच में देरी की.
यश तेली ने कहा कि कायदे से यह मामला देश के लिए एक मिशाल बनना चाहिए था. लेकिन अन्य मामलों की तरह से ही इसमें हुई देरी की वजह से बेहतर संदेश नहीं गया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में न्यूनतम समय में सजा कर ऐलान कर यह दिखाना चाहिए था कि इस तरह की हरकत करने वालों का क्या अंजाम होता है. हालांकि उन्होंने कहा कि अब भी कुछ बिगड़ा नहीं है. चार्जशीट अदालत में पहुंच चुकी है. अब फास्ट ट्रैक में ट्रॉयल कर इसमें जल्द से जल्द फैसला कराना चाहिए.
यश तेली ने कहा कि उनके पिता की हत्या में पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आ चुका है. इसी के साथ स्पष्ट हो चुका है कि वारदात के तार अंतराष्ट्रीय आतंकवाद से जुड़े हैं. आतंकवादी संगठन यहां आतंकी गतिविधियों के संचालन के लिए फंडिंग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें अब भी देश की न्याय व्यवस्था से पिता के लिए न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है. उन्होंने कहा कि वह इस घटना के बाद से ही जूता नहीं पहनते हैं. अब न्याय मिलने के बाद ही वह जूता पहनेंगे.
एनआईए ने गुरुवार को कन्हैया लाल मर्डर केस में दाखिल चार्जशीट में 11 लोगों को आरोपी बनाया है. इनमें दो पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल हैं. करीब 6 महीने पहले 28 जून को आरोपियों ने कन्हैयालाल की दुकान में घुसकर उनकी हत्या को अंजाम दिया था. उस समय हमलावरों ने दावा किया कि इस्लाम के कथित अपमान का बदला लेने के लिए उन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया है. मामले में पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आने के बाद एनआईए ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली. एनआईए के प्रवक्ता के मुताबिक आरोपियों ने वारदात के बाद इसके इसके वीडियो का प्रसार देश भर में जनता के बीच दहशत और आतंक पैदा करने के लिए किया था.
एनआईए के प्रवक्ता के मुताबिक जांच से पता चला है कि आतंकवादी गिरोह-मॉड्यूल के रूप में काम कर रहे आरोपियों ने बदला लेने के लिए दिन दहाड़े इस वारदात को अंजाम दिया था. वहीं इसका संदेश देश भर के लोगों को देने के लिए आरोपियों ने वारदात का वीडियो भी बनाया था. आरोप पत्र में एनआईए ने बताया कि आरोपियों में मोहम्मद रियाज अटारी, गौस मोहम्मद, मोहसिन खान, आसिफ हुसैन, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली, फरहाद मोहम्मद शेख, मोहम्मद जावेद, मुस्लिम खान उर्फ मुस्लिम रजा और पाकिस्तानी नागरिक सलमान और अबू इब्राहिम शामिल हैं. दोनों पाकिस्तानी नागरिक कराची के रहने वाले हैं.

 

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