राहुल गांधी का मास्टरस्ट्रोक! गुजरात कांग्रेस के लिए तैयार किया पॉलिटिकल-फिटनेस टेस्ट
राहुल गांधी ने गुजरात कांग्रेस को मजबूत करने के लिए नया दांव खेला है... पॉलिटिकल-फिटनेस टेस्ट के जरिए नेताओं...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों भारतीय राजनीति में गुजरात हमेशा से एक महत्वपूर्ण राज्य रहा है.. यहां भारतीय जनता पार्टी की जड़ें गहरी हैं.. क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों ही इसी राज्य से आते हैं… लेकिन अब कांग्रेस पार्टी इस किले को भेदने की कोशिश कर रही है.. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी गुजरात पर विशेष ध्यान दे रहे हैं.. हाल ही में उन्होंने गुजरात का दौरा किया.. जहां कांग्रेस के शहर और जिला अध्यक्षों की ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लिया.. यह दौरा सिर्फ एक मुलाकात नहीं था.. बल्कि 2027 के गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने की रणनीति का हिस्सा था.. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस ट्रेनिंग शिविर का उद्घाटन किया था.. और राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को बीजेपी से सत्ता छीनने के तरीके बताए..
आपको बता दें कि पिछले सात महीनों में राहुल गांधी पांच बार गुजरात आ चुके हैं.. इसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होना भी शामिल है.. उनका अगला दौरा 18 सितंबर 2025 को होने वाला है.. जब वे फिर से शहर और जिला अध्यक्षों से बात करेंगे.. यह सत्र सवाल-जवाब वाला होगा.. जैसे कोई टीचर क्लास के बाद टेस्ट लेता है.. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने हर वो बात बताई.. जिससे 2027 में बीजेपी को हराया जा सके.. और उन्होंने नेताओं से अपील की कि आपसी मतभेद भूलकर पार्टी की मजबूती के लिए काम करें.. उनका पूरा फोकस कांग्रेस की विचारधारा को लोगों तक पहुंचाने पर था…
आपको बता दें कि 12 सितंबर को राहुल गांधी जूनागढ़ पहुंचे.. यहां कांग्रेस की ट्रेनिंग शिविर में उन्होंने शहर और जिला अध्यक्षों के साथ चार घंटे तक बात की.. यह शिविर ‘संगठन सृजन’ नाम से चल रहा था.. जहां 41 शहर और जिला अध्यक्षों को ट्रेनिंग दी जा रही थी.. राहुल गांधी ने उन्हें अपनी तरह बनने की सलाह दी.. मतलब मजबूत, फिट और रणनीतिक.. और उन्होंने कहा कि जंग जीतने के लिए योद्धा को योग्य होना चाहिए..
बता दें कि यह दौरा राहुल गांधी का सात महीनों में पांचवां गुजरात दौरा था.. इससे पहले जुलाई 2025 में वे आनंद में ट्रेनिंग कैंप में आए थे.. जहां उन्होंने चुनाव आयोग पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया था.. और उन्होंने कहा था कि चुनाव में वोट चोरी हो रही है.. और कांग्रेस को इससे लड़ना होगा.. जूनागढ़ में भी उन्होंने यही बात दोहराई.. और उन्होंने बीजेपी और आरएसएस की तुलना महाभारत के कौरवों से की.. और कहा कि कांग्रेस पांडवों की तरह लड़कर सत्ता से बीजेपी को बेदखल करेगी..
राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को मोटिवेशनल स्पीच दी.. जैसे 2022 चुनाव से पहले दी थी.. उन्होंने मनोबल ऊंचा रखने की बात कही.. लेकिन इस बार फोकस व्यावहारिक था.. उन्होंने फिटनेस पर जोर दिया.. राहुल खुद चुनाव कैंपेन में अपना रूटीन नहीं छोड़ते.. और उन्होंने नेताओं को सलाह दी कि शारीरिक रूप से मजबूत रहें.. क्योंकि राजनीति में दिमाग के साथ शरीर की ताकत भी जरूरी है..
आपको बता दें कि राहुल गांधी ऐकिडो मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ट हैं.. उन्होंने कैंप में सेल्फ डिफेंस के गुर सिखाए और सभी को प्रोत्साहित किया.. यह सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि राजनीतिक सेल्फ डिफेंस भी था.. मतलब बीजेपी की रणनीतियों से खुद को बचाना… कांग्रेस का यह ट्रेनिंग कैंप जूनागढ़ के भावनाथ तलेटी में चल रहा था.. इसका उद्घाटन मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया.. कैंप 10 दिनों का था.. जहां नए नियुक्त जिला और शहर अध्यक्षों को ट्रेनिंग दी गई.. यह पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा था.. जहां ग्रासरूट स्तर से नेताओं का चयन हुआ..
