अमृतपाल से जुड़ी महिला को एनआईए ने हिरासत में लिया

19 मार्च की रात बलजीत कौर के घर पर रुका था अमृतपाल और पापलप्रीत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल की तलाश सुरक्षा एजेंसियों ने तेज कर दी है। सुरक्षा एजेंसियों अमृतपाल से जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही है। सूत्रों की मानें तो अमृतपाल सिंह उत्तराखंड जा सकता है। इसी के चलते वहां की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। एनआईए की टीम भी उत्तराखंड पहुंच गई है। एनआईए ने देहरादून में एक महिला को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
सूत्रों की मानें तो ये महिला अमृतपाल के अभियान से जुड़ी हुई थी। एनआईए ने पहले महिला के घर जाकर पूछताछ की, बाद में वो उसे अपने साथ दिल्ली ले गई। इससे पहले पुलिस ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले से बलजीत कौर नाम की एक महिला को अरेस्ट किया था। पुलिस ने बताया था कि 19 मार्च की रात हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित एक घर अमृतपाल सिंह और पापलप्रीत सिंह रुके थे। पुलिस के अनुसार, यह घर बलजीत कौर का है और पुलिस ने इस घर की तस्वीर भी जारी की थी।

अमृतपाल अभी भी फरार

8 मार्च को पुलिस के सामने से भागा अमृतपाल सिंह अभी तक फरार है। 7 दिन बीत जाने के बाद भी वो पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पंजाब पुलिस की कार्रवाई पर भी अब सवाल उठ रहे हैं। सभी के मन में ये सवाल है कि आखिर अमृतपाल कहां हैं।

योगी ने दिया सरकार के छह साल का ब्यौरा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रदेश की जनता के सामने भाजपा सरकार की छह साल की उपलब्धियों का ब्यौरा पेश किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमने छह साल में प्रदेश को लेकर लोगों की धारणा बदलने का काम किया है। अब यूपी की पहचान उपद्रवियों से नहीं उत्सवों से है। अब प्रदेश माफियाओं के कारण नहीं बल्कि महोत्सव के कारण जाना जाता है। उन्होंने कहा कि हमने नया यूपी बनाया है।
छह वर्ष पहले लोग कहते थे कि यूपी में कभी विकास नहीं हो सकता है पर आज पूरा प्रदेश विकास की दौड़ में पहले स्थान पर जगह बना रहा है। उन्होंने कहा कि ये वही उत्तर प्रदेश है जो छह साल पहले हर दूसरे तीसरे दिन दंगा होने और परिवारवाद के कारण जाना जाता था पर अब यूपी की नई छवि देश और दुनिया के सामने है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमने यूपी में पुलिस सुधार किए। प्रदेश में सात पुलिस कमिश्नरेट बने। तहसील के स्तर पर फायर ब्रिगेड बने। हर जिले में पुलिस के लिए बैरक बनाए जा रहे हैं और साइबर थानों की स्थापना हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते छह वर्षों में प्रदेश में रोजगार और निवेश के लिए माहौल बना है। सरकारी नौकरियों में जातिवाद, भ्रष्टाचार और परिवारवाद को खत्म किया गया है। सरकारी योजनाओं का लाभ देने में न तो जातिवाद होता है और न ही भ्रष्टाचार। हर किसी को योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

अधिकार सेना ने रा’यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा

शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त अराजकता को लेकर की पहल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अधिकार सेना के कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा। शिक्षा के व्यवसायीकरण व संबंधित अधिकारियों व शिक्षण संस्थाओं के संचालकों की मिलीभगत द्वारा अभिभावकों के शोषण के खिलाफ उनकी समस्याओं को लेकर प्रदेश के सभी जिलों में जिला प्रशासन के माध्यम से रा’यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर रा’यपाल को दिये गये ज्ञापन में शिक्षा के व्यवसायीकरण व संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से स्कूल संचालकों द्वारा अभिभावकों का उत्पीडऩ रोके जाने एवं पाठ्य पुस्तकों व यूनिफॉर्म को लेकर एवं फीस को लेकर जनपद स्तर शुल्क नियामक समिति की बैठक सुनिश्चित कराए जाने जैसी समस्याओं से अवगत कराते हुये निदान की अपील की गयी है।

