हरियाणा परिणाम के बाद एक्टिव मोड में राहुल, अपने इस प्लान से बीजेपी को करेंगे चित्त!

चार जून दो हजार चौबीस को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राहुल गांधी पूरे जोश में नजर आ रहे थे... और उन्होंने कहा कि भारत की जनता ने एकजुट हो कर साफ कह दिया है कि हम मोदी जी को नहीं चाहते..

4पीएम न्यूज नेटवर्कः चार जून दो हजार चौबीस को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राहुल गांधी पूरे जोश में नजर आ रहे थे… और उन्होंने कहा कि भारत की जनता ने एकजुट हो कर साफ कह दिया है कि हम मोदी जी को नहीं चाहते… वहीं जनता का जनादेश से साफ जाहिर हुआ था कि देश में मोदी की लहर खत्म हो गई है… बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की शुरूआत कन्याकुमारी से किया था… जिसको देश की जनता का भरपूर समर्थन मिला था… जिसके बाद से मोदी का क्रेज कम हुआ था… जिसके बाद से राहुल गांधी संविधान की कॉपी दिखाते हुए कहते नज़र आए थे कि ये चुनाव संविधान और लोकतंत्र की रक्षा का चुनाव था…. लोकसभा चुनाव के इन नतीजों के बाद राहुल गांधी और विपक्ष के तेवर काफी आक्रामक नज़र आए….. अग्निवीर, जातिगत जनगणना, पेंशन स्कीम, लेटरल एंट्री स्कीम समेत कई मुद्दों पर राहुल गांधी और विपक्ष ने सरकार को सड़क से लेकर संसद तक घेरते हुए आक्रामक रुख अपनाया…. लेटरल एंट्री स्कीम जैसे मुद्दों पर तो सरकार को यू-टर्न तक लेना पड़ा….. ऐसे में, जब क़रीब ढाई महीने बाद जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनाव की तारीख़ों का एलान हुआ…… तो कांग्रेस प्रचार और तैयारियों को लेकर आत्मविश्वास में नज़र आ रही थी….

वहीं वोटिंग से ठीक पांच दिन पहले एक्स पर एक पोस्ट में राहुल ने लिखा था कि हरियाणा में ‘दर्द के दशक’ का अंत करने के लिए कांग्रेस पार्टी पूरी शक्ति के साथ एकजुट है, संगठित है, समर्पित है….. ख़ास बात ये थी कि इस तस्वीर में राहुल के एक तरफ़ भूपेंद्र हुड्डा थे और दूसरी तरफ़ कुमारी सैलजा थी…. वहीं अब आठ अक्टूबर को आए नतीजों में कांग्रेस को उम्मीदों के उलट हरियाणा में हार का सामना करना पड़ा है….. पार्टी ने यहां की नब्बे विधानसभा सीटों में से सैंतीस सीटें और उनतालीस फीसदी वोट शेयर हासिल किया है…. वहीं हरियाणा में हार और जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की गठबंधन वाली जीत के बाद कांग्रेस के प्रदर्शन…. और राहुल गांधी के नेतृत्व पर एक बार फिर चर्चा शुरू हो चुकी है…. वहीं, जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन को जीत मिली है…. लेकिन कांग्रेस के खाते में महज़ छह सीटें आईं हैं…. जिनमें से एक सीट जम्मू क्षेत्र से मिली है…. जो इस क्षेत्र में कांग्रेस का अब तक का सबसे ख़राब प्रदर्शन है….

