बिहार में प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में लगाई आग पुलिस को लाठी-डंडों से पीटा
बक्सर में उग्र हुआ प्रदर्शन, पुलिस पर भी ग्रामीणों को घरों में घुसकर पीटने का आरोप
85 दिनों से भूमि अधिग्रहण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं ग्रामीण
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार के बक्सर जिले में थर्मल पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण के विरोध में किसानों का प्रदर्शन उग्र हो गया। ग्रामीण आज सुबह लाठी-डंडे लेकर पुलिस और पावर प्लांट पर टूट पड़े। पुलिस की गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ कर उनमें आग लगा दी। प्लांट के गेट पर भी आगजनी की गई। पुलिस ने हवाई फायरिंग करके भीड़ को खदेडऩे की कोशिश की। दोनों तरफ से बीच-बीच में पत्थरबाजी भी हो रही है। चार पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। ग्रामीण हटने के लिए तैयार नहीं हैं। भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
गौरतलब है कि किसान 85 दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने बीते मंगलवार को प्लांट के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया और धरने पर बैठ गए। उस समय पुलिस ने कुछ नहीं किया, लेकिन आरोप है कि रात को पुलिस ने उनके घरों में घुसकर मारपीट की। चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। वहां मौजूद एक शख्स ने घटना का वीडियो बना लिया। पुलिस की ज्यादती के विरोध में आज सुबह लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर प्लांट पर पहुंच गए और हमला कर दिया। बक्सर के मुफस्सिल थाने के चौसा में बनारपुर गांव के पास थर्मल पावर प्लांट लग रहा है। किसानों की जमीन अधिग्रहण की जा रही है, इसका विरोध ग्रामीण कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने मारपीट के दौरान महिलाओं और बच्चों को भी नहीं छोड़ा।
सडक़ पर खड़े लोगों को डंपर ने रौंदा, तीन की मौत, दो गंभीर
रायबरेली में चाय गुमटी के पास भीषण हादसा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में आज तडक़े की सुबह बड़ा सडक़ हादसा हुआ। हादसे में तीन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। जबकि कई लोग घायल हुए हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। साथ ही घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के अनुसार, रायबरेली के गुरबक्श गंज थाना इलाके में बुधवार सुबह घने कोहरे की वजह से बेकाबू डंपर खगियाखेड़ा गांव के पास बैठे लोगों को रौंदते हुए नहर में गिर गया। दर्दनाक हादसे में तीन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। अब तक तीन लोगों के शव मिल गए हैं। बाकी की तलाश की जा रही है। शुरुआती जानकारी में बताया जा रहा है यह लोग गुमटी के पास बैठकर चाय पी रहे थे। इसी दौरान बांदा-बहराइच राजमार्ग पर बछरावां से लालगंज की तरफ जा रहे डंपर ने लोगों को रौंद दिया। इसके बाद पुलिया को तोड़ते हुए नहर में पहुंच गया। मृतकों में सभी लोग खगियाखेड़ा गांव के रहने वाले हैं। हादसे के बाद मौके पर भीड़ लग गई। मृतकों में ललई (65) पुत्र बद्री, लल्लू (50) पुत्र सत्यनारायण, रविंद्र (35) पुत्र छेदीलाल शामिल हैं। इसके अलावा अशोक बाजपेई, रामप्रकाश, दीपेंद्र और संतोष गंभीर रूप से घायल हैं। इनको सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जदुआ टप्पा में भर्ती कराया गया, यहां से घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया है।
किसानों के हत्यारे आशीष को राहत नहीं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचल कर मारने के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर आज भी कोई फैसला नहीं हो पाया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई को 20 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है।
