‘रायबरेली के मंच पर गरजे राहुल-प्रियंका’ भाजपा के छूटे पसीने!

4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा चुनाव में तीन चरणों के मतदान के बाद आज चौथे चरण के मतदान हो रहे हैं। देश भर के 10 राज्यों में कुल 96 सीटों पर चुनाव चल रहे हैं। ऐसे में जिन सीटों पर चुनाव हो चुके हैं उसके अलावा जो सीटें बची हुई हैं उनपर जोरदार प्रचार अभियान शुरू है। फिर चाहे वो इंडिया गठबंधन हो या NDA गठबंधन सभी के नेताओं में ज्यादा सीटें कवर करने की होड़ मची हुई है। कुछ नेता हैं जो अपनी सीटों पर काबिज रहने के लिए बड़े प्रयास कर रहे हैं तो वहीं कुछ नेता जनता के बीच पहुंच कर लुबाहवनी योजनाओं के बारे में बता रहे हैं जिससे की जनता उनकी बातों में आ कर भारी मात्रा में वोटिंग करे। खैर जनता किसपर कितना विश्वास जताएगी ये तो खैर आने वाले चुनावी परिणामों के बाद ही पता चल पाएगा लेकिन अभी के सियासी माहौल की अगर हम बात करें तो राजनीतिक माहौल काफी गर्म है और वोटरों को साधने के लिए तरह-तरह की दांव भी चली जा रही है। ऐसा नहीं है कि नेता सिर्फ वोटरों के बीच पहुँच रहे हैं बल्कि अन्य दलों के नेताओं की जमकर आलोचना भी कर रहे हैं। अब हाल फिलहाल की अगर अहम बात करें तो इन दिनों भले ही लोकसभा चुनाव पूरे देश में चल रहे हों लेकिन सबसे ज्यादा सियासी पारा उत्तर प्रदेश का हाई है ऐसा इस लिए भी है क्योंकि सर्वाधिक लोकसभा की सीटें यहीं पर हैं और इसी प्रदेश में पार्टियों को मिली सीटें यह तय करती हैं कि कौन से दाल का नेता अगला प्रधानमंत्री बनेगा।

लेकिन इनमें भी सभी सीटें पर चर्चा न होकर सिर्फ कुछ हॉट सीटों पर चर्चा हो रही है। इन्ही में से एक सीट है यूपी की रायबरेली सीट। जिसपर पिछले काफी समय से संसय बन हुआ था कि आखिर इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से कौन चुनाव लाएगा लेकिन अब इस समस्य से कांग्रेस पार्टी ने पर्दा उठा दिया है। न सिर्फ पर्दा उठाया बल्कि ऐसा नेता दिया है जिसके आने से भाजपा के खेमे में भूंचाल आ गया है। जी हाँ हम बात कर रहे हैं कांग्रेस के नेता राहुल गांधी कि जिनके रायबरेली से चुनाव लड़ने से एक तरफ जहां कांग्रेस कौर इंडिया गठबंधन के समर्थकों में भारी उत्साह है तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा खेमे में खलबली मची हुई है। ऐसा हो भी क्यों न एक तरफ जहां यह माना जा रहा था कि कांग्रेस का ग्राफ यूपी में गिरता जा रहा है वहीं राहुल गांधी के यूपी आने से इस ग्राफ में भारी सुधार देखने को भी मिल रहा है। अब रायबरेली से चुनाव लड़ने को लेकर राहुल गांधी काफी ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं। वहीं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी लगातार जनसभा करके भाजपा और पीएम मोदी पर भी बरस रहे हैं। हाल फिलहाल की अगर हम बात करें तो राहुल गांधी इन दिनों रायबरेली में हैं और जमकर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।

लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रत्याशी राहुल गांधी नामांकन के बाद पहली बार संसदीय क्षेत्र पहुंचे. दिल्ली से रायबरेली रवाना होने से पहले राहुल गांधी ने भारत की भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नमन् किया. अब इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है. इस संदर्भ में कांग्रेस की ओर से वीडियो जारी किया गया. वीडियो शेयर कर कांग्रेस ने लिखा- आज, रायबरेली की यात्रा से पहले राहुल गांधी ने अपनी दादी की शहादत स्थली, इंदिरा गांधी स्मारक पर उन्हें नमन किया। राहुल गांधी जी ने लिखा “उनकी उंगली थाम कर ही ज़िंदगी के पहले कदम लिए थे, और आज हर कदम पर उनका जीवन और उनके आदर्श मार्गदर्शक बन कर मेरे साथ हैं.” वहीं दिल्ली से रायबरेली आने के बाद राहुल गांधी ने एक जनसभा की. इस दौरान उन्होंने जनता से वादा किया कि सरकार बनी तो महिलाओं के खाते में जुलाई 2024 से हर महीने 8500 रुपये आएंगे. राहुल ने कहा कि सरकार बनी तो खटा-खट-खटा-खट पैसे ट्रांसफर होंगे. राहुल ने कहा कि रायबरेली के साथ हमारा रिश्ता वर्षों पुराना है. हमारे परदादा जवाहरलाल नेहरू जी ने अपना राजनीतिक जीवन यहीं से शुरू किया था. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले मैं माँ सोनिया गांधी के साथ बैठा था. मैंने माँ से कहा कि एक-दो साल पहले मैंने एक वीडियो में कह दिया कि मेरी दो माता थी एक सोनिया गांधी और दूसरी इंदिरा गांधी.

