यूएस में बोले राहुल, चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा किया है
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा का आज दूसरा दिन है। वो आज मशहूर स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में भारतीय छात्रों से मुखातिब हुए। राहुल ने कहा कि जब वो राजनीति में आए तो कभी सोचा भी नहीं था कि उनकी सदस्यता निलंबित की जाएगी। लेकिन इसमें भी एक खुशी की बात है कि मुझे लोगों से मिलने का, सेवा करने का मौका मिला है। इंडियन स्टूडेंट्स ने राहुल गांधी से भारत-चीन संबंधों को लेकर भी सवाल पूछा। राहुल ने एक छात्र ने पूछा कि आप अगले 5-10 सालो में भारत-चीन संबंधों को किस तरह डेवलप होते देख रहे हैं।
राहुल गांधी ने छात्र का जवाब देते हुए कहा कि ये बहुत कठिन है। मेरा मतलब है कि चीन ने हमारे कुछ क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है। राहुल अक्सर भारत में भी केंद्र सरकार को चीन के मुद्दे पर घेर चुके हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर भी उनके बयान पर प्रतिक्रिया दे चुके हैं। राहुल गांधी ने कहा कि दोनों मुल्कों के अडिय़ल रवैये से आप अच्छे संबंधों की उम्मीद नहीं लगा सकते। जून 2020 में ईस्टर्न लद्दाख की गलवान वैली में घातक झड़पों के बाद दोनों देशों के संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था। भारत ने कहा कि जब तक सीमा पर शांति नहीं होगी तब तक द्विपक्षीय संबंध नॉर्मल नहीं हो सकते।
स्टेनफोर्ट यूनिवर्सिटी में अपनी बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की नीति का समर्थन किया है। गांधी ने कहा कि पश्चिमी देशों के दबाव के बाद भी भारत का रूस के साथ अपना संबंध रखने के फैसले का मैं समर्थन करता हूं। राहुल गांधी से पूछा गया कि रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत के रूख को आप किस तरह देखते है। इसके जवाब में राहुल ने कहा कि रूस से हमारे पुराने संबंध हैं। रूस पर हमारी कुछ निर्भरताएं भी हैं। इसलिए मेरा रुख भारत सरकार के साथ है।
राहुल गांधी इस वक्त सांसद नहीं है। सूरत की एक कोर्ट ने 2019 मोदी सरनेम को लेकर की गई उनकी टिप्पणी मामले पर आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराया था। उनको दो साल की सजा भी सुनाई गई थी। सजा के ऐलान के बाद ही उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी। उनके संबोधन के दौरान ये दर्द भी छलका। राहुल ने कहा कि राजनीति में आने के बाद उन्होंने कभी ये नहीं सोचा था कि उनकी सदस्यता रद्द की जाएगी। राहुल ने कहा कि भारत में पूरा विपक्ष संघर्ष कर रहा है। सारा धन चुनिंदा वर्ग के पास ही है।