चुनावी बॉण्ड सबसे बड़ा वसूली गिरोह: राहुल

बोले- एक त्र किए गए धन का इस्तेमाल राजनीतिक दलों को  तोड़ने में किया गया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
ठाणे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की ओर से लाई गई गई चुनावी बॉण्ड योजना को दुनिया का सबसे बड़ा एक्सटॉर्शन रैकेट (जबरन वसूली गिरोह) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिमाग की उपज करार दिया। इस योजना को अब रद्द कर दिया गया है। राहुल ने दावा किया कि योजना के माध्यम से एकत्र किए गए धन का इस्तेमाल शिवसेना और राकांपा जैसे राजनीतिक दलों को तोडऩे और सरकारों को गिराने के लिए किया गया था। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर एक दिन पहले ही इस योजना से जुड़े आंकड़े सार्वजनिक किए गए थे।
उन्होंने कहा, कुछ साल पहले, प्रधानमंत्री ने राजनीतिक वित्त प्रणाली को साफ करने के लिए चुनावी बॉण्ड (योजना) तैयार करने का दावा किया था। पता चला कि यह भारत के सबसे बड़े कॉरपोरेट्स से पैसे ऐंठने का तरीका था। इसका उद्देश्य कॉरपोरेट्स को भाजपा को पैसा देने के लिए डराना था…यह दुनिया का सबसे बड़ा जबरन वसूली गिरोह है….मुझे उम्मीद है कि इसकी जांच होगी।
कांग्रेस शासित राज्यों में दिए गए ठेकों और हमें दी गई फंडिंग के बीच कोई संबंध नहीं कुछ कंपनियों द्वारा कांग्रेस को चुनावी बॉण्ड दान करने और पार्टी के शासन वाले राज्यों में अनुबंध प्राप्त करने के बारे में एक प्रश्न पर गांधी ने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा संचालित किसी भी सरकार ने राजमार्ग और रक्षा अनुबंध जैसे राष्ट्रीय स्तर पर अनुबंधों को नियंत्रित नहीं किया, न ही उन्होंने आयकर और प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों को नियंत्रित किया या लोगों के फोन में पेगासस (निगरानी सॉफ्टवेयर) डाला। उन्होंने आरोप लगाया, कांग्रेस द्वारा शासित राज्यों में दिए गए ठेकों और हमें दी गई फंडिंग के बीच कोई संबंध नहीं है…यह कॉर्पाेरेट भारत से एक आपराधिक जबरन वसूली है, और हर एक कॉर्पाेरेट यह जानता है। अनुबंध दिए जाने के महीनों बाद, कंपनियों ने भाजपा को चुनावी बॉण्ड दान किए हैं। सीबीआई, ईडी मामले दर्ज करती है और फिर कॉरपोरेट भाजपा को पैसा देते हैं। गांधी ने कहा, इस योजना का उद्देश्य कॉरपोरेट्स को गुमनाम रूप से धन दान करने की अनुमति देना था। अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के अंतिम चरण में महाराष्ट्र में मौजूद गांधी ने दावा किया, कुछ कंपनियों ने (पहले) कभी भाजपा को पैसा नहीं दिया, लेकिन उनके खिलाफ सीबीआई, ईडी के मामले दर्ज होने के बाद उन्होंने ऐसा किया।

प्रधानमंत्री की शह पर की  गई एक बड़ी चोरी

उन्होंने आरोप लगाया, यह प्रधानमंत्री की शह पर की गई एक बड़ी चोरी है। उन्होंने कहा, चुनावी बॉण्ड योजना प्रधानमंत्री के दिमाग की उपज थी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार करने के लिए राष्ट्रीय संस्थानों पर कब्जा कर लिया। उन्होंने आरोप लगाया, विपक्षी सरकारों को गिराने, शिवसेना और राकांपा जैसी पार्टियों को तोडऩे के लिए धन चुनावी बॉण्ड के माध्यम से प्राप्त किया गया था। कांग्रेस नेता ने कहा कि इससे ज्यादा राष्ट्रविरोधी कुछ नहीं हो सकता। ईडी और सीबीआई के भाजपा, आरएसएस की संस्थाएं बन जाने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि एक दिन भाजपा सरकार हटेगी और ऐसी गतिविधियों को दंडित किया जाएगा। यह मेरी गारंटी है कि ऐसी चीजें फिर कभी नहीं होंगी।

