मुझे जेल में डाल दें, सवाल तो पूछूंगा : राहुल गांधी
- लोस से अयोग्य होने के बाद प्रेस के सामने आए कांग्रेस नेता
- कहा- लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज एकबार फिर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुझे चाहे जेल में डाल दिया जाए मैं जनता की आवाज उठाता रहूंगा। सरकार व मोदी जी से सवाल पूछता रहूंगा, अडानी और पीएम के बीच क्या रिश्ता है। बता दें गुजरात की सूरत कोर्ट से आपराधिक मानहानि के मामले में सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हो गई है। संसद से अयोग्य घोषित होने के बाद शनिवार (25 मार्च) को राहुल गांधी पहली बार मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है, इसके रोज नए-नए उदाहरण मिल रहे हैं, राहुल गांधी ने ये भी कहा कि मुझे मारो-पीटो, जेल में डालो, फर्क नहीं पड़ता, मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा। वहीं उन्होंने कानूनी मामलों पर बोलने से दूरी बनाई ।
मोदी ने विपक्ष को एक हथियार दे दिया
राहुल गंाधी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मोदी जी ने विपक्ष को एक हथियार दे दिया है। अब पूरा विपक्ष एकजुट होकर अपनी बात और आक्रामक तरीके से उठा सकता है। उन्होंने विपक्षी नेताओं का उनको समर्थन देने के लिए आभार भी जताया। इस वार्ता में राहुल गांधी के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहे। प्रेस कांफ्रेंस में उनकी बहन प्रियंका भी मौजूद रही। हालांकि वह पत्रकारों की दीर्घा में बैठी हुई थीं।
मेरे अगले भाषण से डरे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मोदी मेरे अगले भाषण से डरे हुए हैं, आखिर कोई अडानी को मिले पैसों पर जवाब क्यों नहीं दे रहा है। रक्षा मंत्रालय को भी इस पर सवाल करना चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि पैसे किसके हैं ये पता चलना बहुत जरूरी है। जनता समझ चुकी है कि अडानी भ्रष्टाचारी आदमी है, और अब लोगों के मन में ये सवाल आया है कि इस भ्रष्ट आदमी को हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री क्यों बचा रहा है। बीजेपी के लोगों ने कहा कि अडानी पर आक्रमण देश पर आक्रमण है, इनके दिमाग में देश अडानी है और अडानी देश है।
मैं किसी से नहीं डरता
राहुल ने कहा कि मैं किसी चीज से नहीं डरता हूं, आप मुझे जेल में डालकर नहीं डरा सकते, ये मेरा इतिहास नहीं है, मैं हिंदुस्तान के लिए लड़ता रहूंगा, संसद में मुझे बोलने नहीं दिया गया, मैंने संसद के स्पीकर को चि_ी भी लिखी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। संसद से मेरे भाषण हटाया गया, लेकिन मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा।
20 हजार करोड़ किसके हैं
अडानी जी की शेल कंपनी हैं, उसमें 20 हजार करोड़ रुपये किसी ने निवेश किया, अडानी जी का पैसा नहीं है, पैसा किसी और का है, सवाल ये है कि ये 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं। मैंने संसद में प्रूफ लेकर, मीडिया रिपोर्ट्स निकालीं. अडानी और मोदी जी के रिश्ते के बारे में डिटेल में बोला। ये रिश्ता नया नहीं है, रिश्ता पुराना है। मैंने इसको लेकर सवाल पूछा।
मेरे बारे में मंत्रियों ने झूठ बोला
मेरे बारे में मंत्रियों ने झूठ बोला, जबकि मैंने कोई ऐसी बात नहीं की थी जिसका दावा किया गया था। मैंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि मुझे जवाब देने का मौका मिले, लेकिन मौका नहीं मिला। कांग्रेस नेता ने कहा, मुझे सच्चाई के अलावा किसी चीज में दिलचस्पी नहीं है। मैं केवल सच बोलता हूं।
सीबीआई ने की तेजस्वी से पूछताछ
- बहन मीसा से ईडी का जवाब-तलब
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो-सीबीआई बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में पूछताछ कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ उनकी बड़ी बहन और राज्यसभा सांसद मीसा भारती से प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में सवाल-जवाब का सिलसिला जारी है। सीबीआई दफ्तर जाने से पहले तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने हमेशा जांच एजेंसियों का सहयोग किया है, लेकिन देश में स्थिति यह है कि झुकना बहुत आसान है और लडऩा बहुत मुश्किल हो गया है। हमने लडऩे का फैसला किया है और हम जीतेंगे। बता दें कि तेजस्वी यादव को सीबीआई तीन बार पूछताछ के लिए समन जारी कर चुकी थी। बिहार के उपमुख्यमंत्री ने बीते बुधवार को सीबीआई की ओर से जारी समन को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली और उन्हें 25 मार्च को सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया गया।
29 मार्च को दिल्ली की अदालत में सुनवाई
पिछले दिनों लालू परिवार से सीबीआई की पूछताछ और कई राज्यों में ईडी की छापेमारी के बाद दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 15 मार्च को सुनवाई हुई। कोर्ट ने लालू परिवार को तत्काल राहत देते हुए लालू यादव , राबड़ी देवी और बड़ी बेटी मीसा भारती को जमानत दे दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी।
अयोग्य घोषित करने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
- सांसदी-विधायकी खत्म होने के खिलाफ याचिका दायर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई गई है, जिसमें मांग की गई है कि विधायी संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधियों को दोषी पाए जाने के बाद उन्हें अपने आप ही अयोग्य घोषित नहीं किया जाना चाहिए।
ज्ञात हो कि मोदी सरनेम पर मानहानि मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट की ओर से सजा सुनाई गई और इसके ठीक अगले दिन उन्हें लोकसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
ये है याचिका में मांग
सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में लोक प्रतिनिधि कानून की धारा 8(3) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है, जिसके तहत किसी भी मामले में कोर्ट द्वारा दोषी पाए गए जनप्रतिनिधि की विधायी संस्थान से सदस्यता अपने आप ही खत्म हो जाती है।