भाजपा के परिवारवाद के आरोप पर राहुल गांधी का करारा जवाब, बोले- अमित शाह के बेटे क्या कर रहे है?

नई दिल्ली। मिजोरम के अपने दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को मिजोरम के पूर्व मुख्यमंत्री ललथनहवला से मुलाकात की। कांग्रेस सांसद थनहवला स्थित आवास तक पहुंचने के लिए दोपहिया वाहन पर पीछे बैठे। इसके बाद उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा। भाजपा के परिवारवाद के आरोप पर राहिल ने कहा कि अमित शाह का बेटा वास्तव में क्या कर रहा है? राजनाथ सिंह का बेटा क्या करता है?…पिछली बार मैंने सुना, अमित शाह का बेटा भारतीय क्रिकेट चला रहा है। उन्होंने कहा कि उनमें से कई अनुराग ठाकुर जैसे बच्चे वंशवादी हैं। आपको बता दें कि मिजोरम में चुनाव होने हैं और राहुल गांधी राज्य के दौरे पर हैं।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि दोनों पार्टियाँ ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट और मिज़ो नेशनल फ्रंट भाजपा और एनडीए के लिए राज्य (मिज़ोरम) में प्रवेश करने के साधन हैं। कांग्रेस पार्टी कभी भी (राज्य में) प्रवेश का साधन नहीं बन सकती क्योंकि हम वैचारिक रूप से पूरी तरह से भाजपा के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि हम विचारों का परीक्षण करने में विश्वास करते हैं, और यदि कोई विचार काम करता है, तो हम इसे अन्य राज्यों में लागू करते हैं। उदाहरण के लिए, राजस्थान में हमारी स्वास्थ्य देखभाल योजनाएं, कर्नाटक में सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम और छत्तीसगढ़ में किसान समर्थक नीतियां सफल रही हैं। हमारा लक्ष्य दिल्ली में सत्ता में आने पर इन प्रभावी कार्यक्रमों को शेष भारत में विस्तारित करना है।
राहुल गांधी ने कहा कि हम मिजोरम के लिए एक दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें शामिल हैं:- वृद्धावस्था पेंशन: रु. 2000 प्रति माह, गैस सिलेंडर: रु. 750, उद्यमियों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण। मिजोरम में नशीली दवाओं के खतरे का एक बड़ा कारण युवाओं में बेरोजगारी है। हम मिजोरम के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। हमारा उद्देश्य समग्र विकास करना है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना ??है कि भारत राज्यों का एक संघ है। सभी धर्मों, संस्कृतियों और इतिहासों को संरक्षित करने की आवश्यकता है। कांग्रेस ने हमारे देश की नींव रखने में मदद की और हमारे पास उस नींव की रक्षा करने का रिकॉर्ड है। भाजपा देश के संपूर्ण संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास कर रही है। हमारी दृष्टि विकेंद्रीकरण और लोगों को शक्ति देने की है, और भाजपा-आरएसएस की दृष्टि दिल्ली में सत्ता को केंद्रीकृत करने और सभी निर्णय केंद्र से लेने की है।

 

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