आशीष मिश्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की है, जिसमें कोर्ट ने मिश्रा को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश लखीमपुर खीरी की रिपोर्ट को भी पढ़ा, जो कहती है कि इस मुकदमे को पूरा होने में पांच साल का समय लगेगा, क्योंकि मामले में 208 गवाह हैं। दरअसल, शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई में निचली अदालत से जानकारी मांगी थी।
दिन निकलते ही हरियाणा में बाप और बेटी का कत्ल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
रोहतक। हरियाणा के रोहतक शहर से सटे बोहर गांव में बुधवार सुबह छह बजे के करीब अज्ञात हमलावरों ने 50 वर्षीय सुरेंद्र व उसकी 13 साल की बेटी निकिता की गोली मारकर हत्या कर दी। बुजुर्ग महिला बाल-बाल बच गई। सुरेंद्र का पिता पत्नी से तलाक का केस चल रहा है। पुलिस पारिवारिक विवाद के साथ-साथ पुरानी रंजिश से जोडक़र वारदात की जांच पड़ताल कर रही है।
पुलिस के मुताबिक सुरेंद्र परिवार सहित रह रहा था। साथ ही खेतीबाड़ी का कार्य करता था। बताया जा रहा है कि सुबह छह बजे वह उठकर भैंस को चारा डाल रहा था, ताकि थोड़ी देर बाद दूध निकाल सके। इसी बीच किसी ने उसे घर के अंदर घुसकर तीन गोली मार दी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जबकि उसकी बेटी निकिता कमरे के अंदर बेड पर सो रही थी। उसको भी गोली मार दी गई। घर में मौजूद निकिता की दादी बुजुर्ग है, उसे कम सुनाई देता है। वह कुछ सुन नहीं सकी। गोलियों का शोर सुनकर पड़ोस के लोग पहुंचे। हमलावर मौके से फरार हो चुके थे।
सूचना पाकर अर्बन एस्टेट थाने से पुलिस व एफएसएल एक्सपर्ट डॉक्टर सरोज दहिया मौके पर पहुंची। शवों को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल की। वारदात की गहराई से पड़ताल कर रहे हैं। वारदात के पीछे पुरानी रंजिश या पारिवारिक विवाद भी हो सकता है। क्योंकि सुरेंद्र का पत्नी से तलाक का केस चल रहा है। अभी स्पष्ट तौर पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
बिजली के दाम बढऩे पर आमजन को लगेगा झटका: अखिलेश यादव
किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा भी नहीं हुआ पूरा
सपा सुप्रीमो ने कहा महंगाई बढऩे से लोग होंगे परेशान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बिजली के दाम बढ़ाने के प्रस्ताव को पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कड़ी आलोचना की है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार के बिजली दरों में 23 फीसदी बढ़ोतरी के प्रस्ताव को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि यह उन लोगों के लिए भाजपा का झटका है, जो पहले से ही महंगाई से जूझ रहे हैं। इस कदम से लोगों की मुश्किलें और बढ़ेंगी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि बिजली दरों में बढ़ोतरी से घरेलू उपभोक्ताओं को सबसे ज्यादा परेशानी होगी। इस वृद्धि के बाद आम लोगों पर बिजली बिल में 23 प्रतिशत का अतिरिक्त भार बढ़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि यह बढ़ोतरी कीमतों में इजाफा करने की भाजपा की कोशिश लगती है।
अखिलेश यादव ने आगे कहा, कि राज्य में बिजली की दरों में बढ़ोतरी आम आदमी, किसानों, व्यापारियों पर भारी पड़ेगी और बढ़ती कीमतों में इजाफा करेगी। नतीजतन, गरीब, निम्न मध्यम और मध्यम वर्ग को इस कदम का सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा किया था, लेकिन यह वादा कई अन्य लोगों की तरह एक जुमला (बयान) बनकर रह गया है, जो भाजपा ने चुनाव से पहले किया था। लोग पहले से ही खाद्य उत्पादों, खाना पकाने के तेल, ईधन, दालों और खाद्यान्नों की बढ़ती कीमतों के भुगतान से तंग आ चुके हैं। शिक्षा की बढ़ती लागत पहले से ही एक अतिरिक्त दबाव था।