वहीं 18 सितंबर को आने पर पांच सवालों के जवाब तैयार रखें.. ये सवाल कांग्रेस की विचारधारा और संगठन से जुड़े होंगे.. उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग ऐसी ही होती है.. सीखो और परीक्षा दो.. आपको बता दें कि उनका मुख्य फोकस बूथ स्तर पर था.. राहुल ने कहा कि बूथ मजबूत हो तो संगठन मजबूत होगा.. उन्होंने वोट चोरी रोकने की रणनीति बनाने को कहा.. यह बात सही है, क्योंकि बीजेपी भी गुजरात में बूथ मजबूती से ही मजबूत हुई.. मोदी और शाह हमेशा कार्यकर्ताओं को बूथ जीतने की सलाह देते हैं.. राहुल ने यही नुस्खा कांग्रेस के लिए अपनाया।..
कैंप में राहुल ने किसानों के मुद्दों पर भी बात की.. वे 18 सितंबर को फिर आएंगे, जहां किसानों की समस्याओं पर चर्चा होगी.. राहुल गांधी गुजरात में बिहार जैसी यात्रा करने वाले हैं.. फर्क यह कि यहां हर विधानसभा क्षेत्र कवर होगा.. यात्रा का रोड मैप अगले महीने फाइनल होगा.. राहुल ने आश्वासन दिया कि यात्रा में वे जिलाध्यक्षों के घर भोजन करेंगे.. और ज्यादा समय उनके साथ बिताएंगे.. उन्होंने कहा कि मैं आपके लिए ही हूं..
वहीं यह यात्रा कांग्रेस को ग्रासरूट स्तर पर मजबूत करेगी.. राहुल हर विधानसभा में कम से कम एक दिन रुकेंगे, कार्यकर्ताओं से मिलेंगे.. यह पुरानी स्टाइल की राजनीति है.. जहां नेता घर-घर जाते हैं.. गुजरात में 182 विधानसभा सीटें हैं.. और कांग्रेस यहां बीजेपी को चुनौती देना चाहती है.. 2022 चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 17 सीटें मिली थीं.. जबकि बीजेपी को 156.. लेकिन लोकसभा 2024 में कांग्रेस ने गुजरात में एक सीट जीती, जो सुधार का संकेत है..
राहुल का मिशन गुजरात 2027 है.. उन्होंने लोकसभा में चैलेंज किया था कि इंडिया गठबंधन गुजरात जीतेगा.. अब वे जमीन पर काम कर रहे हैं.. राहुल गांधी के गुजरात दौरे नई बात नहीं हैं। जुलाई 2025 में आनंद कैंप में उन्होंने चुनाव आयोग को ‘पक्षपाती अंपायर’ कहा। उन्होंने कहा कि गुजरात बीजेपी का मुख्य बेस है, यहां हराना जरूरी है.. उन्होंने सहकारी क्षेत्र के नेताओं से भी मिले और दूध यूनियनों के सदस्यों से वादा किया कि कांग्रेस उनके साथ खड़ी है..
मार्च 2025 में राहुल ने गुजरात में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिले और 2027 चुनाव की तैयारी शुरू की.. अप्रैल में एआईसीसी सेशन में उन्होंने बीजेपी को हराने का ऐलान किया.. गुजरात कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण है.. 1995 से बीजेपी सत्ता में है.. लेकिन कांग्रेस का मानना है कि वोट चोरी और फर्जी वोटर लिस्ट से वे हारते हैं.. राहुल ने कार्यकर्ताओं से कहा कि तुम हारे नहीं, चीटिंग हुई.. जूनागढ़ दौरे में एक विवाद हुआ.. बीजेपी ने आरोप लगाया कि राहुल के स्वागत में पाकिस्तानी गाना बजाया गया.. लेकिन कांग्रेस ने इसे खारिज किया..
राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी के मणिपुर दौरे को ‘अच्छा लेकिन बड़ा नहीं’ कहा.. उनका फोकस वोट चोरी पर था.. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल के दौरे को ‘मिशन गुजरात’ कहा.. एक पोस्ट में कहा गया कि राहुल हर सीट पर जाएंगे, स्थानीय घरों में रुकेंगे.. राहुल गांधी की फिटनेस जगजाहिर है.. वे योग और मार्शल आर्ट करते हैं.. ऐकिडो में ब्लैक बेल्ट होने से वे सेल्फ डिफेंस सिखाते हैं.. कैंप में उन्होंने कार्यकर्ताओं को ये गुर बताए.. यह सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि राजनीतिक मजबूती का प्रतीक था.. उन्होंने कहा कि राजनीति में मजबूत शरीर से मनोबल बढ़ता है..
वहीं यह सलाह व्यावहारिक है.. चुनाव में कार्यकर्ता दिन-रात काम करते हैं.. फिट रहना जरूरी है.. राहुल खुद भारत जोड़ो यात्रा में हजारों किलोमीटर चले, जो उनकी फिटनेस दिखाता है.. राहुल ने कांग्रेस की विचारधारा पर जोर दिया… समानता, न्याय, गरीबों की मदद.. उन्होंने कहा कि लोगों को यह बताएं कि कांग्रेस क्या है.. बीजेपी पर आरोप लगाया कि वे वोट चुराते हैं, लेकिन कांग्रेस लड़कर जीतेगी.. बूथ स्तर की रणनीति बीजेपी से सीखी गई है.. मोदी और शाह ने गुजरात में यही किया, फिर पूरे देश में.. अब कांग्रेस उसी राह पर है..
आपको बता दें कि 2027 चुनाव अभी दूर है.. लेकिन तैयारी शुरू हो गई.. कांग्रेस गुजरात में 150 सीटों का लक्ष्य रख रही है.. राहुल के दौरे से कार्यकर्ताओं में उत्साह है.. बीजेपी के मजबूत होने के बाद भी लोकसभा 2024 में इंडिया गठबंधन का प्रदर्शन अच्छा रहा.. गुजरात में भी बदलाव के संकेत हैं.. राहुल की यात्रा से कांग्रेस ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत हो सकती है..
2022 के गुजरात चुनाव से पहले भी राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक में मोटिवेशनल स्पीच दी थी.. और इस बार भी उसी की झलक मिल रही है.. राहुल गांधी ने गुजरात की जंग जीतने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मनोबल ऊंचा रखने का संदेश दिया है… राहुल गांधी का फिटनेस पर खासा जोर रहता है… चुनाव कैंपेन के दौरान भी देखा गया है.. कि वो अपना रूटीन स्किप नहीं करते… और, कांग्रेस नेताओं को भी अब राहुल गांधी की यही सलाहियत है कि वो शारीरिक तौर पर खुद को चुस्त-दुरुस्त रखने की कोशिश करें…
आपको बता दें कि राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को समझाया है कि राजनीति में मनोबल ऊंचा रखने के साथ साथ शारीरिक रूप से मजबूत होना भी जरूरी है… राहुल गांधी ने शहर और जिलाध्यक्षों को अपनी तरफ से होम वर्क भी दे डाला है… कहा है, 18 सितंबर को फिर आऊंगा, तब इस पर चर्चा करेंगे.. राहुल गांधी ने सलाह दी है कि संगठन के संबंध में शहर और जिला कांग्रेस अध्यक्ष पांच सवालों के जवाब ढूंढ कर रखें.. कांग्रेस की विचारधारा और संगठन से जुड़ी बाकी वे सारी बातें जो उनको जानना जरूरी है.. ऐसे सवाल पूछे जाएंगे और बताना होगा.. वैसे भी ट्रेनिंग तो ऐसी ही होती है…
राहुल गांधी की सलाह है कि शहर और जिला अध्यक्ष कार्यकर्ताओं के साथ रणनीति तैयार करें… और बूथ स्तर पर वोट चोरी की कोशिशों को नाकाम करने के लिए तैयारी करें… राहुल गांधी का कहना है कि बूथ स्तर पर मजबूत हो जाने से ही संगठन मजबूत हो सकता है… बात तो सही है. बीजेपी भी तो गुजरात में ऐसे ही मजबूत हुई है… और, गुजरात में जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कैबिनेट साथी अमित शाह ने जिस तरह बीजेपी के लिए बूथ मजबूत किया… कालांतर में देश भर में वही नुस्खा आजमाया.. अब भी चुनावों के दौरान मोदी और शाह बीजेपी कार्यकर्ताओं बूथ जीतने की ही सलाह देते रहे हैं… कहते हैं, बूथ जीते तो समझो चुनाव जीत लिए..



