खटीमा से हारे पुष्कर सिंह धामी को अब चंपावत से आस

  • चंपावत विधानसभा उपचुनाव का ऐलान, 30 मई को मतदान
  • धामी को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए यह चुनाव जीतना जरूरी

दिव्यभान श्रीवास्तव
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आजकल सुर्खियों में है। खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव हारने वाले धामी अब चंपावत उपचुनाव में इतिहास रचने जा रहे हैं, उत्तराखंड भाजपा की अंदरूनी रिपोर्ट के मुताबिक धामी इस चुनाव में इतिहास रचेंगे। साथ ही वे कम से कम पचास हजार मतों से रिकार्ड जीत दर्ज करेंगे। वहीं धामी को भी इस उपचुनाव से पूरी आस है कि वो जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। यही नहीं भाजपा की गुप्त रिपोर्ट के मुताबिक इस उपचुनाव में कांग्रेस दूसरे नंबर पर जबकि आम आदमी पार्टी की जमानत जब्त हो जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपचुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। रोजाना शाम मंत्रियों व संगठन के पदाधिकारियों संग बैठकें कर रहे हैं। उपचुनाव में जीत के लिए रणनीति बना रहे हैं। बता दें कि भारतीय चुनाव आयोग ने उत्तराखंड की चंपावत विधानसभा सीट के उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इस सीट पर 31 मई को मतदान होगा। वहीं नतीजे 3 जून को घोषित किए जाएंगे। चंपावत सीट से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ताल ठोक रहे हैं। वह कुछ महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में खटीमा सीट से हार गए थे। चंपावत उपचुनाव में भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला देखने को मिल सकता है। भारतीय चुनाव आयोग की अधिसूचना के मुताबिक, चंपावत उपचुनाव के लिए नामांकन जमा करने की अंतिम तारीख 11 मई है। इसके बाद 12 मई को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। वहीं, 6 मई तक कैंडिडेट अपना पर्चा वापस ले सकते हैं। इसके अलावा 31 मई को मतदान, तो 3 जून को मतगणना होगी।

चुनाव आयोग के अनुसार, चंपावत विधानसभा सीट पर 5 जून तक चुनाव की प्रक्रिया संपन्न हो जानी चाहिए। विधानसभा चुनाव 2022 में खटीमा में मिली पराजय के बाद धामी को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए शपथ ग्रहण करने के छह महीने के भीतर उपचुनाव लड़कर विधानसभा का सदस्य बनना होगा। बता दें कि चंपावत के भाजपा विधायक कैलाश गहतोड़ी ने अपने युवा सीएम के लिए इस्तीफा दिया है। जबकि चंपावत उपचुनाव के लिए पार्टी ने प्रदेश सहप्रभारी रेखा वर्मा की अध्यक्षता में एक टीम गठित की गई है, जिसका संयोजक गहतोड़ी को बनाया गया है। इसके अलावा प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय, कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास, वरिष्ठ नेता कैलाश शर्मा और पार्टी के महिला मोर्चा की राष्टï्रीय उपाध्यक्ष दीप्ति रावत भी टीम का हिस्सा होंगी। यही नहीं, कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत में रोड शो करके अपना दम दिखाया है। इससे पहले वह चंपावत को लेकर कई बड़ी घोषणाएं कर चुके हैं। वहीं, स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि सीएम का क्षेत्र होने के कारण अब चंपावत का विकास काफी तेजी से होगा।

सीएम बने रहने के लिए पुष्कर को खिलाना होगा कमल
भाजपा प्रत्याशी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस सीट से कांग्रेस की ओर से कौन टक्कर देगा, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है। हालांकि धामी को इस उपचुनाव में कमल खिलाना ही होगा, नहीं तो मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। बता दें कि कैलाश गहतोड़ी चंपावत सीट से लगातार दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए थे। मतगणना के दिन 10 मार्च को उन्होंने मुख्यमंत्री के लिए चंपावत सीट छोड़ने का प्रस्ताव रख 21 अप्रैल को बाकायदा इस सीट से इस्तीफा भी दे दिया था।

चंपावत में मंत्री व पदाधिकारी भी संभालेंगे मोर्चा
चंपावत के चुनावी समर में सरकार के सभी मंत्री और पार्टी के पदाधिकारी भी मोर्चा संभालेंगे। पार्टी चंपावत उपचुनाव के लिए अलग से रणनीति बना रही है। पिछले दिनों राष्टï्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की बैठक में चंपावत उपचुनाव के लिए एक टीम का एलान कर दिया गया था। पार्टी अब अलग-अलग कार्यों के लिए टीमों का गठन करेगी। इस सीट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने इस सीट पर भी कमजोर बूथों पर काम शुरू कर दिया है। प्रत्येक बूथ पर कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय की गई है।

चुनाव के दौरान होगा कोविड प्रोटोकॉल का पालन
चम्पावत जिले में आचार संहिता लागू हो गई है। राज्य के पांचवें विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दो-तिहाई बहुमत के साथ 70 में से 47 सीटों पर जीत दर्ज कर लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं चुनाव हार गए। भाजपा नेतृत्व के धामी को ही मुख्यमंत्री बनाए जाने के निर्णय के बाद साफ हो गया था कि वह जल्द किसी सीट से उप चुनाव में उतरेंगे। राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार चार मई को चुनाव की अधिसूचना घोषित की जाएगी। उन्होंने कहा कि चुनाव के लिए जल्द ही कर्मचारियों की तैनाती कर इन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। चुनाव के लिए पर्याप्त संख्या में ईवीएम और वीवी पैट मशीनें हैं। चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों को आपराधिक इतिहास की भी जानकारी देनी होगी। चुनाव में राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी कोविड गाइडलाइन का अनुपालन किया जाएगा।

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