राहुल-प्रियंका ने पीएम मोदी पर किए तीखे प्रहार
- बोले-अमीरों की है एनडीए सरकार
- कांग्रेस बोली- हम हरियाणा में किसानों और गरीबों की सरकार चाहते हैं
- भाजपा ने भी किया पलटवार- कांगे्रस को मोदी से लगता है डर
- छोटी पार्टियों का रिमोट कंट्रोल बीजेपी के हाथ में
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। हरियाणा में चुनाव प्रचार अपने चरम पर पहुंच गया है। कांग्रेस और भाजपा का एक दूसरे पर हमला करने का सिलसिला भी तेज हो गया है। जहां नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार व पीएम मोदी पर तीखा प्रहार किया है। वहीं भाजपा ने भी कांगे्रस अध्यक्ष खरगे पर पलटवार करके उनके बयानों पर उन्हें घेरा है। उधर कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में बदलाव होगा। हरियाणा सरकार बनाना पहला कदम होगा।
उन्होंने कहा हरियाणा में बदलाव होगा लेकिन जब दिल्ली में सरकार आएगी तो मैं जानता हूं कि गरीबों की जेब में कितना पैसा जा रहा है और उनकी जेब से कितना पैसा निकल रहा है और मैं इसे छोडऩे वाला नहीं हूं। अंबाला में कांग्रेस सांसद और लोकसभा नेता राहुल गांधी ने एक सार्वजनिक रैली को संबोधित किया। राहुल गांधी ने कहा कि महिला शक्ति योजना के तहत महिलाओं के बैंक खातों में हर महीने 2000 रुपये जमा किये जायेंगे। एलपीजी सिलेंडर 500 रुपए में दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम सामाजिक सुरक्षा के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करेंगे और विधवाओं, बुजुर्गों और विकलांगों के बैंक खातों में हर महीने 6000 रुपए जाएंगे। गारंटीशुदा एमएसपी दी जाएगी। सब जो छोटी पार्टियां यहां (हरियाणा में चुनाव लड़ रही हैं) वे भाजपा की पार्टी हैं। उनका रिमोट कंट्रोल उनके हाथ में है। उन्होंने रकहा कि लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच है। यह विचारधारा की लड़ाई है। एक तरफ न्याय है, दूसरी तरफ अन्याय। यह मोदी जी की सरकार नहीं है। ये अडानी की सरकार है। हम हरियाणा में अडानी जी जैसे लोगों की सरकार नहीं चाहते। हम हरियाणा में किसानों और गरीबों की सरकार चाहते हैं।
स्वाभिमान से जीना चाहते हो तो इस सरकार को उखाड़ फेंको : प्रियंका
इस दौरान प्रियंका ने कहा कि हमारे पहलवानों के साथ क्या किया गया? उन्हें सड़क पर बैठाया गया, वे विरोध करते रहे। प्रधानमंत्री के पास उनसे मिलने के लिए 5 मिनट भी नहीं थे। और फिर आप सभी ने देखा कि हाल ही में ओलंपिक में क्या हुआ। आप लडऩे वाले लोग हैं, आप स्वाभिमानी हैं। आप महंगाई के खिलाफ लड़ रहे हैं, संघर्ष कर रहे हैं। सरकार आपके लिए कुछ नहीं कर रही। अगर आज स्वाभिमान से जीना चाहते हो, न्याय चाहते हो तो इस सरकार को उखाड़ फेंको।
रोजगार सृजन को लेकर मोदी सरकार ने डेटा से की छेड़छाड़ : जयराम
कांग्रेस ने रोजगार सृजन डेटा पर सरकार के दावों पर सवाल उठाया और कहा कि कोई भी स्पिन डॉक्टरिंग इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकती है कि 2014-2024 में नौकरियों के आभाव में वृद्ध देखी गई। संदर्भ जुलाई में जारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) केएलईएमएस (पूंजी, श्रम, ऊर्जा, सामग्री और सेवाओं के लिए संक्षिप्त नाम) डेटा रिपोर्ट का हवाला दिया जा रहा है। इसमें कहा गया था कि पिछले तीन-चार में लगभग 80 करोड़ नई नौकरियां पैदा हुईं। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी व्यापक बेरोजगारी के विपक्ष के दावों को खारिज करते हुए उसी रिपोर्ट का हवाला दिया था। तथ्य का हवाला देते हुए कांग्रेस ने दावा किया कि मौजूदा सत्ताधारी सरकार ने महिलाओं द्वारा किए गए अवैतनिक घरेलू काम को रोजग़ार के बराबर माना है, जो कोई नया रोजगार सृजन नहीं है।
खरगे पर बरसे शाह, कहा- कितनी नफरत है पीएम मोदी से
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाए बिना मरने वाला नहीं हूं बयान पर सियासी विवाद गहरा गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खरगे पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने अरुचिकर और अपमानजनक व्यवहार करके खुद अपने नेताओं और अपनी पार्टी को पीछे छोड़ दिया है। भाजपा नेता अमित शाह ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, कल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने भाषण में अपमानजनक बातें कहकर खुद अपने नेताओं और अपनी पार्टी को पीछे छोड़ दिया है। अपनी कटुता का प्रदर्शन करते हुए उन्होंने बेवजह प्रधानमंत्री को अपने निजी स्वास्थ्य मामलों में यह कहकर घसीटा कि वह पीएम मोदी को सत्ता से हटाने के बाद ही मरेंगे। उन्होंने कहा, इससे पता चलता है कि कांग्रेस के लोगों को पीएम मोदी से कितनी नफरत और डर है कि वे लगातार उनके बारे में सोचते रहते हैं। जहा तक खरगे के स्वास्थ्य की बात है पीएम मोदी, मैं और हम सभी प्रार्थना करते हैं कि वे लंबे समय तक स्वस्थ रहें। वे कई वर्षों तक जीवित रहें और 2047 तक विकसित भारत का निर्माण देखने के लिए जीवित रहें।
सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार को लगाई फटकार
- जस्टिस बोले- भगवान को राजनीति में न घसीटें
- मुख्यमंत्री नायडू के प्रेस जाने पर भी कोर्ट नाराज
- तिरुपति मंदिर के लड्डूओं में मिलावट मामले में सुनवाई
- शीर्ष अदालत ने उठाए कई सवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। तिरुपति देवस्थानम मंदिर के लड्डूओं में कथित रूप से पशुओं की चर्बी मिलाए जाने के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जा रही है। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है। जस्टिस विश्वनाथन ने कहा रिपोर्ट बिल्कुल भी स्पष्ट नहीं है, अगर आपने पहले ही जांच के आदेश दे दिए थे, तो प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी? रिपोर्ट जुलाई में आई, बयान सितंबर में आया।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले में प्रेस क्यों गए, हम उम्मीद करते हैं कि ईश्वर को राजनीति से दूर रख जाए। रिपोर्ट साफ कहती है कि घी इस्तेमाल नहीं हुआ। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वाई वी सुब्बा रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका में आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आरोपों की जांच की मांग की है। जबकि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वाई वी सुब्बा रेड्डी ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज के अधीन स्वतंत्र एसआईटी बनाकर इन आरोपों की जांच कराए जाने की मांग की है। वहीं राज्य सरकार ने याचिकाओं का विरोध किया है।
‘निर्माण सामग्री बिना जांच के रसोई घर में जा रही थीÓ
जस्टिस भूषण आर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष सुब्रमण्यन स्वामी के वकील ने कहा निर्माण सामग्री बिना जांच के रसोई घर में जा रही थी, जांच से खुलासा हुआ है, जबकि जिम्मेदार सिस्टम होना चाहिए ?क्योंकि ये देवता का प्रसाद होता है, जनता और श्रद्धालुओं के लिए वो परम पवित्र है, सुब्रमण्यम स्वामी के वकील ने कहा कि इस आरोप से सद्भावना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, आरोपों के बाद तिरूपति देवस्थानम के अधिकारी ने खुद कहा है कि मिलावटी घी का इस्तेमाल कभी नहीं किया गया है। वकील मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा ने सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्वामी खुद टीटीडी (तिरूमुला तिरूपति देवस्थानम) में मेंबर रह चुके है, स्वामी वर्तमान सरकार को निशाना बना रहे हैं।
धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए : जस्टिस गवंई
देवस्थानम के वकील लुथरा ने कहा कि हम जांच कर रहे हैं। जस्टिस गवई ने इसपर कहा कि फिर तुरंत प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी? धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए, जबकि जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि इस बात का सबूत कहां है कि यही घी लड्डू बनाने में इस्तेमाल किया गया था। कितने ठेकेदार सप्लाई कर रहे थे. क्या मान्यता प्राप्त घी मिलाए गए हैं। कहीं भी यह स्पष्ट नहीं है कि इसे उपयोग किया गया था यह परीक्षण किया गया है, और रिपोर्ट सार्वजनिक डोमेन में है, लेकिन जांच अभी लंबित है।
असम में बुलडोजर एक्शन पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने असम के सोनापुर में बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाते हुए यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित प्राधिकरण को कोर्ट के आदेश के उल्लंघन पर नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीती 17 सितंबर को अपने एक आदेश में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की बिना पूर्व अनुमति के देशभर में कहीं भी बुलडोजर से तोडफ़ोड़ नहीं होगी।