…और तीखे होंगे वरुण के तेवर
समय-समय पर करते रहे हैं केंद्र की आलोचना
- कांग्रेस या सपा में जाने की लग रही है अटकलें
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के पहुंचने पर जहां उसके साथ भीड़ उमड़ रही है वहीं उनके चचेरे भाई वरुण गांधी ने भी उनकी यात्रा का दबी जुबान से स्वागत किया है। बीजेपी सांसद ने अपने बयान में कहा था कि इस देश को जोडऩे की राजनीतिक होनी चाहिए, तोडऩे की नहीं, भाई को भाई से टकराने की राजनीति नहीं होनी चाहिए, लोगों को हिंदू मुसलमान की राजनीति नहीं चाहिए, बेरोजगारी पर बात होनी चाहिए, भूखमरी पर बात होनी चाहिए, इसके अलावा बेरोजगारी पर बात होनी चाहिए। उनकी इन बातों को राजनीतिक पंडित कांग्रेस के प्रति उनकी नरमी मान रहे हैं।
विश्लेषकों का मानता है कि 2024 के लोक सभा चुनााव के नजदीक आने तक वरुण अपनी ही सरकार के खिलाफ और मुखर हो सकते हैं। उनके इसी विद्रोही तेवर के चलते लोग तो यहां तक चर्चा करने लगे हैं कि वरुण अपने भाई-बहन क ा साथ दे सकते हैं अर्थात कांग्रेस में आ सकते हैं। पर वरुण ने अभी ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है।
वैसे ये तो रानीतिक हलको में वरुण की साफगोई चर्चा का विषय रहती है। वह जब भी मौका मिलता है अपनी सरकार की गलत नीतियों पर टिप्पणी जरूर करते हैं। गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश में पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी के पार्टी के खिलाफ बयानबाजी जारी है, हालांकि भारत जोड़ो यात्रा के यूपी पहुंचने से पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उनपर बयान दिया। जिसके बाद बीजेपी सांसद के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें चली, लेकिन इस बीच वरुण गांधी कभी भी समाजवादी पार्टी में जाने के कोई संकेत नहीं दिए। वरुण गांधी के इसी बयान के बाद कांग्रेस के प्रति उनका नया रुख देखा गया, हालांकि राहुल गांधी के जाने के बाद उनके पार्टी में जाने की चर्चा शुरू हुई, लेकिन इस बीच गौर करने वाली बात ये है कि वरुण गांधी ने सपा में जाने के संकेत कभी नहीं दिया, सांसद ने कभी ऐसा कोई बयान भी नहीं दिया जो सपा या अखिलेश यादव से जुड़ा हो। सूत्रों के अनुसार बीजेपी सांसद से बहन प्रियंका गांधी लगातार बात कर रहीं हैं, हालांकि सूत्रों का दावा है कि दोनों के बीच बातचीत होती है, दोनों भाई-बहन हैं इस वजह से उनकी बातचीत कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन सूत्रों के अनुसार अब ये बातचीत राजनीतिक होती जा रही है,ऐसे में प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के सीधे आगे आने से अखिलेश यादव खामोश नजर आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो वरुण गांधी के प्रति अखिलेश यादव की खामोशी और राहुल गांधी के सांकेतिक बयान की वजह से भी वरुण गांधी कांग्रेस में जाने के संकेत दे रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में सत्ता वापसी के लिए बीजेपी ने पदयात्रा की बनाई है रणनीति
छत्तीसगढ़ में इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले है। सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी ग्राउंड पर लडऩे की कोशिश कर रही है, बीजेपी के नेता दो महीने में 66 विधानसभा और राज्य की 11 हजार ग्राम पंचायतों तक पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं, इतना ही नहीं जमीनी मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए 8 और 9 जनवरी को राजनांदगांव में बीजेपी की बड़ी बैठक हुई,इस बैठक में बीजेपी की क्या रणनीति बनी है। राजनांदगांव में दो दिन तक बीजेपी की बैठक दरअसल 8 जनवरी को बीजेपी प्रदेश पदाधिकारी बैठक शुरू हुई, ये बैठक 9 जनवरी देर शाम तक चली, इस लंबी बैठक में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को घेरने की रणनीति बनाई है, वहीं बैठक में प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने बीजेपी ने पिछले दो महीने का रिपोर्ट कार्ड भी लिया है, बैठक में बताया गया है कि बीजेपी के नेताओं ने राज्य की 90 में से 66 विधानसभा में काम पूरा कर लिया है, ही नहीं हर विधानसभा स्तर पर एक बड़ी जनसभा का आयोजन किया गया।