इतना ही नहीं राहुल गांधी इन दिनों लगातार भाजपा और पीएम मोदी पर बरस रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा और RSS पर निशाना सआदते हुए कहा कि हमारे देश के इतिहास में पहली बार, बीजेपी-आरएसएस के लोग हमारे संविधान को ख़त्म करना चाहते हैं. उनके नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि वे सत्ता में आए तो वे संविधान बदल देंगे.’ न सिर्फ राहुल गांधी बल्कि प्रियंका गांधी भी भाजपा पर जमकर घेर रही हैं। ऐसे में रायबरेली पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि यह रायबरेली वालों की खासियत है कि आजादी की लड़ाई से लेकर अब तक लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपने लड़ाई लड़ी. आज के समय में नेता जनता के बीच में न आकर जो मन में आता है वह कर रहे हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण हमारे प्रधानमंत्री मोदी हैं. पीएम मोदी देश के परिवार के मुखिया हैं, लेकिन उन्हें गाजा बाजा बहुत पसंद है. देश की जनता उन्हें अपने भूखे पेट के बारे में बताती है तो वे कहते हैं मैं तुम्हारा मान सम्मान बढ़ा रहा हूं. उनके साथ कोई एक गरीब आदमी नहीं दिखता बल्कि अमीर लोग दिखते हैं.

साथ ही उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी 10 साल से बनारस के सांसद हैं, लेकिन एक बार भी वह किसी गांव में नहीं गए, जबकि देश की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जब प्रधानमंत्री थे तब वे गांव-गांव जाकर लोगों से मिलते थे. आज किसानों से नहीं मिला जाता, वे आवारा जानवर की समस्या से त्रस्त हैं. खेती के हर सामान पर जीएसटी टैक्स लगा दिया गया है. किसान कर्ज ले रहा है, चुका नहीं पा रहा आत्महत्या कर रहा है. युवाओं में बेरोजगारी बढ़ गई है. परीक्षाएं युवा देते हैं, वह लीक हो जा रही है. 30-30 साल के युवा आज भी सिर्फ परीक्षाएं दे रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने नोट बन्दी को लेकर भी प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार ने बिना सोचे समझे नोट बन्दी की. देशभक्ति के नाम पर आपने कतार में लगकर अपनी छोटी छोटी बचत बैंक में डाल दी. काला धन लाने का वादा किया, जोकि फेल हो गया. उसके बाद जीएसटी लाई गई. छोटे व्यापारी आज भी इससे परेशान हैं.प्रियंका गांधी ने कहा कि आजादी के 55 साल में कांग्रेस पार्टी कभी दुनिया की सबसे ज्यादा पैसे वाली पार्टी नहीं बनी, लेकिन पिछले 10 साल में बीजेपी दुनिया की सबसे बड़ी पैसे वाली पार्टी बन गई. इसके पीछे कारण वह काला धन है, जो पीएम मोदी लाने की बात कहते थे. प्रियंका ने कहा कि नोटबंदी लगाकर जो काला धन लाने की बात होती थी वह सब चंदा के रूप में बीजेपी को चला गया है. इसका सबूत इलेक्टोरल बॉन्ड की रिपोर्ट है. इसमें उस कंपनी का नाम भी है जिसने वैक्सीन लगाई थी. उसने 52 करोड़ रुपये का चंदा बीजेपी को दिया है.

गौरतलब है कि आज देश में जिस तरह का राजनीतिक महल बना हुआ है इससे एक बात तो तय है कि भाजपा के सामने राहुल गांधी इस बार के चुनाव में कड़ी टक्कर दे रहे हैं। और एक दौर था जब भाजपा और पीएम मोदी के खिलाफ कोई चेहरा नहीं था वहीं अब राहुल गांधी न सिर्फ मोदी को टक्कर दे रहे हैं बल्कि विपक्ष के सबसे बड़े नेता के रूप में भी उभर रहे हैं। अब ऐसे में देखना ते होगा कि इस बार के चुनाव में जनता को किस दल के नेताओं की बातें ज्यादा समाज आएंगी और सत्ता में कौनसे दल का नेता आएगा।

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