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन की जीत के बाद राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी है…. और राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों का तहे दिल से शुक्रिया…. प्रदेश में इंडिया (गठबंधन) की जीत संविधान की जीत है….. लोकतांत्रिक स्वाभिमान की जीत है….. और उन्होंने कहा कि हम हरियाणा के अप्रत्याशित नतीजे का विश्लेषण कर रहे हैं….. अनेक विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों से चुनाव आयोग को अवगत कराएंगे…. राहुल गांधी ने कहा कि सभी हरियाणा वासियों को उनके समर्थन…. और हमारे बब्बर शेर कार्यकर्ताओं को उनके अथक परिश्रम के लिए दिल से धन्यवाद…. और उन्होंने कहा कि हक़ का, सामाजिक… और आर्थिक न्याय का, सच्चाई का यह संघर्ष जारी रखेंगे…. आपकी आवाज़ बुलंद करते रहेंगे….. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को छह सीटें और उनके सहयोगी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस को 42 सीटें मिली हैं…. हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 37 सीटें मिली हैं… और वह दूसरे स्थान पर रही है….

बता दें कि एक चुनाव हार से किसी का जनादेश खत्म नहीं हो जाता है… आगामी चुनावों को लेकर राहुल गांधी एक्टिव मोड में है… और जनता को बीजेपी की विभाजनकारी नीतियों से अवगत करा रहे है… आपको बता दें कि राहुल गांधी ने इस बार के चुनावों में बीजेपी में चुनाव प्रचार के महारथी कहे जाने वाले प्रधानमंत्री मोदी से भी कहीं अधिक रैलियां, सभाएं और रोड शो किया…. पर जाट बेल्ट तक में कांग्रेस की हालत खराब रही….. कांग्रेस की लहर के बावजूद बीजेपी अगर हरियाणा में तीसरी बार पूरे बहुमत के साथ अगर सरकार बनाने जा रही है…. तो इसका मतलब है कि राहुल गांधी का करिष्मा काम नहीं किया है… उनके साथ उनकी बहन प्रियंका भी पूरी तरह लगी हुईं थीं….. वहीं जम्मू में भी अब तक की सबसे बड़ी हार कांग्रेस को देखने को मिली है…. कांग्रेस जम्मू कश्मीर में बत्तीस सीटों पर चुनाव लड़ी….. जिनमें से दस सीटों पर मुस्लिम कैंडिडट उतारे… और बाइस हिंदुओं को टिकट दिया…. पर जम्मू में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली…. जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस को कुल बयालीस सीटों पर जीत मिली है…. जिसमें कुछ सीटें उसने जम्मू में हिंदू कैंडिडेट खडा़ कर भी जीत लिया है… पर कांग्रेस जम्मू से साफ हो गई है… कश्मीर में उसे छह सीटें मिलीं हैं… पर वो सभी मु्स्लिम कैंडिडेट वाली सीटें आईं हैं…. मतलब साफ है कि कांग्रेस की स्थिति बीजेपी से तो खराब रही है… नेशनल कॉन्फ्रेंस से भी खराब रहीं…. इसका एक और मतलब निकलता है कि जम्मू कश्मीर में कांग्रेस को मिली सीटें भी नेशनल कॉन्फ्रेंस की बदौलत ही आईं हैं…. जाहिर है कि हरियाणा और जम्मू में कांग्रेस को मिली हार से राहुल गांधी के भाषणों और मुद्दों को तो टार्गेट किया जाएगा….

आपको बता दें कि हरियाणा में जिस तरह कांग्रेस को हार मिली है… और जिस तरह बीजेपी के प्रत्य़ाशियों को जाट सीटों पर वोट मिले हैं… उसका सीधा मतलब है कि जाति जनगणना का मुद्दा नहीं चला है… हरियाणा में ओबीसी वोटर्स ने बीजेपी का साथ पूरी ईमानदारी के साथ दिया है…. विनेश फोगाट का मुकाबला बीजेपी के एक ओबीसी कैंडिडेट से था…. बीजेपी को भी ऐसा लग रहा था कि योगेश बैरागी कहीं विनेश के सामने टिक नहीं रहे हैं… इसलिए ही शायद बीजेपी ने यहां कम ध्यान दिया…. पर विनेश के मुकाबले योगेश को केवल 6 हजार वोट कम मिले हैं…. ये बताता है कि विनेश को पिछड़ी जातियों के वोट नहीं मिले… मतलब साफ है कि राहुल गांधी के सामाजिक न्याय की बातें हरियाणा की जनता को हजम नहीं हुईं…. बता दें कि हरियाणा में जिस तरह दलितों ने बीजेपी या अन्य को वोट दिया है उससे नहीं लगता है… कि अब संविधान बचाओ-आरक्षण बचाओ का मुद्दा रह गया है…. हो सकता है कि दलितों का वोट बीजेपी को नहीं मिला हो…. पर यह भी तय है कि कम से कम कांग्रेस को नहीं मिला है… लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में दलित वोटों जरूर विपक्ष को गए थे… हरियाणा के विश्वेषण से ऐसा लगता है कि दलित वोटों पर प्रभाव इस नारे का नहीं था…. इसके लिए यूपी चुनावों की फिर से विश्लेषण करना होगा….