पत्रकार डॉ. राकेश पाठक ने मनोज सिन्हा को भेजा कानूनी नोटिस

जम्मू-कश्मीर के एलजी पर महात्मा गांधी के बारे में मिथ्यावाचन करने का लगाया आरोप

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
ग्वालियर। पत्रकार और गांधीवादी कार्यकर्ता डॉ राकेश पाठक ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में मिथ्यावाचन करने पर जम्मू कश्मीर के उपरा’यपाल मनोज सिन्हा को कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि सिन्हा सात दिन में अपने बयान पर लिखित में सार्वजनिक माफ़ी मांगें अन्यथा अदालती कार्यवाही के लिए कदम उठाया जाएगा। गत 2& मार्च को ग्वालियर के आईटीएम विश्वविद्यालय में डॉ राम मनोहर लोहिया स्मृति व्याख्यान में मनोज सिन्हा ने अपने उद्बोधन में कहा था कि शायद कम लोगों को मालूम है..देश में अनेक पढ़े लिखे लोगों को यह भ्रांति है कि गांधी जी के पास लॉ डिग्री थी, गांधी जी के पास कोई डिग्री नहीं थी।
नोटिस में कहा गया है कि मनोज सिन्हा का बयान पूरी तरह मिथ्या है और गांधी जी की शैक्षणिक योग्यता को धूमिल करने और मृत्यु उपरांत उन्हें अपमानित करने की गरज से दिया गया है। सोशल मीडिया पर उनके बयान के वायरल होने के कारण देश दुनिया में गांधी जी की छवि धूमिल हुई है। डॉ पाठक ने कहा है कि न केवल वे बल्कि जो लाखों, करोड़ों लोग महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित हैं, वे सब इस बयान से आहत हुए हैं। डॉ पाठक की ओर से उनके वकील भूपेंद्र सिंह चौहान, पंकज सक्सेना ने उपरा’यपाल मनोज सिन्हा को राजभवन, जम्मू कश्मीर के पते पर रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजा है। राजभवन के आधिकारिक ईमेल पर भी नोटिस प्रेषित कर दिया गया है। नोटिस की प्रतिलिपि उपरा’यपाल की नियोक्ता राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू को भी संलग्न की गई है।

उमेश हत्याकांड: एक माह के बाद भी आरोपी फरार

पुलिस के हाथ खाली, बुलडोजर चलाकर हो रही इतिश्री

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
प्रयागराज। फरवरी की 24 तारीख को प्रयाग में उमेशपाल की हत्या की गई थी। शुक्रवार को पूरे एक महीने बीत गए पर पुलिस अब भी लकीर ही पीट रही है। शुरुआत में सरकार व विपक्ष के दबाव में पुलिस ने तेजी दिखाते हुए कुछ एनकांउटर किए और प्रशासन ने आरोपियों के घरों में बुलडोजर चलवाए। पर मुख्य आरोपी आज भी फरार हैं।
गत माह-फरवरी की तारीख 24 फरवरी को धूमनगंज का जयंतीपुर इलाके में राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके एक गनर संदीप निषाद को गोलियों से सरेराह मार दिया गया। बाद में उनके गनर राघवेंद्र सिंह की भी मौत हो गई। पुलिस को कुछ ही घंटों में पता चल गया था कि अतीक के बेटे और उसके गुर्गों ने घटना को अंजाम दिया। मतलब 24 फरवरी को ही पुलिस शूटरों के बारे में जान गई थी लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी पुलिस वहीं की वहीं खड़ी है। शूटर न जाने कहां हैं। उमेश पाल और अतीक अहमद की दुश्मनी 18 साल पुरानी थी। उमेश अपने रिश्तेदार और दोस्त राजू पाल की हत्या पर मुख्य गवाह बने थे। इसी कारण 2006 में उनका अपहरण कर लिया गया था। उन्हें मारा पीटा धमकाया गया। अतीक का ही खौफ था कि उमेश को अपना बयान बदलना पड़ा था। हालांकि उन्होंने खुद के अपहरण का जो मुकदमा दर्ज कराया था, उसकी वे लगातार पैरवी कर रहे थे।

शाइस्ता को भी नहीं पकड़ पाई पुलिस

इन सारी बातों के बीच सबसे बड़ा यही सवाल है कि जो पांच लोग उमेश को गोली मारते दिख रहे हैं, वे कहां हैं? पुलिस उन्हें सात रा’यों से लेकर नेपाल तक ढूंढ रही है लेकिन, उनका कुछ पता नहीं चला है। एसटीएफ लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर की टीमें लगी हुई हैं। प्रयागराज में रहे तमाम तेज तर्रार दरोगाओं और इंस्पेक्टरों को स्पेशल ड्यूटी में बुलाया गया लेकिन किसी के पास शूटरों से संबंधित कोई जवाब नहीं है। शूटर छोडि़ए, जिस शाइस्ता की भी उमेश पाल हत्याकांड में बड़ी भूमिका की बात बताई जा रही है, पुलिस उन्हें भी नहीं पकड़ पाई है।

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