चुनावी बॉण्ड बहुत बड़ा घोटाला, जांच के लिए एसआईटी गठित हो : सिब्बल

नई दिल्ली। राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने चुनावी बॉण्ड योजना को बहुत बड़ा घोटाला करार दिया और कहा कि इस मामले की जांच के लिए अदालत द्वारा नियुक्त अधिकारियों का एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया जाए। चुनावी बॉण्ड के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दायर मामले में याचिकाकर्ताओं की पैरवी क र रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में यह आरोप भी लगाया कि यह योजना गैरकानूनी थी और इसका उद्देश्य एक राजनीतिक दल को इस तरह से समृद्ध करना था कि कोई भी अन्य राजनीतिक दल उसका मुकाबला नहीं कर सके। उनकी यह टिप्पणी निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावी बाण्ड के आंकड़े सार्वजनिक किए जाने के एक दिन बाद आई है। सिब्बल ने कहा, इस योजना को पूर्व वित्त मंत्री (अरुण जेटली) ने शुरू किया था और उन्होंने सोचा था कि इस तरह से कोई भी राजनीतिक दल हमसे (भाजपा) मुक ाबला नहीं कर पाएगा। वह सही साबित हुए। जिसके पास पैसा है, वही चुनावी मुकाबले में रह सकता है। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि किस राजनीतिक दल को कितना चंदा मिला। सवाल यह है कि बांड किसके पास गए? बांड संख्या का पता लगाया जा सकता है, यह जांच क ा विषय है। उन्होंने कहा कि जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया जाए और इसमें अदालत द्वारा नियुक्त स्वतंत्र अधिकारी हों।

राजनीतिक भ्रष्टाचार का  बड़ा मामला : माकपा

तिरुवंनतपुरम। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केरल इकाई के सचिव एम.वी. गोविंदन ने आरोप लगाया कि चुनावी बॉण्ड भारत में सामने आया सबसे बड़ा राजनीतिक भ्रष्टाचार है। माकपा ने आरोप लगाया कि सबसे बड़ी दानदाता सैंटियागो मार्टिन भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गई है, जो विभिन्न जांच का सामना कर रही है। गोविंदन ने कहा कि चुनावी बॉण्ड के माध्यम से भाजपा और कुछ अन्य दलों ने कई हजार करोड़ रुपए एकत्र किए हैं। उन्होंने कहा, आधे से ज्यादा बॉण्ड भाजपा को मिले हैं। एसबीआई द्वारा दिए गए ब्योरे के मुताबिक, अकेले भाजपा को 6060.51 क रोड़ रु पए मिले हैं। माक पा नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार देश में भ्रष्टाचार फै लाने का  प्रयास कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया, चुनावी बॉण्ड के माध्यम से एक त्र किए गए धन का उपयोग भाजपा द्वारा विधायकों  को  खरीदने, सरकारों को अस्थिर क रने के लिए किया गया।

‘जिन पर ईडी की छापेमारी हुई थी उन्होंने दिया बीजेपी को चंदा’

नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावी बॉण्ड के आंकड़े जारी कि ए जाने के एक दिन बाद आम आदमी पार्टी ने भाजपा को इन बॉण्ड के माध्यम से प्राप्त कु ल रकम का विवरण सार्वजनिक क रने की चुनौती दी। आप ने भाजपा पर अपराध से अर्जित आय प्राप्त करने का  आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी को  उन कंपनियों  से धन मिला, जिनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने छापेमारी की  थी। दिल्ली के कै बिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पूछा कि क्या भाजपा उन कं पनियों से धन लेने की  बात स्वीकार क रेगी, जिनके खिलाफ धन शोधन के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा करवाई  की गई थी। उन्होंने क हा, भारतीय जनता पार्टी को  चुनावी बॉण्ड के रू प में 6,000 क रोड़ रुपए से अधिक मिले, जो कि सी भी अन्य पार्टी की तुलना में सबसे बड़ा हिस्सा है। भाजपा यह क्यों नहीं बता रही कि उन्हें कि तना पैसा मिला है।

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