भाजपा को केवल आप ही कर सकती है साफ: केजरीवाल
- गुजरात में प्रचार अभियान का किया आगाज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
वडोदरा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गुजरात में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रचार अभियान का आगाज करते हुए कहा कि केवल उनकी पार्टी ही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को देश से खत्म कर सकती है। केजरीवाल ने लोगों से उनकी पार्टी को गुजरात में दो लोकसभा सीट पर चुनाव जीताने में मदद करने का भी आग्रह किया ताकि उनके सामने आने वाले मुद्दों को संसद में उठाया जा सके।
विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक दल के रूप में आप गुजरात की 26 लोकसभा सीट में से केवल दो सीट पर चुनाव लड़ रही है, जबकि बाकी की 24 लोकसभा सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। आम आदमी पार्टी भरूच और भावनगर सीट से चुनाव लड़ रही है। केजरीवाल ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, वर्ष 2022 के चुनाव से पहले हर कोई कह रहा था कि गुजरात में दो-दलीय प्रणाली है और कोई भी तीसरी पार्टी यहां कभी सफल नहीं होगी। लेकिन हमें पिछले विधानसभा चुनाव में हमें 14 प्रतिशत वोट मिले और हमने उस मिथक को तोड़ दिया। आप के संयोजक ने कहा, हमने शेर के मुंह से 14 फीसदी वोट छीन लिए। गुजरात भाजपा का गढ़ है और यहां इतनी अधिक संख्या में वोट पाना एक अच्छी सफलता है…मुझे लगता है कि अगर कोई ऐसी पार्टी है जो भाजपा को हरा सकती है और इसे देश से खत्म कर सकती है, तो वह आप है। और यह एक दिन होगा।
गुजरात के लोगों ने हमें राष्ट्रीय पार्टी बनाया
उन्होंने कहा कि गुजरात के लोगों ने आप को 14 फ ीसदी वोट दिए और इसे राष्ट्रीय पार्टी बना दिया। उन्होंने कहा, पिछले दो लोकसभा चुनाव में आपलोगों ने सभी 26 लोकसभा सीट पर भाजपा को जिताया, लेकिन उन्होंने पिछले 10 वर्षों में आपके लिए कोई काम नहीं किया। मैं आपलोगों से आम आदमी पार्टी को दो सीट देने का आग्रह करता हूं और हम लोकसभा में आपके सभी सवाल उठाएंगे और आपकी समस्याओं का समाधान करेंगे। भाजपा द्वारा चुने गए सांसद आपके किसी भी मुद्दे को संसद में नहीं उठा पा रहे हैं। उन्होंने गुजरात में आप के दोनों उम्मीदवारों (भरूच से चैतर वसावा और भावनगर से उमेश मकवाना) को समर्पित पार्टी कार्यक र्ता बताया। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, चैतर एक हीरो हैं क्योंकि उन्हें भाजपा सरकार ने एक महीने के लिए जेल में डाल दिया था, लेकिन इतना दबाव के बावजूद उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने के आमंत्रण को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि चैतर की पत्नी को भी सलाखों के पीछे डाल दिया गया था।