540 से 50 पर आए, राहुल बताएं मोदी से कितना लिया पैसा? ओवैसी का हमला
नई दिल्ली। तेलंगाना विधानसभा चुनाव में सभी दल अपने पूरे दम खम के साथ जुटे हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी जनसभाएं कर रहे हैं. आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. हाल ही में एक संबोधन में, एआईएमआईएम प्रमुख ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री और तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष जी किशन रेड्डी के खिलाफ कड़ी आलोचना की.
राहुल गांधी की राजनीतिक विश्वसनीयता पर सवाल उठाने से असदुद्दीन औवेसी भी पीछे नहीं हटे. उन्होंने बताया कि 540 लोकसभा सीटों पर राहुल गांधी ने कांग्रेस के नेतृत्व किया लेकिन बावजूद इसके पार्टी 50 सीटों पर सिमट कर रह गई. ओवैसी ने कांग्रेस नेता पर ही सवाल उठा दिया और पूछा कि क्या उन्होंने बीजेपी से पैसे नहीं लिए हैं?
ओवैसी इससे पहले भी राहुल गांधी से इस तरह के सवाल पूछ चुके हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस मामले को लेकर राहुल गांधी की ओर से कोई स्पष्टीकरण या जवाब नहीं आया है. एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया कि राहुल गांधी को बीजेपी से पैसे मिले हैं. दरअसल, राहुल गांधी ने ओवैसी पर कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करने के लिए बीजेपी से पैसे लेने का आरोप लगाया था. इसके जवाब में एआईएमआईएम चीफ ने कहा था कि राहुल यह आरोप उनकी धार्मिक पहचान की वजह से लगा रहे हैं.
ओवैसी ने आरोप लगाया था कि इन आरोपों को लगाने के लिए कांग्रेस नेता की प्रेरणा उनकी धार्मिक पहचान के प्रति गहरी दुश्मनी से उपजी है. ओवैसी ने गांधी को अमेठी लोकसभा क्षेत्र से जानबूझकर चुनाव हारने के लिए पैसे लेने के आरोपों पर स्पष्टीकरण देने की चुनौती दी थी. इनके अलावा अपने ताजा बयान में ओवैसी ने दावा किया कि गांधी की अपनी पार्टी के प्रमुख सदस्य, जैसे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद, इसी तरह के आरोपों का सामना किए बिना बीजेपी में शामिल हो गए हैं.
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी के भडक़ाऊ बयान पर जवाब देने में एआईएमआईएम चीफ पीछे नहीं हटे. रेड्डी ने तेलंगाना में बुलडोजर सरकार के बारे में टिप्पणी की थी. इसके जवाब में ओवैसी ने कहा कि जी किशन रेड्डी को यह याद रखा चाहिए कि हम यहां यूं ही नहीं बैठे हैं. हम कोई चिकन नहीं है जो वो चाहेंगे हमारे साथ करेंगे. ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन पर राजनीतिक रूप से टक्कर ले पाने में असमर्थ होने पर जहरीले बयान देने का आरोप लगाया.