बता दें कि आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस ने अपने प्रचार अभियान की शुरुआत करने का निर्णय लिया है…. इस कड़ी में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर प्रदेश कांग्रेस की ओर से दिल्ली जोड़ो यात्रा का आयोजन किया जा रहा है…. इसकी शुरुआत 23 अक्टूबर से होगी…. इस यात्रा में कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की प्रमुख भागीदारी होगी…. दिल्ली के मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने के लिए कांग्रेस का यह एक बड़ा दांव माना जा रहा है…. लोकसभा चुनाव के बाद से राहुल गांधी तमाम मुद्दों को लेकर जनता के बीच पहुंच रहें है… और लोगों की समस्याओं को सुन रहें है… जिसका असर भी देखने को मिल रहा  है…. जनता के बीच में राहुल गांधी का क्रेज बढ़ रहा है… लेकिन कहीं न कहीं पार्टी के नेताओं के बीच की अंतर्कलह राहुल गांधी के सारे प्लान पर पानी फेर देती है… जिसको लेकर कांग्रेस को अपने पार्टी के नेताओं की एक दूसरे से जारी विवाद को खत्म करना होगा… और आगामी चुनाव में एकजुट होकर पूरी मेहनत के साथ काम करना होगा… जिससे पार्टी को बहुत फायदा मिलेगा…

वहीं प्रदेश कांग्रेस ने इस यात्रा को त्योहारों के मद्देनजर चार चरणों में विभाजित किया गया है…. ताकि इसका आयोजन सुचारु रूप से हो सके… और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक कांग्रेस अपनी बात पहुंचा सके… पहला चरण तेइस अक्टूबर से अट्ठाइस अक्टूबर तक चलेगा…. दूसरा चरण चार नवंबर से दस नवंबर तक, तीसरा चरण बारह नवंबर से अट्ठारह नवंबर तक और चौथा व अंतिम चरण बीस नवंबर से अट्ठाइस नवंबर तक चलेगा… प्रदेश कांग्रेस के अनुसार हर चरण में अलग-अलग मुद्दों पर जोर दिया जाएगा…. जिनमें महंगाई, बेरोजगारी, प्रदूषण की समस्या, महिलाओं और युवाओं के अधिकार…. और दिल्ली की आम आदमी पार्टी और केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस के आरोप प्रमुख होंगे…. कांग्रेस अपनी न्याय यात्रा के जरिए यह संदेश देना चाहती है… कि वह जनता की समस्याओं को लेकर गंभीर है… और भाजपा व आप की नीतियों के खिलाफ एक मजबूत विकल्प है….

आप और भाजपा के मुकाबले कांग्रेस का जनाधार हाल के वर्षों में कमजोर हुआ है…. लेकिन इस बार पार्टी अपने पुराने मजबूत गढ़ों को फिर से हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है…. नेतृत्व का मानना है कि जनता भाजपा… और आप की नीतियों से निराश हो चुकी है… और कांग्रेस के पास अब मौका है कि वह पुराने मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करे…. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व को इस अभियान की रीढ़ माना जा रहा है…. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने देशभर में जो असर छोड़ा है… उसे दिल्ली में भी दोहराने की योजना है…. प्रियंका गांधी का सक्रिय रूप से दिल्ली की राजनीति में हस्तक्षेप भी पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है….

 

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